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खत्म हुआ पटवारी-कानूनगो का विरोध प्रदर्शन, 1 महीने बाद आज से शुरू हो रही ऑनलाइन सेवाएं - PATWARI KANUNGO PROTEST ENDS

Himachal Patwari Kanungo Protest Ends: हिमाचल प्रदेश में 1 महीने बाद पटवारी और कानूनगो वापस अपने काम पर लौट रहे हैं. इसके साथ ही 1 माह बाद ऑनलाइन सुविधाएं भी शुरू हो गई हैं और आज से ऑनलाइन सर्टिफिकेट बनना भी शुरू हो जाएंगे. पटवारी-कानूनगो महासंघ ने ये फैसला सीएम सुक्खू के साथ बैठक के बाद लिया.

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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Aug 16, 2024, 10:51 AM IST

Himachal Patwari Kanungo Protest Ends
पटवारी-कानूनगो की सीएम सुक्खू के साथ बैठक (ETV Bharat)

शिमला: हिमाचल प्रदेश में 1 महीने के विरोध प्रदर्शन के बाद आज से पटवारी-कानूनगो वापस काम पर लौट रहे हैं. इसके साथ ही आज से ऑनलाइन सर्टिफिकेट बनना भी शुरू हो जाएंगे. पटवारी-कानूनगो द्वारा सुक्खू सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करते हुए ऑनलाइन सेवाएं बंद कर दी थी. जिसके चलते प्रदेश में लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था. 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस पर पटवारी-कानूनगो संघ की मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के साथ देहरा में बैठक हुई. जिसमें सीएम सुक्खू के आश्वासन के बाद संघ ने अपना प्रदर्शन खत्म किया और काम पर वापस लौटने का फैसला लिया.

पटवारी-कानूनगो क्यों कर रहे थे प्रदर्शन

गौरतलब है कि 12 जुलाई को हुई कैबिनेट बैठक में सुक्खू सरकार ने ये फैसला लिया था कि अब से पटवारी, कानूनगो और नायब तहसीलदार जिला कैडर के बजाए स्टेट कैडर में माने जाएंगे. जिसके बाद से पटवारी और कानूनगो ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था. पटवारी-कानूनगो संघ ने सरकार को फैसला वापस लेने के लिए चेताया, लेकिन जब सरकार अपने फैसले पर अडिग रही तो 15 जुलाई से पटवारी और कानूनगो ने सभी ऑनलाइन सेवाएं देना बंद कर दिया. जिसके चलते अब लोग ऑनलाइन सर्टिफिकेट नहीं बनवा पा रहे थे. हालांकि इस दौरान ऑफलाइन सुविधाएं जारी रहीं.

कौन-कौन सी ऑनलाइन सुविधाएं हुई शुरू

पटवारी-कानूनगो ने सरकार के फैसले के खिलाफ नाराजगी जताते हुए ऑनलाइन सेवाएं बंद कर दी. जिसके चलते प्रदेश के सभी नगर निगमों, नगर परिषदों, नगर पंचायतों और पंचायतों में लोगों के ऑनलाइन हिमाचली बोनाफाइड, आय प्रमाण पत्र, कृषक प्रमाण पत्र और ईडब्लूएस आदी प्रमाण पत्र बनना बंद हो गए. जिससे लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा. जो कि आज से दोबारा शुरू हो गई हैं.

बैठकों के बाद भी नहीं बनी सहमति

हालांकि इस दौरान पटवारी-कानूनगो महासंघ और सुक्खू सरकार के बीच बैठकों का दौर भी चला, लेकिन इसमें भी सहमति नहीं बन पाई. बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी के साथ महासंघ की बैठक हुई थी. जिसमें सरकार अपने फैसले पर अड़ी रही. वहीं, पटवारी और कानूनगो भी स्टेट कैडर से वापस जिला कैडर पर किए जाने की अपनी मांग पर डटे रहे. जिसके चलते हर बार बैठक बेनतीजा रही. हालांकि सरकार ने इस बीच सुक्खू सरकार ने सेवाएं नहीं दे रहे पटवारी-कानूनगो को सस्पेंड करने करने की चेतावनी भी जारी की, लेकिन सरकार के अल्टीमेटम के बाद भी कर्मचारी अपनी मांगों पर अड़े रहे.

सीएम सुक्खू ने महासंघ को दिया आश्वासन

बीते रोज देहरा में सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू और पटवारी-कानूनगो महासंघ के बीच हुई बैठक के बाद आखिरकार पटवारी और कानूनगो ने अपना विरोध प्रदर्शन वापस ले लिया है. वहीं, सीएम सुक्खू ने भी महासंघ को आश्वासन दिया है कि प्रतिनिधिमंडल की जायज मांगों का सरकार समाधान करेगी. सीएम सुक्खू ने पटवारी और कानूनगो से कहा कि सरकार का उन्हें स्टेट कैडर बनाना नीतिगत फैसला है, जिसमें वे सहयोग दें.

राहत कोष में देंगे एक दिन का वेतन

संयुक्त ग्रामीण राजस्व अधिकारी एवं कानूनगो संघ के अध्यक्ष सतीश चौधरी ने कहा, "मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के साथ पटवारी कानूनगो संघ की करीब 45 मिनट तक बैठक हुई है. सीएम सुक्खू ने मांगों को सुनने के बाद समाधान का आश्वासन दिया है. आपदा के समय पटवारी और कानूनगो सरकार और आम जनता के साथ खड़े रहे. आगामी समय में भी सरकार की सभी योजनाओं के कार्यान्वयन के लिए पूरी निष्ठा एवं समर्पण भाव से कार्य सुनिश्चित किया जाएगा. सभी पटवारी और कानूनगो अपने एक दिन का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में देंगे".

