शिमला: कांग्रेस नेता और वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी की तरफ से राज्यसभा सीट पर हुए चुनाव में पर्ची सिस्टम को चुनौती देने वाली याचिका की सुनवाई सिंगल बेंच करेगी. हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति अजय मोहन गोयल इस याचिका पर सुनवाई करेंगे. हाईकोर्ट ने याचिका को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया है.
उल्लेखनीय है कि हिमाचल से राज्यसभा सीट के लिए हुए चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी अभिषेक मनु सिंघवी चुनाव हार गए थे. कांग्रेस और भाजपा के प्रत्याशियों को 34-34 मत मिले थे. बाद में ड्रॉ ऑफ लॉट्स यानी पर्ची सिस्टम में अभिषेक मनु सिंघवी चुनाव हार गए थे. सिंघवी ने बाद में पर्ची सिस्टम के जरिए घोषित किए गए परिणाम की प्रक्रिया को याचिका के माध्यम से हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. अब हाईकोर्ट ने याचिका को सुनवाई के लिए लिस्ट कर लिया है. अब एकल पीठ इस मामले को सुनेगी.
अभिषेक मनु सिंघवी की तरफ से दाखिल की गई याचिका में दिए गए तथ्यों के अनुसार राज्यसभा वोटिंग में दोनों ही उम्मीदवारों को 34-34 वोट हासिल हुए थे. इसके बाद पर्ची से नाम निकाले गए, लेकिन इस पर्ची सिस्टम में जिस तरह से बीजेपी प्रत्याशी को विजेता घोषित किया गया, वह गलत है. पर्ची निकालने के हिसाब से जिस उम्मीदवार की जीत होनी चाहिए थी, उससे उल्टा दूसरे उम्मीदवार को विजेता घोषित किया गया. यह कानूनी रूप से गलत है. इन आरोपों को आधार बनाते हुए प्रार्थी ने हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट में याचिका दायर की है.
गौरतलब है कि 27 फरवरी को हिमाचल राज्यसभा की एक सीट के लिए चुनाव हुआ था. इसमें तीन निर्दलीय विधायकों सहित कांग्रेस के छह विधायकों ने पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी अभिषेक मनु सिंघवी के खिलाफ वोट दिया था. बाद में बागी विधायकों की सदस्यता रद्द हो गई थी और वे अब भाजपा की टिकट पर उपचुनाव लड़ रहे हैं. हिमाचल की कुल 68 सदस्यों वाली विधानसभा में राज्यसभा सीट पर मतों का मामला 34-34 पर अटक गया था.
टाई होने के बाद लॉटरी सिस्टम से नाम निकाला गया जिसमें हर्ष महाजन को विजयी घोषित किया गया. अब लॉटरी सिस्टम की प्रक्रिया को अभिषेक मनु सिंघवी की तरफ से दाखिल याचिका में चुनौती दी गई है. साथ ही चुनाव रद्द करने की गुहार भी लगाई गई है, ताकि पुन: इस सीट के लिए चुनाव हो सके.
ये भी पढ़ें: वित्तीय तंगी के हवाले पर हाईकोर्ट की सख्ती, पूछा- ₹58 हजार करोड़ के बजट में न्यायिक सुविधा को दो करोड़ रुपए भी नहीं?