मनीष गर्ग 1996 बैच के आईएएस अधिकारी हैं जिनकी तैनाती अब केंद्र में सेंट्रल इलेक्शन कमिशन में डिप्टी इलेक्शन कमिश्नर के पद पर हुई है. केंद्र में उन्हें वेतन एडिशनल सेक्रेटरी रैंक दिया गया है. इससे पूर्व मनीष गर्ग हिमाचल में मुख्य निर्वाचन अधिकारी के तौर पर सेवाएं दे रहे थे. वहीं, नंदिता गुप्ता को हिमाचल प्रदेश का मुख्य निर्वाचन अधिकारी बनाया गया है. इसको लेकर अधिसूचना जारी की गई है.नया पदभार ग्रहण करने से पहले नंदिता गुप्ता को हिमाचल सरकार के अधीन सभी कार्यों के पदभारों को सौंपना होगा. मुख्य निर्वाचन अधिकारी का कार्यभार संभालने के बाद हिमाचल सरकार के अधीन कोई अतिरिक्त कार्य नहीं करना होगा.
नंदिता गुप्ता बनी हिमाचल की मुख्य निर्वाचन अधिकारी, अधिसूचना जारी - HIMACHAL LIVE UPDATES
By ETV Bharat Himachal Pradesh Team
Published : Aug 27, 2024, 10:55 AM IST
|Updated : Aug 27, 2024, 9:49 PM IST
हिमाचल विधानसभा का मानसून सत्र जारी. 27 अगस्त से 8 सितंबर तक होने वाले इस सत्र के हंगामेदार रहने के आसार हैं. विपक्ष ने सरकार को कई मुद्दों को घेरने की तैयारी की है.
LIVE FEED
नंदिता गुप्ता को बनाया गया हिमाचल प्रदेश का मुख्य निर्वाचन अधिकारी
NSUI ने जलाया कंगना रनौत का पुतला
मंडी संसदीय क्षेत्र की सांसद कंगना रनौत के खिलाफ NSUI ने कुल्लू में प्रदर्शन किया. छात्रों ने सांसद कंगना रनौत को देश के किसानों से माफी मांगने की हिदायत दी. इसी मुद्दे को लेकर जिला कुल्लू के मुख्यालय ढालपुर के राजकीय महाविद्यालय में एनएसयूआई के द्वारा धरना प्रदर्शन किया गया और सांसद कंगना रनौत का पुतला भी जलाया.
सांसद के खिलाफ हो अनुशासनात्मक कार्रवाई
कांग्रेस विधायक कुलदीप राठौर ने सांसद कंगना रनौत के किसानों के खिलाफ दिए गए विवादित बयान को लेकर कहा इस तरह के बयान अन्नदाताओं के खिलाफ आज तक किसी ने नहीं दिया है. उन्होंने कहा बीजेपी ने कंगना के बयान को लेकर पल्ला झाड़ लिया है लेकिन कंगना को किसी ना किसी का सपोर्ट है. ऐसे में सांसद के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई होनी चाहिए.
कंगना रनौत के बयान को लेकर विधानसभा में हंगामा, कांग्रेस विधायकों ने कि सांसद पर मुकद्दमा दर्ज करने की मांग
शिमला: बीजेपी सांसद कंगना रनौत ने बीते दिनों किसान आंदोलन को लेकर बयान दिया था. अपने बयान के कारण सांसद कंगना रनौत एक बार फिर विवादों में घिर गई हैं. उनके बयान से पार्टी ने भी अपना पल्ला झाड़ लिया है. उनके बयान को पार्टी ने निजी राय बताया है. वहीं, आज हिमाचल विधानसभा मानसून सत्र के पहले दिन कंगना के बयान पर सदन में खूब हंगामा हुआ.
कंगना के बयान पर संसदीय कार्यमंत्री हर्षवर्धन ने कहा कि मंडी की सांसद का बयान निंदनीय है. मैं इस विषय को सदन में इसलिए रख रहा हूं कि कंगना हिमाचल से चुनी गई हैं. कंगना के बयान किसानों का अपमान है. इस बयान की हम भर्त्सना करते हैं. भाजपा केंद्रीय नेतृत्व ने भी कंगना के बयान से पल्ला झाड़ा है. देश के किसानों को हत्यारा और बलात्कारी बोलना निंदनीय है. सदन से प्रस्ताव पास हो कि कंगना के बयान निंदनीय है. सदन इस पर चर्चा करे.
