शिमला: जिस पुलिस भर्ती परीक्षा ने हिमाचल की जयराम ठाकुर सरकार को हिला कर रख दिया था, उसी पुलिस भर्ती मामले में सुख की सरकार उलझ चुकी है. सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार 11 महीने के अर्से में पुलिस विभाग में 1226 पद भरने की प्रक्रिया को आरंभ नहीं कर पाई है. आलम ये है कि पुलिस भर्ती के लिए अभी भर्ती एजेंसी ही अधिसूचित नहीं हो पाई है. पुलिस की सेवा में जाने के इच्छुक युवाओं को इससे निराशा का सामना करना पड़ रहा है. अब नौबत ये है कि 1226 पदों की भर्ती का मामला एक बार फिर से कैबिनेट मीटिंग में जाने वाला है.
लोकसेवा आयोग ने होल्ड की फाइल
हिमाचल की सुखविंदर सिंह सरकार ने पिछले साल सितंबर में पुलिस विभाग में कांस्टेबल के 1226 पद भरने का फैसला लिया था. इस तरह 11 महीने बीत जाने पर भी भर्ती प्रक्रिया वास्तव में आरंभ नहीं हो पाई है. कारण ये है कि राज्य लोकसेवा आयोग ने कुछ तकनीकी नियमों के पूरा न होने पर भर्ती संबंधी फाइल होल्ड कर दी है. वैसे भी लोकसेवा आयोग ग्रुप सी, जिसे क्लास थ्री कहा जाता है, उनके पदों पर भर्ती की प्रक्रिया को कंडक्ट नहीं करता. इसके लिए राज्य सरकार को एग्जेंप्शन फ्रॉम कंसल्टेशन रेगुलेशन रूल्स-1974 के अनुसार ये नोटिफाई करना होगा कि कांस्टेबल की भर्ती लोक सेवा आयोग को सौंपी जा रही है. चूंकि राज्य सरकार के संबंधित विभागों ने ये औपचारिकता पूरी नहीं की है, लिहाजा हिमाचल प्रदेश लोकसेवा आयोग ने भर्ती से जुड़ी सारी फाइलों को अभी होल्ड पर रख दिया है. आयोग का कहना है कि पहले इन पदों की भर्ती को नियम व कानून के अनुसार उसके दायरे में लाया जाए, तभी प्रक्रिया आगे बढ़ाई जाएगी.
अधिसूचित नहीं हुई भर्ती एजेंसी
हिमाचल में पुलिस के उपरोक्त पद भरने के लिए अभी भर्ती एजेंसी ही अधिसूचित नहीं हुई है. दरअसल हिमाचल प्रदेश सरकार के गृह विभाग ने पुलिस प्रशासन के साथ मिलकर भर्ती के नियम अधिसूचित किए थे. उन नियमों के अनुसार भर्ती एजेंसी भी अधिसूचित होनी थी, लेकिन ये काम अभी हुआ नहीं है. हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग को इस भर्ती का जिम्मा तो दिया गया, परंतु राज्य सरकार की तरफ से आवश्यक नोटिफिकेशन जारी नहीं की गई है.
पेंच ये फंसा हुआ है कि पुलिस की ये भर्तियां तृतीय श्रेणी के वर्ग में आती हैं और राज्य लोकसेवा आयोग क्लास थ्री श्रेणी की भर्तियां सामान्य तौर पर करता नहीं है. अब तकनीकी पेंच ये है कि यदि लोकसेवा आयोग ने ये भर्ती करनी भी है तो एग्जंपशन फ्रॉम कंसल्टेशन रेगुलेशन रूल्स-1974 के अनुसार सरकार को ये नोटिफाई करना होगा कि कांस्टेबल की भर्ती लोक सेवा आयोग को सौंपी जा रही है. चूंकि राज्य सरकार के संबंधित विभागों ने ये औपचारिकता पूरी नहीं की है, लिहाजा हिमाचल प्रदेश लोकसेवा आयोग ने भर्ती से जुड़ी सारी फाइलों को अभी होल्ड पर रख दिया है. इस बारे में सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू कई बार कह चुके हैं कि पुलिस भर्ती जल्दी की जाएगी, किंतु प्रक्रिया ही पूरी नहीं हो पाई है. मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने भी संबंधित विभागों को प्रक्रिया जल्द प्रोसेस करने के लिए कहा है.
महिला कोटा बढ़ाया राज्य सरकार ने
हिमाचल सरकार ने इस बार भर्ती के लिए महिलाओं का कोटा भी 25 फीसदी से 30 फीसदी किया है. कुछ नियम और जोड़े गए हैं. जैसे पहली बार ग्राउंड टेस्ट में सौ मीटर की दौड़ को शामिल किया गया है. पुलिस विभाग में कुल 1226 पोस्टों में से 870 पद पुरुष कांस्टेबल और 292 पद महिला कांस्टेबल के लिए तय किए गए हैं. इसके अलावा विभाग में 57 ड्राइवर भी भर्ती होने हैं. कुछ अन्य पद भी हैं. यही नहीं, कैबिनेट मीटिंग में जून महीने में राज्य सरकार ने इस भर्ती में 30 पद और भी जोड़े हैं. इसके अलावा राज्य सरकार ने आयु सीमा में भी एक साल की छूट दी है. नियम भी बदले गए हैं और इस भर्ती में स्टेट मेरिट ली जाएगी. इससे पहले पद भी जिलावार विज्ञापित होते थे और जिलावार ही भर्ती भी होती थी.
फिर कैबिनेट में जाएगा मामला
उल्लेखनीय है कि जयराम सरकार के समय पेपर लीक होने के कारण पुलिस भर्ती रद्द कर मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई थी. अब सुखविंदर सरकार के समय सितंबर 2023 में घोषित की गई भर्ती का मामला भी इधर से उधर झूल रहा है. सरकार ने भर्ती लोकसेवा आयोग को दे तो दी, लेकिन तय नियम अधिसूचित नहीं किए. आयोग ने फाइल होल्ड कर दी है. भर्ती एजेंसी कौन होगी, इसके लिए अब फिर से मामला कैबिनेट में जाएगा. ऐसे में भर्ती प्रक्रिया का इंतजार कर रहे युवाओं को निराशा का सामना करना पड़ रहा है.