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चिट्टे के आरोपी को कोर्ट ने सुनाई चार साल की सजा, ये था मामला - Heroin cases in Himachal

Imprisonment in heroin case: प्रदेश में नशा तस्करी और नशे का सेवन करने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है. अक्सर युवा इसकी चपेट में आ रहे हैं. कोर्ट ने साल 2019 में हेरोइन के साथ पकड़े गए एक आरोपी को चार साल की सजा और एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया है.

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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : May 19, 2024, 12:58 PM IST

Imprisonment in heroin case
चिट्टे के आरोपी को कोर्ट ने सुनाई 4 साल की सजा (फाइल फोटो)

शिमला: चिट्टे के साथ पकड़े गए एक आरोपी को कोर्ट ने चार साल की सजा सुनाई है और एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. जुर्माना अदा ना करने पर आरोपी को एक साल के अतिरिक्त साधारण कारावास की सजा सुनाई जाएगी. जानकारी के मुताबिक यह मामला 08 सितंबर 2019 का है. पुलिस रात के करीब साढ़े 12 बजे गश्त पर पुराने बस स्टैंड से कृष्णा नगर की तरफ जा रही थी. उसी समय राजवीला होटल की तरफ से आ रहे लड़के से पूछताछ की. इस दौरान उसने अपना नाम प्रज्जवल शर्मा और उम्र 22 वर्ष बताया. साथ ही खुद को शिमला जिला स्थित कुमारसैन के मशोकरी गांव का निवासी बताया.

प्रज्जवल शर्मा ने अपनी पीठ पर बैग उठाया था. पुलिस ने बैग की तलाशी ली. तलाशी के दौरान बैग के अंदर पॉलिथीन लिफाफे में 15.09 ग्राम चिट्टा जब्त हुआ. आरोपी के खिलाफ सदर थाने में एफआईआर दर्ज की गई. पुलिस ने आरोपी के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया है. अभियुक्त के खिलाफ अभियोजन पक्ष ने 20 गवाहों के बयान कोर्ट में करवाए. कपिल मोहन गौतम जिला न्यायवादी (वन) शिमला ने मामले की पैरवी की. अब जसवंत सिंह ठाकुर की विशेष अदालत (वन) शिमला ने साक्ष्यों के मद्देनजर आरोपी प्रज्जवल शर्मा को 04 साल का कठोर कारावास और एक लाख का रुपये का जुर्माना लगाया है.

गौरतलब है कि 03 साल में हिमाचल में नशे की ओवरडोज से 58 युवाओं की मौत हो चुकी है. एनडीपीएस एक्ट के तहत नशे के मामलों का आंकड़ा देखें तो वर्ष 2014 में 644 मामले सामने आए थे. साल 2015 में ये आंकड़ा थोड़ा कम हुआ और प्रदेश में 622 मामले आए. साल 2016 में इन मामलों में बढ़ोतरी देखी गई और पुलिस ने 929 मामले दर्ज किए.

साल 2017 में प्रदेश 1010 मामले एनडीपीएस एक्ट के तहत आए. साल 2018 में 1342 मामले आए. वर्ष 2019 में यह आंकड़ा 1400 से अधिक हो गया था. वर्ष 2020 में ये मामले 1377 थे. साल 2021 में बढ़कर 1392 हुए और 2022 में 1517 हो गए. वर्ष 2023 में एनडीपीएस के तहत मामलों का आंकड़ा रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया. पिछले साल एनडीपीएस के तहत दर्ज मामलों की संख्या 2147 थी.

ये भी पढ़ें: चुनावी घमासान में गायब है नशे का मुद्दा, हिमाचल में ड्रग की ओवरडोज से तीन साल में 58 युवाओं की मौत, चिट्टा बना मौत का सामान

ये भी पढ़ें: जब दुनिया की सबसे छोटी महिला ज्योति आम्गे से मिले ग्रेट खली, "गुड़िया" की तरह उठाने पर भड़के यूजर्स... किए ये कॉमेंट्स

शिमला: चिट्टे के साथ पकड़े गए एक आरोपी को कोर्ट ने चार साल की सजा सुनाई है और एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. जुर्माना अदा ना करने पर आरोपी को एक साल के अतिरिक्त साधारण कारावास की सजा सुनाई जाएगी. जानकारी के मुताबिक यह मामला 08 सितंबर 2019 का है. पुलिस रात के करीब साढ़े 12 बजे गश्त पर पुराने बस स्टैंड से कृष्णा नगर की तरफ जा रही थी. उसी समय राजवीला होटल की तरफ से आ रहे लड़के से पूछताछ की. इस दौरान उसने अपना नाम प्रज्जवल शर्मा और उम्र 22 वर्ष बताया. साथ ही खुद को शिमला जिला स्थित कुमारसैन के मशोकरी गांव का निवासी बताया.

प्रज्जवल शर्मा ने अपनी पीठ पर बैग उठाया था. पुलिस ने बैग की तलाशी ली. तलाशी के दौरान बैग के अंदर पॉलिथीन लिफाफे में 15.09 ग्राम चिट्टा जब्त हुआ. आरोपी के खिलाफ सदर थाने में एफआईआर दर्ज की गई. पुलिस ने आरोपी के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया है. अभियुक्त के खिलाफ अभियोजन पक्ष ने 20 गवाहों के बयान कोर्ट में करवाए. कपिल मोहन गौतम जिला न्यायवादी (वन) शिमला ने मामले की पैरवी की. अब जसवंत सिंह ठाकुर की विशेष अदालत (वन) शिमला ने साक्ष्यों के मद्देनजर आरोपी प्रज्जवल शर्मा को 04 साल का कठोर कारावास और एक लाख का रुपये का जुर्माना लगाया है.

गौरतलब है कि 03 साल में हिमाचल में नशे की ओवरडोज से 58 युवाओं की मौत हो चुकी है. एनडीपीएस एक्ट के तहत नशे के मामलों का आंकड़ा देखें तो वर्ष 2014 में 644 मामले सामने आए थे. साल 2015 में ये आंकड़ा थोड़ा कम हुआ और प्रदेश में 622 मामले आए. साल 2016 में इन मामलों में बढ़ोतरी देखी गई और पुलिस ने 929 मामले दर्ज किए.

साल 2017 में प्रदेश 1010 मामले एनडीपीएस एक्ट के तहत आए. साल 2018 में 1342 मामले आए. वर्ष 2019 में यह आंकड़ा 1400 से अधिक हो गया था. वर्ष 2020 में ये मामले 1377 थे. साल 2021 में बढ़कर 1392 हुए और 2022 में 1517 हो गए. वर्ष 2023 में एनडीपीएस के तहत मामलों का आंकड़ा रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया. पिछले साल एनडीपीएस के तहत दर्ज मामलों की संख्या 2147 थी.

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