ये भी पढ़ें: 75 साल के पेंशनर्स को राहत, लेकिन पूरी नहीं हुई DA की आस, सीएम सुक्खू बोले- लेने होंगे कड़े फैसले

शिमला: हिमाचल प्रदेश में 1 महीने के विरोध प्रदर्शन के बाद आज से पटवारी-कानूनगो वापस काम पर लौट रहे हैं. इसके साथ ही आज से ऑनलाइन सर्टिफिकेट बनना भी शुरू हो जाएंगे. पटवारी-कानूनगो द्वारा सुक्खू सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करते हुए ऑनलाइन सेवाएं बंद कर दी थी. जिसके चलते प्रदेश में लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था. 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस पर पटवारी-कानूनगो संघ की मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के साथ देहरा में बैठक हुई. जिसमें सीएम सुक्खू के आश्वासन के बाद संघ ने अपना प्रदर्शन खत्म किया और काम पर वापस लौटने का फैसला लिया.

पटवारी-कानूनगो क्यों कर रहे थे प्रदर्शन

गौरतलब है कि 12 जुलाई को हुई कैबिनेट बैठक में सुक्खू सरकार ने ये फैसला लिया था कि अब से पटवारी, कानूनगो और नायब तहसीलदार जिला कैडर के बजाए स्टेट कैडर में माने जाएंगे. जिसके बाद से पटवारी और कानूनगो ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था. पटवारी-कानूनगो संघ ने सरकार को फैसला वापस लेने के लिए चेताया, लेकिन जब सरकार अपने फैसले पर अडिग रही तो 15 जुलाई से पटवारी और कानूनगो ने सभी ऑनलाइन सेवाएं देना बंद कर दिया. जिसके चलते अब लोग ऑनलाइन सर्टिफिकेट नहीं बनवा पा रहे थे. हालांकि इस दौरान ऑफलाइन सुविधाएं जारी रहीं.

कौन-कौन सी ऑनलाइन सुविधाएं हुई शुरू

पटवारी-कानूनगो ने सरकार के फैसले के खिलाफ नाराजगी जताते हुए ऑनलाइन सेवाएं बंद कर दी. जिसके चलते प्रदेश के सभी नगर निगमों, नगर परिषदों, नगर पंचायतों और पंचायतों में लोगों के ऑनलाइन हिमाचली बोनाफाइड, आय प्रमाण पत्र, कृषक प्रमाण पत्र और ईडब्लूएस आदी प्रमाण पत्र बनना बंद हो गए. जिससे लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा. जो कि आज से दोबारा शुरू हो गई हैं.

बैठकों के बाद भी नहीं बनी सहमति

हालांकि इस दौरान पटवारी-कानूनगो महासंघ और सुक्खू सरकार के बीच बैठकों का दौर भी चला, लेकिन इसमें भी सहमति नहीं बन पाई. बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी के साथ महासंघ की बैठक हुई थी. जिसमें सरकार अपने फैसले पर अड़ी रही. वहीं, पटवारी और कानूनगो भी स्टेट कैडर से वापस जिला कैडर पर किए जाने की अपनी मांग पर डटे रहे. जिसके चलते हर बार बैठक बेनतीजा रही. हालांकि सरकार ने इस बीच सुक्खू सरकार ने सेवाएं नहीं दे रहे पटवारी-कानूनगो को सस्पेंड करने करने की चेतावनी भी जारी की, लेकिन सरकार के अल्टीमेटम के बाद भी कर्मचारी अपनी मांगों पर अड़े रहे.

सीएम सुक्खू ने महासंघ को दिया आश्वासन

बीते रोज देहरा में सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू और पटवारी-कानूनगो महासंघ के बीच हुई बैठक के बाद आखिरकार पटवारी और कानूनगो ने अपना विरोध प्रदर्शन वापस ले लिया है. वहीं, सीएम सुक्खू ने भी महासंघ को आश्वासन दिया है कि प्रतिनिधिमंडल की जायज मांगों का सरकार समाधान करेगी. सीएम सुक्खू ने पटवारी और कानूनगो से कहा कि सरकार का उन्हें स्टेट कैडर बनाना नीतिगत फैसला है, जिसमें वे सहयोग दें.

राहत कोष में देंगे एक दिन का वेतन

संयुक्त ग्रामीण राजस्व अधिकारी एवं कानूनगो संघ के अध्यक्ष सतीश चौधरी ने कहा, "मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के साथ पटवारी कानूनगो संघ की करीब 45 मिनट तक बैठक हुई है. सीएम सुक्खू ने मांगों को सुनने के बाद समाधान का आश्वासन दिया है. आपदा के समय पटवारी और कानूनगो सरकार और आम जनता के साथ खड़े रहे. आगामी समय में भी सरकार की सभी योजनाओं के कार्यान्वयन के लिए पूरी निष्ठा एवं समर्पण भाव से कार्य सुनिश्चित किया जाएगा. सभी पटवारी और कानूनगो अपने एक दिन का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में देंगे".

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