शिमला: हिमाचल में डीए और एरियर का भुगतान करना सरकार के गले की फांस बन गया है. देहरा में आयोजित राज्य स्तरीय स्वतंत्रता दिवस समारोह के उपलक्ष्य में सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के संबोधन में डीए और एरियर का जिक्र न होने से कर्मचारी संगठन सड़कों पर उतर गए हैं. ऐसे में अब डीए और एरियर को लेकर कर्मचारी और सरकार आमने-सामने हैं. मामले को गरमाता देख कर अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ ने कल मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह से मुलाकात करने का निर्णय लिया है. इस दौरान सीएम के सामने कर्मचारियों की विभिन्न समस्याओं को उठाया जाएगा.
जेसीसी की बैठक बुलाने का आग्रह: अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप ठाकुर और महासचिव भरत शर्मा ने कहा, "मुख्यमंत्री से जल्द ही संयुक्त संयुक्त सलाहकार समिति (JCC) की बैठक करने का भी आग्रह किया जाएगा, ताकि कर्मचारियों की विभिन्न समस्याओं का निपटारा हो सके. इस दौरान कर्मचारियों की मुख्य मांगों में विभिन्न विभागों के कामकाज को सुचारू रूप से चलाने के लिए सभी रिक्त पदों को जल्द भरना, साल में दो बार कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों का नियमितीकरण करना, 12 प्रतिशत महंगाई भत्ते का भुगतान और वर्ष 2016 के वेतन आयोग के संशोधित एरियर की अदायगी की मांग की जाएगी".
उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग के कर्मचारियों को पहले की तरह यात्रा सुविधा का प्रावधान करना, विभिन्न विभागों में वेतन विसंगति को जल्द दूर करना, हिमाचल प्रदेश विद्युत निगम, जिला परिषद, अन्य छूटे विभागों के लिए पुरानी पेंशन का प्रावधान, सभी चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की आयु 58 से बढ़ाकर 60 वर्ष करना, आगामी विधानसभा सत्र में पुरानी पेंशन बहाली संबंधित कानून बनाने, विभिन्न विभाग के विभिन्न वर्गों के पद नाम बदलना, जल रक्षक का अनुबंध में शामिल करने के लिए अवधि 12 वर्ष से घटाकर 8 वर्ष करने को लेकर सीएम सुक्खू से बात की जाएगी.
वहीं, उन्होंने कहा कि सीएम सुक्खू से मुलाकात के दौरान आवास भत्ते में लंबे समय से वृद्धि न होने के कारण विभिन्न कर्मचारी वर्ग का आवास भत्ता बढ़ाने की मांग, विभागीय पदोन्नती समय पर करने, करुणामूलक आधार पर विभिन्न विभागों में लंबित मामलों का निपटारा, वन टाइम रिलैक्सेशन देकर नियुक्ति देना, जिला परिषद कर्मचारियों को ग्रामीण विकास विभाग में मर्ज करने, मिड डे मील वर्कर, आंगनवाड़ी सहायिका के लिए स्थाई नीति, आउटसोर्स कर्मचारी के लिए स्थाई नीति, मल्टी टास्क कर्मी के लिए स्थाई नीति, सहित अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की जाएगी.