मंडी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते 25 फरवरी को वर्चुअल रूप से हिमाचल प्रदेश के लिए तीन मोबाइल फूड टेस्टिंग लैबोरेटरी वैन का शुभारंभ किया था. यह तीन वैन शिमला, हमीरपुर और मंडी जिला के लिए दी गई थी. करीब डेढ़ माह बीत जाने के बाद भी वैन के माध्यम से मंडी जिले में टेस्ट शुरू नहीं हो पाई है. पिछले कई दिनों से जिले के जोनल अस्पताल में टेस्टिंग वैन खड़ी है. ये वैन बिना दस्तावेज और ड्राइवर के धूल फांक रही है. इससे न केवल जनता के पैसे का दुरुपयोग हो रहा है, बल्कि इस मोबाइल वैन के माध्यम से मिलने वाली सुविधा से भी लोगों को वंचित होना पड़ रहा है.
मोबाइल वैन के मौके पर न केवल खाद्य पदार्थों की जांच करेगी, बल्कि सैंपल की जांच की रिपोर्ट भी मौके पर उपलब्ध कराएगी. विभाग द्वारा इस वैन का उपयोग उपभोक्ताओं को जागरूक करने के लिए भी किया जाएगा. इस वैन पर ईट राइट इंडिया, जागो ग्राहक जागो, फूड सेफ्टी ऑन व्हील्स, नो फ़ूड वेस्ट इत्यादि भी अंकित किया गया है.
इस बारे में मुख्य चिकित्सा अधिकारी नरेंद्र कुमार भारद्वाज ने बताया कि "इस वैन के लिए चालक और दस्तावेज संबंधी औपचारिकताएं अभी तक पूरी नहीं हो पाई है. इन औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद ही लोगों को इसका लाभ मिल पाएगा".
सीएमओ के मुताबिक अब तक इस वैन की आरसी भी नहीं बन पाई है. उसके लिए अप्लाई किया गया है. साथ ही इस वैन को चलाने के लिए ड्राइवर से जुड़ी गाइडलाइन भी नहीं मिली है. इसके लिए स्पेशल ड्राइवर नियुक्त होगा या फिर नहीं, इसकी जानकारी अभी तक नहीं है. ये औपचारिकताएं कब पूरी होंगी और कब लोगों को इस वैन का लाभ मिल पाएगा. इन सवालों का जवाब फिलहाल किसी के पास नहीं है.
गौरतलब है कि बीते 25 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिमाचल प्रदेश के तीन जिलों लिए मोबाइल फूड टेस्टिंग लैबोरेटरी वैन को नेरचौक मेडिकल कॉलेज में आयोजित कार्यक्रम के दौरान वर्चुअल माध्यम से हरी झंडी दिखाई थी. उसके बाद इन मोबाइल वैन का संचालन अभी तक नहीं हो पाया है.
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