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लाहौल स्पीति के प्राथमिक स्कूल ताबो के ताबो गोम्पा स्कूल में मर्ज करने पर रोक, हाईकोर्ट ने जारी किए आदेश - High Court Stay School Merger

Himachal Pradesh High Court stays merger of Tabo school: हिमाचल हाईकोर्ट ने लाहौल स्पीति के प्राथमिक स्कूल ताबो के ताबो गोम्पा स्कूल में मर्ज करने के आदेश पर रोक लगा दी है. पढ़िए पूरी खबर...

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट (FILE)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Sep 25, 2024, 8:08 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने लाहौल और स्पीति जिला के तहत आने वाली राजकीय केंद्र प्राथमिक पाठशाला ताबो को राजकीय प्राथमिक पाठशाला ताबो गोंपा में मर्ज करने पर रोक लगा दी है. हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति विवेक सिंह ठाकुर और न्यायाधीश रंजन शर्मा की खंडपीठ ने ये रोक लगाई है. इस संदर्भ में स्कूल मैनेजमेंट कमेटी ताबो की तरफ से दायर याचिका की सुनवाई के बयाद खंडपीठ ने ये आदेश जारी किए.

प्रार्थी कमेटी ने सरकार के 17 अगस्त को जारी उन आदेशों को अदालत में चुनौती दी थी, जिसके तहत राजकीय केंद्र प्राथमिक पाठशाला ताबो को राजकीय प्राथमिक पाठशाला ताबो गोंपा में मर्ज करने के लिए कहा गया था. प्रार्थियों का कहना है कि ताबो स्कूल में 6 बच्चे पढ़ रहे हैं और उक्त नोटिफिकेशन के अनुसार जिन स्कूलों में 5 या 5 से कम बच्चे हैं. केवल उन्हीं स्कूलों को साथ लगते स्कूलों में मर्ज किया जा रहा है.

याचिकाकर्ता का कहना है कि बीपीईओ यानी ब्लॉक प्राइमरी एजुकेशन अफसर काजा ने गलती से ताबो स्कूल में छात्रों की संख्या 4 बताई. जबकि वहां मई 2024 से 6 बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं. उनका कहना है कि जिस स्कूल में ताबो स्कूल को मर्ज किया जा रहा है, उसमें आने वाले बच्चों को मंदिर के प्रांगण में पढ़ाया जाता है. जबकि ताबो स्कूल के पास अपना भवन है. हाईकोर्ट ने इन तथ्यों को देखते हुए ताबो स्कूल में मर्जर पर रोक लगाने के आदेश पारित किए. गौरतलब है कि इससे पहले भी हाईकोर्ट ने प्रदेश के कई स्कूलों को मर्ज करने के आदेश पर रोक लगाया है.

शिमला: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने लाहौल और स्पीति जिला के तहत आने वाली राजकीय केंद्र प्राथमिक पाठशाला ताबो को राजकीय प्राथमिक पाठशाला ताबो गोंपा में मर्ज करने पर रोक लगा दी है. हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति विवेक सिंह ठाकुर और न्यायाधीश रंजन शर्मा की खंडपीठ ने ये रोक लगाई है. इस संदर्भ में स्कूल मैनेजमेंट कमेटी ताबो की तरफ से दायर याचिका की सुनवाई के बयाद खंडपीठ ने ये आदेश जारी किए.

प्रार्थी कमेटी ने सरकार के 17 अगस्त को जारी उन आदेशों को अदालत में चुनौती दी थी, जिसके तहत राजकीय केंद्र प्राथमिक पाठशाला ताबो को राजकीय प्राथमिक पाठशाला ताबो गोंपा में मर्ज करने के लिए कहा गया था. प्रार्थियों का कहना है कि ताबो स्कूल में 6 बच्चे पढ़ रहे हैं और उक्त नोटिफिकेशन के अनुसार जिन स्कूलों में 5 या 5 से कम बच्चे हैं. केवल उन्हीं स्कूलों को साथ लगते स्कूलों में मर्ज किया जा रहा है.

याचिकाकर्ता का कहना है कि बीपीईओ यानी ब्लॉक प्राइमरी एजुकेशन अफसर काजा ने गलती से ताबो स्कूल में छात्रों की संख्या 4 बताई. जबकि वहां मई 2024 से 6 बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं. उनका कहना है कि जिस स्कूल में ताबो स्कूल को मर्ज किया जा रहा है, उसमें आने वाले बच्चों को मंदिर के प्रांगण में पढ़ाया जाता है. जबकि ताबो स्कूल के पास अपना भवन है. हाईकोर्ट ने इन तथ्यों को देखते हुए ताबो स्कूल में मर्जर पर रोक लगाने के आदेश पारित किए. गौरतलब है कि इससे पहले भी हाईकोर्ट ने प्रदेश के कई स्कूलों को मर्ज करने के आदेश पर रोक लगाया है.

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