- कंगना के ऊपर मुकदमा दायर किया जाए, ये मैं सीएम से कहना चाहता हूं: जगत सिंह नेगी
- कंगना को ऊटपटांग बोलने की आदत, किसानों के बारे में जो कंगना ने कहा वो निंदनीय है: कुलदीप राठौर
- राठौर की बात पर सदन में हंगामा हो गया. इस दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष में बहसबाजी, सदन में शोर शराबा हो गया. सदन में विपक्ष ने नारेबाजी शुरू कर दी. इस दौरान स्पीकर ने सबको शांत किया और कहा, कि 'जब विपक्ष ने वॉकआउट किया तो उस समय सदन में कंगना के बयान पर रेफरेंस आया था. कंगना के बयान को ये सदन कंडेम करता है. भाजपा केंद्रीय नेतृत्व ने भी उसे कंडेम किया था.'
- संसदीय कार्यमंत्री ने कंगना के बयान पर निंदा प्रस्ताव किया है: सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू
- हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि, कंगना का बयान किसान व बागवान विरोधी है. सदन में संसदीय कार्यमंत्री कंगना के बयान पर निंदा का प्रस्ताव रखा
- जो व्यक्ति अपना पक्ष सदन में मौजूद रहकर नहीं रख सकता उस पर चर्चा कैसे, जब पार्टी केंद्रीय नेतृत्व ने साफ कर दिया कि कंगना की राय निजी थी, तो प्रस्ताव की क्या जरूरत: जयराम
- भाजपा केंद्रीय नेतृत्व पहले ही इस बयान को कंडेम कर चुका है तो मामला यहीं खत्म होता है: विधानसभा स्पीकर
पहले ही दिन हंगामा शुरू, विपक्ष ने नारेबाजी करते हुए सदन से किया वॉकआउट
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर द्वारा नियम 67 के तहत सदन की कार्यवाही स्थगित कर कानून व्यवस्था पर चर्चा की मांग पर उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि सदन में पहले ही नियम 130 के तहत नोटिस है. सदन दस दिन चलना है. हमारे पास लंबा समय है, सरकार चर्चा के लिए तैयार है. नियम 67 के तहत इमरजेंसी हालात में चर्चा होती है, लेकिन अगर विपक्ष को सदन से बाहर जाना है और मीडिया में चर्चा बटोरनी है तो ठीक है. मंत्री हर्षवर्धन ने नेता प्रतिपक्ष से कहा कि जब आपकी सरकार थी तो क्या तब अपराध नहीं होते थे?
जिस पर भाजपा विधायक रणधीर शर्मा ने कहा कि प्रदेश में बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर सरकार गंभीर नहीं लग रही है. बिलासपुर में कोर्ट परिसर में गोलियां चली हैं. पंजाब से शूटर लाए गए, दिन दिहाड़े अपराध हो रहे हैं और सरकार को ये विषय फिर भी गंभीर नहीं लगता है. पुलिस चौकी में जवान से मारपीट हुई, लेकिन फिर भी सरकार को अपराध नहीं नजर आ रहा है. इसलिए पहले कानून व्यवस्था पर चर्चा होनी चाहिए.
जिसके जवाब में सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि नियम 67 के तहत चर्चा इमरजेंसी हालात में होती है और जिन घटनाओं की बात की जा रही है, उसमें सरकार ने तुरंत एक्शन लिया है. हमारी सरकार कानून का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त एक्शन ले रही है. बद्दी में पंजाब के नशे के कारोबारी झगड़े थे. जिस पर जयराम ठाकुर ने तंज कसा की सीएम ने मामले की दिशा ही बदल दी.
वहीं, स्पीकर ने बद्दी की घटना को दुखद बताते हुए नियम 67 के नोटिस को रिजेक्ट कर दिया. उन्होंने कहा कि आज सत्र का पहला दिन है और बहुत से महत्वपूर्ण विषय हैं. जिस पर नाराज विपक्ष ने नारेबाजी करते हुए सदन से वॉक आउट कर दिया.
