शिमला: हिमाचल में पिछले एक महीने से ऑनलाइन सेवाएं बंद होने से परेशान लोगों के लिए राहत की खबर है. प्रदेश में लोगों के शुक्रवार से ऑनलाइन सर्टिफिकेट बनने शुरू हो जाएंगे. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के साथ हुई संयुक्त ग्रामीण राजस्व अधिकारी एवं कानूनगो महासंघ की बैठक में बाद पटवारियों और कानूनगो ने काम पर लौटने का निर्णय लिया है, जिसके बाद लोगों को राजस्व से संबंधित बंद पड़ी ऑनलाइन सुविधा फिर से मिलनी आरंभ हो जाएगी. बता दें कि स्टेट कैडर का दर्जा देने से नाराज महासंघ ने 15 जुलाई से ऑनलाइन सेवाएं देनी बंद कर दी थी. जिस कारण लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था.
जायज मांगों को मानने का दिया आश्वासन: सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के साथ देहरा में हुई बैठक के बाद राज्य पटवारी और कानूनगो संघ ने काम पर लौटने का निर्णय लिया है. इस दौरान मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधिमंडल को जायज मांगों का समाधान करने का आश्वासन दिया है. सीएम ने कहा कि पटवारी और कानूनगो का राज्य कैडर किया जाना सरकार का नीतिगत फैसला है. उन्होंने पटवारी और कानूनगो से सरकार की इस पहल में सहयोग करने को कहा. उन्होंने कहा कि सरकार की योजनाओं को धरातल पर लागू करने के लिए पटवारी और कानूनगो की महत्वपूर्ण भूमिका होती है. आम लोगों को पेश आ रही समस्याओं के समाधान के लिए सरकार एक मिशन मोड पर कार्य कर रही है. इसमें पटवारी और कानूनगो की बेहद अहम भूमिका है. मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि सरकार उनकी सुविधाएं बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है. राज्य सरकार ने पुरानी पेंशन योजना को बहाल किया है और कर्मचारियों की वित्तीय देनदारियों को चरणबद्ध तरीके से भुगतान किया जाएगा.
मुख्यमंत्री से साथ 45 मिनट हुई बैठक
संयुक्त ग्रामीण राजस्व अधिकारी एवं कानूनगो संघ के अध्यक्ष सतीश चौधरी ने कहा, "मुख्यमंत्री के साथ संयुक्त ग्रामीण राजस्व अधिकारी एवं कानूनगो संघ की करीब 45 मिनट तक बैठक हुई है. सीएम ने मांगों को ध्यानपूर्वक सुनने के बाद समाधान का आश्वासन दिया है. पटवारी और कानूनगो आपदा के समय सरकार और आम जनता के साथ खड़े रहे. अब आने वाले समय में भी सरकार की सभी योजनाओं के कार्यान्वयन के लिए पूर्ण निष्ठा एवं समर्पण भाव से कार्य सुनिश्चित किया जाएगा. सभी पटवारी और कानूनगो अपने एक दिन का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में देंगें".
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