सिरमौर: हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले से ताल्लुक रखने वाले लांस नायक प्रवीण शर्मा जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में आतंकवादियों से लोहा लेते हुए शहीद हो गए हैं. महज 30 साल की उम्र में प्रवीण शर्मा ने शहादत पाई है. मां भारती की रक्षा में अपने प्राणों को न्यौछावर कर देने वाले प्रवीण शर्मा की शहादत के बाद उनके परिवार सहित पूरे जिले में शोक की लहर दौड़ गई है. शहीद प्रवीण शर्मा उपमंडल राजगढ़ के हाब्बन क्षेत्र के पालू गांव के रहने वाले थे.
सोमवार तक पैतृक गांव पहुंचेगी पार्थिव देह
दरअसल शनिवार दोपहर को शुरू हुई इस मुठभेड़ में शहीद प्रवीण शर्मा ऑपरेशन रक्षक का हिस्सा थे. देर शाम भारतीय सेना ने शहीद प्रवीण के परिवार को उनकी शहादत की सूचना दी. सिरमौर प्रशासन को फर्स्ट पैरा के प्रवीण शर्मा की शहादत की सूचना मिल गई थी. इसके बाद शहीद के परिवार से भी संपर्क किया गया. सोमवार को पार्थिव शरीर के घर पहुंचने की उम्मीद जताई जा रही है. शहीद प्रवीण अपने पीछे मां रेखा शर्मा और पिता राजेश शर्मा को छोड़ गए हैं.
ऑपरेशन रक्षक के दौरान हुए शहीद
जानकारी के अनुसार ऑपरेशन रक्षक जून 1990 में जम्मू और कश्मीर में उग्रवाद के चरम पर शुरू किया गया एक आतंकवाद-रोधी ऑपरेशन है. शहीद प्रवीण शर्मा को भी इसके लिए चुना गया था. इसी बीच अदम्य साहस का परिचय देने के दौरान वह वीरगति को प्राप्त हो गए.
वहीं, सैनिक कल्याण बोर्ड सिरमौर के उपनिदेशक सेवानिवृत मेजर दीपक धवन ने पुष्टि करते हुए बताया, "जवान प्रवीण शर्मा की शहादत का संदेश मिला है. परिवार को सूचना सेना ने दे दी थी. डीसी सिरमौर सुमित खिमटा से भी उचित कार्रवाई के निर्देश मिले हैं. प्रशासन की टीम और सेना की टुकड़ी शहीद के पैतृक गांव पहुंच रही है."