प्रदेश में कानून व्यवस्था को लेकर जयराम ठाकुर ने सुक्खू सरकार को घेरा, गिनाए आपराधिक मामले
हिमाचल विधानसभा मानसून सत्र के दौरान प्रश्नकाल शुरू होने पर नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने बोलने की अनुमति मांगी और कहा कि भाजपा ने नियम 67 के तहत कानून व्यवस्था पर नोटिस दिया था. उन्होंने कहा कि जब से कांग्रेस की सरकार सत्ता में आई है, तब से ही कानून व्यवस्था बिगड़ रही है. कल बद्दी में ट्रक यूनियन का झगड़ा. जिसमें करीब 15 लोगों ने डंडों के साथ 3 युवकों पर हमला कर दिया. इसमें हरियाणा के एक युवक राहुल की मौत हो गई. पालमपुर में एक युवक दराट से युवती पर जानलेवा हमला कर देता है. बिलासपुर में कोर्ट परिसर हथियार लेकर हमला होता, गोलियां चलती हैं. जिसमें कांग्रेस के पूर्व एमएलए का बेटा शामिल था. बद्दी बरोटीवाला में चिट्टा और खनन माफिया सक्रिय है, ये बहुत ही गंभीर विषय हैं, लेकिन वर्तमान सरकार इसको लेकर बिल्कुल भी सिरियस नहीं है. उन्होंने मांग रखी की सदन की कार्यवाही स्थगित कर कानून व्यवस्था पर चर्चा की जाए.
सवाल पूछने के बाद जवाब भी सुन ले विपक्ष, सिर्फ सुर्खियों के लिए वॉक आउट न करे भाजपा: CM सुक्खू
हिमाचल प्रदेश में आज से विधानसभा का मानसून सत्र शुरू हो गया है. विभिन्न मुद्दों को लेकर पक्ष और विपक्ष आमने-सामने हैं. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि विधायक दल की मीटिंग में उन्होंने भाजपा के हर सवाल के जवाब देने की रणनीति बना ली है. उन्होंने कहा कि जिस तरह से भाजपा ने लोकतंत्र की हत्या करने की कोशिश की या फिर कर्मचारियों के मुद्दे, आपदा का मुद्दा, युवाओं से जुड़े मुद्दे और रोजगार से जुड़े मुद्दे विपक्ष जिस पर चाहे चर्चा ला सकता है. सरकार हर सवाल का जवाब देगी, लेकिन प्रशन पूछने के बाद विपक्ष जवाब भी जरूर सुनें, न कि सिर्फ सवाल पूछकर वॉक आउट कर जाए. सीएम ने कहा कि विपक्ष सिर्फ सुर्खियों में बने रहने के लिए वॉकआउट करता है.
हिमाचल में 21 साल होगी लड़कियों की शादी की उम्र! आज सदन में पेश होगा विधेयक
हिमाचल प्रदेश में लड़कियों की शादी की उम्र 21 साल की जा सकती है. इसको लेकर विधानसभा में आज हिमाचल प्रदेश बाल विवाह प्रतिषेध विधेयक- 2024 पारित किया जाएगा. इसके बाद अधिनियम बनने की औपचारिकताओं के पूरा होने के साथ ये विधेयक का रूप ले लेगा. पारित होगा बाल विवाह प्रतिषेध संशोधन विधेयक वर्तमान में पूरे देश सहित हिमाचल में लड़कियों के विवाह के लिए न्यूनतम उम्र 18 साल है.
सदन की कार्यवाही शुरू, सीएम ने पेश किया दिवंगत सदस्यों पर शोक उद्गार प्रस्ताव
हिमाचल विधानसभा में मानसून सत्र की कार्यवाही शुरू हो गई है. विधानसभा स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया ने सदन में आने के बाद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर का अभिवादन किया. इसके बाद मानसून सत्र में उपचुनाव के जरिए चुनकर आए सभी सदस्यों का स्वागत किया. स्पीकर ने सभी विधायकों से कहा कि आशा है कि सदन को सुचारू रूप से चलाने में सभी सदस्य सहयोग देंगे. राष्ट्रगान के बाद सदन में शोक उद्गार व्यक्त किए गए. सीएम सुक्खू ने स्वर्गीय टेक चंद, नारायण स्वामी व दौलत राम चौधरी के निधन पर शोक उद्गार प्रस्ताव पेश किया.
