शिमला: हिमाचल में पटवारी और कानूनगो के जिला स्तर के कैडर को बदलकर स्टेट कैडर किए जाने से सरकार और महासंघ के बीच टकराव जारी है. प्रदेश मंत्रिमंडल की 12 जुलाई को सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में आयोजित हुई कैबिनेट की बैठक में पटवारियों और कानूनगो को स्टेट कैडर में बदले जाने का फैसला लिया गया था. जिस पर विरोध जताते हुए संयुक्त ग्रामीण राजस्व अधिकारी एवं कानूनगो महासंघ ने 15 जुलाई से ऑनलाइन सर्टिफिकेट की सेवाएं न देने का फैसला लिया था.
सुक्खू सरकार को महासंघ का अल्टीमेटम
ऐसे में पिछले 23 दिनों से ऑनलाइन सर्टिफिकेट न बनने से आम जनता परेशान है. हालांकि महासंघ ने आपदा के कार्य को इस फैसले से बाहर रखा है. वहीं, मानवीय पहलुओं को देखते हुए महासंघ मंडी, कुल्लू और शिमला जिले में बादल फटने की घटनाओं के बाद 6 और 7 अगस्त को मास कैजुअल लीव पर जाने का अपना फैसला भी स्थगित कर दिया, लेकिन इसके साथ ही महासंघ ने सुक्खू सरकार को स्टेट कैडर की अधिसूचना जारी न करने का अल्टीमेटम दे दिया है. इसके बाद भी अगर अधिसूचना जारी होती है तो प्रदेश भर में सभी 3350 पटवारी और कानूनगो कलम छोड़ हड़ताल शुरू देंगे.
राजस्व मंत्री के साथ हुई बैठक रही बेनतीजा
हिमाचल प्रदेश संयुक्त ग्रामीण राजस्व अधिकारी एवं कानूनगो महासंघ की स्टेट कैडर पर फैसला लेने को लेकर 29 जुलाई को प्रदेश सचिवालय में राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी के साथ आयोजित हुए बैठक भी बेनतीजा रही थी. सरकार ने भी पटवारियों और कानूनगो को जिला से स्टेट कैडर में बदले जाने के फैसले को वापस लेने से साफ इनकार कर दिया था. राजस्व मंत्री का कहना था, "स्टेट कैडर के निर्णय से पटवारी और कानूनगो के प्रमोशन व सिनियोरिटी पर असर पड़ने वाला नहीं है. संघ का तर्क था कि अगर किन्नौर के किसी राजस्व कर्मचारी की बदली ऊना के लिए हो जाती है तो संबंधित कर्मचारी वहां के रीति-रिवाज से अनजान होगा. इस तरह के तर्कों को नहीं माना जा सकता है." ऐसे में पटवारी और कानूनगो ऑनलाइन सर्टिफिकेट की सेवाएं न दिए जाने के अपने फैसले पर टिके हैं. वहीं, अगर इस दौरान पटवारियों और कानूनगो के खिलाफ सरकार की तरफ से कोई कार्रवाई की जाती है तो महासंघ ने उसी वक्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का भी पहले ही अल्टीमेटम जारी किया है.
हिमाचल प्रदेश संयुक्त ग्रामीण राजस्व अधिकारी एवं कानूनगो महासंघ के अध्यक्ष सतीश चौधरी का कहना है, "प्रदेश के तीन जिलों में बादल फटने की घटनाओं को देखते हुए जनहित में मास कैजुअल लीव पर जाने के फैसले को स्थगित किया गया है. कैडर बदलने को लेकर संघर्ष जारी रहेगा. इस बीच अगर सरकार कैडर को लेकर अधिसूचना जारी करती है तो प्रदेश भर में पटवारी और कानूनगो कलम छोड़ हड़ताल पर चले जाएंगे."