शिमला: हिमाचल में आखिरी चरण में 01 जून को लोकसभा के लिए मतदान होना है. जिसके लिए अब उल्टी गिनती शुरू हो गई है. वहीं प्रदेश की चारों सीटों के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने की प्रकिया चल रही है. जिसकी अंतिम तारीख 14 मई निर्धारित की गई है. ऐसे में दोनों ही बड़े राजनीतिक दल भाजपा और कांग्रेस ने चुनाव प्रचार में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है.
अभी दोनों ही दलों में प्रदेश स्तर के बड़े नेताओं ने चुनाव प्रचार का जिम्मा संभाला है. आने वाले दिनों में भाजपा और कांग्रेस में राष्ट्रीय स्तर के बड़े नेता छोटे पहाड़ी राज्य हिमाचल में सियासी माहौल को हवा देने के लिए आएंगे. पिछले चुनाव की बात करें तो सत्ता में बैठी कांग्रेस के सामने लीड को तोड़ने की बड़ी चुनौती रहेगी. वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के सभी प्रत्याशी 3.27 लाख के अधिक से मार्जिन से चुनाव जीते थे. भाजपा इस बार भी मोदी की उपलब्धियों को गिनाकर वोट मांग रही है. वहीं कांग्रेस को इस चुनाव में अपनी सरकार के सत्ता में होने का सहारा है.
कांगड़ा में भाजपा की सबसे बड़ी जीत
हिमाचल में वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में चारों सीटों पर भाजपा की ऐतिहासिक जीत हुई थी. वहीं कांग्रेस की प्रदेश में अब तक हुए लोकसभा चुनाव के इतिहास में सबसे बड़ी हार का सामना करने पड़ा था. इस बात की गवाही भाजपा प्रत्याशियों की जीत मार्जिन के आंकड़े दे रहे हैं. पिछले चुनाव में कांगड़ा संसदीय सीट पर भाजपा प्रत्याशी किशन कपूर सबसे अधिक 4,77,628 वोटों के अंतर से चुनाव जीते थे. भाजपा प्रत्याशी को कुल 7,25,218 मत पड़े थे, कांग्रेस प्रत्याशी पवन काजल को 2,47,595 वोट पड़े थे. वहीं मंडी संसदीय सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी आश्रय शर्मा 4,05,459 मतों के अंतर से चुनाव में पिछड़ गए थे. आश्रय शर्मा को 2,41,730 मत प्राप्त हुए थे, भाजपा उम्मीदवार राम स्वरूप को 6,47,189 वोट पड़े थे.
हमीरपुर में अनुराग के आगे धराशाई कांग्रेस
वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस को भाजपा प्रत्याशी अनुराग ठाकुर से 3,99,572 मतों के अंतर से चुनाव हार कर मुंह की खानी पड़ी थी. भाजपा को कुल 6,82,692 मत मिले थे. कांग्रेस उम्मीदवार रामलाल ठाकुर को 2,83,120 मतों पर संतोष करना पड़ा था. इसी तरह से किसी समय कांग्रेस का गढ़ माने जाने वाली शिमला सीट पर भी भाजपा का प्रदर्शन काफी अच्छा रहा था. शिमला संसदीय सीट पर कांग्रेस 3,27,514 मतों के अंतर से चुनाव हारी थी. कांग्रेस उम्मीदवार धनीराम शांडिल को 2,78,668 वोट मिले थे, वहीं भाजपा प्रत्याशी सुरेश कश्यप को 6,06,182 मत पड़े थे.
72.42 फीसदी हुआ था मतदान
प्रदेश में वर्ष 2019 में लोगों ने बढ़चढ़ मतदान में हिस्सा लिया था. चुनाव आयोग की ओर से चलाए गए विभिन्न जागरूकता कार्यक्रम के कारण हिमाचल में 72.42 फीसदी मतदान हुआ है. उस दौरान कुल 38,59,940 वोटरों ने मताधिकार का प्रयोग किया था. जिसमें 18,65,345 पुरुष और 19,36,405 महिला वोटरों ने मतदान किया था. इसी तरह से 16 थर्ड जेंडर, 58,174 वोटरों ने पोस्टल बैलेट के माध्यम से मताधिकार का प्रयोग किया था. वहीं वर्ष 2014 में हिमाचल में 64.45 फीसदी मतदान हुआ था.
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