सदन में सरकार को घेरने की विपक्ष ने की पूरी तैयारी, CM सुक्खू के साथ सत्ता पक्ष की बैंच में होंगी पत्नी कमलेश ठाकुर
हिमाचल प्रदेश विधानसाभा का मानसून सत्र थोड़ी देर में शुरू होने वाला है. ये मानसून सत्र 27 अगस्त से 8 सितंबर तक चलेगा. विपक्ष द्वारा सरकार को घेरने के लिए रणनीति तैयार कर ली गई है. सदन में कई मुद्दों पर चर्चा होगी. इसके अलावा मानसून सत्र के पहले दिन से ही हंगामेदार रहने के पूरे आसार हैं. इसकी झलक सत्र से एक दिन पहले सोमवार को सर्वदलीय बैठक में ही नजर आ गई थी. जहां स्पीकर की ओर से बुलाई गई इस बैठक से बीजेपी ने किनारा कर लिया था और विपक्ष का एक भी विधायक इस बैठक में नहीं पहुंचा था. सदन में इस बार 3 महिला विधायक उपस्थित होंगी. खास बात ये है कि ये पहली बार होगा जब हिमाचल विधानसभा में पति-पत्नी की जोड़ी नजर आएगी. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू की पत्नी कमलेश ठाकुर पहली बार सदन की कार्यवाही में हिस्सा लेंगी. उन्होंने बीते माह हुआ विधानसभा उपचुनाव में देहरा से जीत हासिल की थी. शिमला पुलिस ने मानसून सत्र के दौरान सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता रखने के सारे प्रबंध कर लिए हैं. होमगार्ड और स्पेशल कमांडो की टीम भी सत्र के दौरान सुरक्षा का जिम्मा संभालेगी. इसके अलावा बिना परमिट के विधानसभा में किसी को भी एंट्री नहीं मिलेगी.
हिमाचल विधानसभा का मानसून सत्र जारी. 27 अगस्त से 8 सितंबर तक होने वाले इस सत्र के हंगामेदार रहने के आसार हैं. विपक्ष ने सरकार को कई मुद्दों को घेरने की तैयारी की है.
LIVE FEED
नंदिता गुप्ता को बनाया गया हिमाचल प्रदेश का मुख्य निर्वाचन अधिकारी
मनीष गर्ग 1996 बैच के आईएएस अधिकारी हैं जिनकी तैनाती अब केंद्र में सेंट्रल इलेक्शन कमिशन में डिप्टी इलेक्शन कमिश्नर के पद पर हुई है. केंद्र में उन्हें वेतन एडिशनल सेक्रेटरी रैंक दिया गया है. इससे पूर्व मनीष गर्ग हिमाचल में मुख्य निर्वाचन अधिकारी के तौर पर सेवाएं दे रहे थे. वहीं, नंदिता गुप्ता को हिमाचल प्रदेश का मुख्य निर्वाचन अधिकारी बनाया गया है. इसको लेकर अधिसूचना जारी की गई है.नया पदभार ग्रहण करने से पहले नंदिता गुप्ता को हिमाचल सरकार के अधीन सभी कार्यों के पदभारों को सौंपना होगा. मुख्य निर्वाचन अधिकारी का कार्यभार संभालने के बाद हिमाचल सरकार के अधीन कोई अतिरिक्त कार्य नहीं करना होगा.
NSUI ने जलाया कंगना रनौत का पुतला
मंडी संसदीय क्षेत्र की सांसद कंगना रनौत के खिलाफ NSUI ने कुल्लू में प्रदर्शन किया. छात्रों ने सांसद कंगना रनौत को देश के किसानों से माफी मांगने की हिदायत दी. इसी मुद्दे को लेकर जिला कुल्लू के मुख्यालय ढालपुर के राजकीय महाविद्यालय में एनएसयूआई के द्वारा धरना प्रदर्शन किया गया और सांसद कंगना रनौत का पुतला भी जलाया.
