शिमला: कांग्रेस नेता और बुशहर रियासत के राजा विक्रमादित्य सिंह वैसे तो सौ करोड़ रुपये से भी अधिक संपत्ति के मालिक हैं, लेकिन उनके कुछ बैंक खाते ऐसे भी हैं, जिनमें मामूली सी रकम जमा है. ये रकम इतनी कम है कि एक साधारण आय वाले व्यक्ति के बैंक खाते में भी उससे अधिक रकम हो सकती है. ये रोचक तथ्य विक्रमादित्य सिंह की संपत्ति से जुड़े हलफनामे में सामने आया है. वैसे तो विक्रमादित्य सिंह के पास अन्य बैंक खातों में लाखों रुपये की रकम है, लेकिन कुछ बैंक खाते मामूली रकम वाले भी हैं. यहां उनके बारे में जानना दिलचस्प होगा.
शिमला स्थित एक निजी बैंक एचडीएफसी में विक्रमादित्य सिंह की पासबुक में महज 123 रुपये हैं. इसी तरह कालीबाड़ी एसबीआई की शाखा में 2774 रुपये, राज्य सहकारी बैंक में 1222 रुपये, एक्सिस बैंक रामपुर में 828 रुपये और आईसीआईसीआई शिमला की शाखा में 11373 रुपये की रकम है. इसी बैंक की एक अन्य शाखा में 18943 रुपये है. संभव है कि इन बैंक खातों को ऑपरेट करने में विक्रमादित्य सिंह की दिलचस्पी नहीं हो, लेकिन ये रोचक तथ्य जरूर है.
इसके अलावा विक्रमादित्य सिंह के पास विधानसभा स्थित यूको बैंक की शाखा में 33.12 लाख रुपये से अधिक की धन राशि जमा हैं. ये संभवत उनका वेतन वाला खाता होगा. एसबीआई कालीबाड़ी शाखा के एक अन्य खाते में 4.49 लाख रुपये से अधिक और पीपीएफ खाते में 4.82 लाख रुपये हैं.
कृषि आय में भी निरंतर बढ़ोतरी
मंडी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे विक्रमादित्य सिंह के पास विभिन्न स्रोतों से लाखों रुपये सालाना की आय है. इसी कड़ी में विक्रमादित्य सिंह की कृषि आय भी है. खेती-बागवानी से विक्रमादित्य सिंह की आय साल-दर-साल बढ़ रही है. इन्कम टैक्स रिटर्न के पांच साल के आंकड़ों को देखें तो वर्ष 2018-19 में विक्रमादित्य सिंह ने कृषि से 6 लाख, 38 हजार से अधिक आय दर्शाई है. इसी तरह वर्ष 2021-22 में ये बढक़र 16 लाख, 88 हजार रुपये से अधिक हो गई. वर्ष 2019-20 व 20120-21 में कृषि आय सबसे अधिक थी. तब ये क्रमश: 19 लाख, 55 हजार, 098 रुपये और 19 लाख, 95 हजार रुपये थी.
नामांकन पत्र भरने के दौरान दाखिल किए गए हलफनामे में विक्रमादित्य सिंह की संपत्ति का पूरा ब्योरा दर्ज है. यदि आयकर रिटर्न वाले हिस्से को देखें तो गैर कृषि कार्य से अर्जित आय भी लगातार बढ़ रही है. वर्ष 2018-19 में गैर कृषि कार्यों से विक्रमादित्य सिंह को एक वित्तीय वर्ष में 29.39 लाख रुपये की आय हुई है. फिर वर्ष 2019-20 में गैर कृषि कार्यों से आय बढ़कर 35.10 लाख रुपये हो गई.
अगले वित्तीय वर्ष में इस आय का आंकड़ा कम हो गया और 24.95 लाख रुपये दर्ज किया गया. वित्तीय वर्ष 20-21-22 में इस आय में उछाल आया और ये 36.95 लाख रुपये हो गई. पिछले वित्तीय वर्ष यानी 2022-23 में ये बढक़र 53.57 लाख रुपये हो गई. वहीं, हिंदु अनडिवाइडिड फैमिली (एचयूएफ) यानी हिंदू अविभाजित परिवार के तहत भी 2022-23 में 19.41 लाख कृषि आय और 2.84 लाख गैर कृषि आय दर्शाई गई है.
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