सांसद के खिलाफ हो अनुशासनात्मक कार्रवाई
कांग्रेस विधायक कुलदीप राठौर ने सांसद कंगना रनौत के किसानों के खिलाफ दिए गए विवादित बयान को लेकर कहा इस तरह के बयान अन्नदाताओं के खिलाफ आज तक किसी ने नहीं दिया है. उन्होंने कहा बीजेपी ने कंगना के बयान को लेकर पल्ला झाड़ लिया है लेकिन कंगना को किसी ना किसी का सपोर्ट है. ऐसे में सांसद के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई होनी चाहिए.
कंगना रनौत के बयान को लेकर विधानसभा में हंगामा, कांग्रेस विधायकों ने कि सांसद पर मुकद्दमा दर्ज करने की मांग
शिमला: बीजेपी सांसद कंगना रनौत ने बीते दिनों किसान आंदोलन को लेकर बयान दिया था. अपने बयान के कारण सांसद कंगना रनौत एक बार फिर विवादों में घिर गई हैं. उनके बयान से पार्टी ने भी अपना पल्ला झाड़ लिया है. उनके बयान को पार्टी ने निजी राय बताया है. वहीं, आज हिमाचल विधानसभा मानसून सत्र के पहले दिन कंगना के बयान पर सदन में खूब हंगामा हुआ.
कंगना के बयान पर संसदीय कार्यमंत्री हर्षवर्धन ने कहा कि मंडी की सांसद का बयान निंदनीय है. मैं इस विषय को सदन में इसलिए रख रहा हूं कि कंगना हिमाचल से चुनी गई हैं. कंगना के बयान किसानों का अपमान है. इस बयान की हम भर्त्सना करते हैं. भाजपा केंद्रीय नेतृत्व ने भी कंगना के बयान से पल्ला झाड़ा है. देश के किसानों को हत्यारा और बलात्कारी बोलना निंदनीय है. सदन से प्रस्ताव पास हो कि कंगना के बयान निंदनीय है. सदन इस पर चर्चा करे.
- कंगना के ऊपर मुकदमा दायर किया जाए, ये मैं सीएम से कहना चाहता हूं: जगत सिंह नेगी
- कंगना को ऊटपटांग बोलने की आदत, किसानों के बारे में जो कंगना ने कहा वो निंदनीय है: कुलदीप राठौर
- राठौर की बात पर सदन में हंगामा हो गया. इस दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष में बहसबाजी, सदन में शोर शराबा हो गया. सदन में विपक्ष ने नारेबाजी शुरू कर दी. इस दौरान स्पीकर ने सबको शांत किया और कहा, कि 'जब विपक्ष ने वॉकआउट किया तो उस समय सदन में कंगना के बयान पर रेफरेंस आया था. कंगना के बयान को ये सदन कंडेम करता है. भाजपा केंद्रीय नेतृत्व ने भी उसे कंडेम किया था.'
- संसदीय कार्यमंत्री ने कंगना के बयान पर निंदा प्रस्ताव किया है: सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू
- हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि, कंगना का बयान किसान व बागवान विरोधी है. सदन में संसदीय कार्यमंत्री कंगना के बयान पर निंदा का प्रस्ताव रखा
- जो व्यक्ति अपना पक्ष सदन में मौजूद रहकर नहीं रख सकता उस पर चर्चा कैसे, जब पार्टी केंद्रीय नेतृत्व ने साफ कर दिया कि कंगना की राय निजी थी, तो प्रस्ताव की क्या जरूरत: जयराम
- भाजपा केंद्रीय नेतृत्व पहले ही इस बयान को कंडेम कर चुका है तो मामला यहीं खत्म होता है: विधानसभा स्पीकर
पहले ही दिन हंगामा शुरू, विपक्ष ने नारेबाजी करते हुए सदन से किया वॉकआउट
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर द्वारा नियम 67 के तहत सदन की कार्यवाही स्थगित कर कानून व्यवस्था पर चर्चा की मांग पर उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि सदन में पहले ही नियम 130 के तहत नोटिस है. सदन दस दिन चलना है. हमारे पास लंबा समय है, सरकार चर्चा के लिए तैयार है. नियम 67 के तहत इमरजेंसी हालात में चर्चा होती है, लेकिन अगर विपक्ष को सदन से बाहर जाना है और मीडिया में चर्चा बटोरनी है तो ठीक है. मंत्री हर्षवर्धन ने नेता प्रतिपक्ष से कहा कि जब आपकी सरकार थी तो क्या तब अपराध नहीं होते थे?
जिस पर भाजपा विधायक रणधीर शर्मा ने कहा कि प्रदेश में बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर सरकार गंभीर नहीं लग रही है. बिलासपुर में कोर्ट परिसर में गोलियां चली हैं. पंजाब से शूटर लाए गए, दिन दिहाड़े अपराध हो रहे हैं और सरकार को ये विषय फिर भी गंभीर नहीं लगता है. पुलिस चौकी में जवान से मारपीट हुई, लेकिन फिर भी सरकार को अपराध नहीं नजर आ रहा है. इसलिए पहले कानून व्यवस्था पर चर्चा होनी चाहिए.
जिसके जवाब में सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि नियम 67 के तहत चर्चा इमरजेंसी हालात में होती है और जिन घटनाओं की बात की जा रही है, उसमें सरकार ने तुरंत एक्शन लिया है. हमारी सरकार कानून का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त एक्शन ले रही है. बद्दी में पंजाब के नशे के कारोबारी झगड़े थे. जिस पर जयराम ठाकुर ने तंज कसा की सीएम ने मामले की दिशा ही बदल दी.
वहीं, स्पीकर ने बद्दी की घटना को दुखद बताते हुए नियम 67 के नोटिस को रिजेक्ट कर दिया. उन्होंने कहा कि आज सत्र का पहला दिन है और बहुत से महत्वपूर्ण विषय हैं. जिस पर नाराज विपक्ष ने नारेबाजी करते हुए सदन से वॉक आउट कर दिया.
प्रदेश में कानून व्यवस्था को लेकर जयराम ठाकुर ने सुक्खू सरकार को घेरा, गिनाए आपराधिक मामले
हिमाचल विधानसभा मानसून सत्र के दौरान प्रश्नकाल शुरू होने पर नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने बोलने की अनुमति मांगी और कहा कि भाजपा ने नियम 67 के तहत कानून व्यवस्था पर नोटिस दिया था. उन्होंने कहा कि जब से कांग्रेस की सरकार सत्ता में आई है, तब से ही कानून व्यवस्था बिगड़ रही है. कल बद्दी में ट्रक यूनियन का झगड़ा. जिसमें करीब 15 लोगों ने डंडों के साथ 3 युवकों पर हमला कर दिया. इसमें हरियाणा के एक युवक राहुल की मौत हो गई. पालमपुर में एक युवक दराट से युवती पर जानलेवा हमला कर देता है. बिलासपुर में कोर्ट परिसर हथियार लेकर हमला होता, गोलियां चलती हैं. जिसमें कांग्रेस के पूर्व एमएलए का बेटा शामिल था. बद्दी बरोटीवाला में चिट्टा और खनन माफिया सक्रिय है, ये बहुत ही गंभीर विषय हैं, लेकिन वर्तमान सरकार इसको लेकर बिल्कुल भी सिरियस नहीं है. उन्होंने मांग रखी की सदन की कार्यवाही स्थगित कर कानून व्यवस्था पर चर्चा की जाए.
सवाल पूछने के बाद जवाब भी सुन ले विपक्ष, सिर्फ सुर्खियों के लिए वॉक आउट न करे भाजपा: CM सुक्खू
हिमाचल प्रदेश में आज से विधानसभा का मानसून सत्र शुरू हो गया है. विभिन्न मुद्दों को लेकर पक्ष और विपक्ष आमने-सामने हैं. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि विधायक दल की मीटिंग में उन्होंने भाजपा के हर सवाल के जवाब देने की रणनीति बना ली है. उन्होंने कहा कि जिस तरह से भाजपा ने लोकतंत्र की हत्या करने की कोशिश की या फिर कर्मचारियों के मुद्दे, आपदा का मुद्दा, युवाओं से जुड़े मुद्दे और रोजगार से जुड़े मुद्दे विपक्ष जिस पर चाहे चर्चा ला सकता है. सरकार हर सवाल का जवाब देगी, लेकिन प्रशन पूछने के बाद विपक्ष जवाब भी जरूर सुनें, न कि सिर्फ सवाल पूछकर वॉक आउट कर जाए. सीएम ने कहा कि विपक्ष सिर्फ सुर्खियों में बने रहने के लिए वॉकआउट करता है.
हिमाचल में 21 साल होगी लड़कियों की शादी की उम्र! आज सदन में पेश होगा विधेयक
हिमाचल प्रदेश में लड़कियों की शादी की उम्र 21 साल की जा सकती है. इसको लेकर विधानसभा में आज हिमाचल प्रदेश बाल विवाह प्रतिषेध विधेयक- 2024 पारित किया जाएगा. इसके बाद अधिनियम बनने की औपचारिकताओं के पूरा होने के साथ ये विधेयक का रूप ले लेगा. पारित होगा बाल विवाह प्रतिषेध संशोधन विधेयक वर्तमान में पूरे देश सहित हिमाचल में लड़कियों के विवाह के लिए न्यूनतम उम्र 18 साल है.
सदन की कार्यवाही शुरू, सीएम ने पेश किया दिवंगत सदस्यों पर शोक उद्गार प्रस्ताव
हिमाचल विधानसभा में मानसून सत्र की कार्यवाही शुरू हो गई है. विधानसभा स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया ने सदन में आने के बाद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर का अभिवादन किया. इसके बाद मानसून सत्र में उपचुनाव के जरिए चुनकर आए सभी सदस्यों का स्वागत किया. स्पीकर ने सभी विधायकों से कहा कि आशा है कि सदन को सुचारू रूप से चलाने में सभी सदस्य सहयोग देंगे. राष्ट्रगान के बाद सदन में शोक उद्गार व्यक्त किए गए. सीएम सुक्खू ने स्वर्गीय टेक चंद, नारायण स्वामी व दौलत राम चौधरी के निधन पर शोक उद्गार प्रस्ताव पेश किया.
सदन में सरकार को घेरने की विपक्ष ने की पूरी तैयारी, CM सुक्खू के साथ सत्ता पक्ष की बैंच में होंगी पत्नी कमलेश ठाकुर
हिमाचल प्रदेश विधानसाभा का मानसून सत्र थोड़ी देर में शुरू होने वाला है. ये मानसून सत्र 27 अगस्त से 8 सितंबर तक चलेगा. विपक्ष द्वारा सरकार को घेरने के लिए रणनीति तैयार कर ली गई है. सदन में कई मुद्दों पर चर्चा होगी. इसके अलावा मानसून सत्र के पहले दिन से ही हंगामेदार रहने के पूरे आसार हैं. इसकी झलक सत्र से एक दिन पहले सोमवार को सर्वदलीय बैठक में ही नजर आ गई थी. जहां स्पीकर की ओर से बुलाई गई इस बैठक से बीजेपी ने किनारा कर लिया था और विपक्ष का एक भी विधायक इस बैठक में नहीं पहुंचा था. सदन में इस बार 3 महिला विधायक उपस्थित होंगी. खास बात ये है कि ये पहली बार होगा जब हिमाचल विधानसभा में पति-पत्नी की जोड़ी नजर आएगी. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू की पत्नी कमलेश ठाकुर पहली बार सदन की कार्यवाही में हिस्सा लेंगी. उन्होंने बीते माह हुआ विधानसभा उपचुनाव में देहरा से जीत हासिल की थी. शिमला पुलिस ने मानसून सत्र के दौरान सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता रखने के सारे प्रबंध कर लिए हैं. होमगार्ड और स्पेशल कमांडो की टीम भी सत्र के दौरान सुरक्षा का जिम्मा संभालेगी. इसके अलावा बिना परमिट के विधानसभा में किसी को भी एंट्री नहीं मिलेगी.