शिमला: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने स्वास्थ्य सेवाओं पर पर्याप्त ध्यान न देने पर राज्य सरकार को कड़ी फटकार लगाई. मुख्य न्यायाधीश एम एस रामचंद्र राव और न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने कहा कि वे यह जानकर व्यथित हैं कि राज्य सरकार स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए चिकित्सा से जुड़े बुनियादी ढांचे में सुधार करने में बहुत कम रुचि दिखा रही है. कोर्ट ने विशेषकर शिमला, टांडा और चंबा के मुख्य अस्पतालों में ट्रामा सेंटर के बुनियादी ढांचे पर चिंता जाहिर की है.
कोर्ट ने हैरानी जताई कि आईजीएमसी शिमला में मुख्यमंत्री ने 9 मार्च 2023 को ट्रामा सेंटर का लोकार्पण किया था, लेकिन आज तक यह शुरू नहीं हुआ. स्टेट्स रिपोर्ट का अवलोकन करने के बाद कोर्ट ने पाया कि ये ट्रामा सेंटर या तो पर्याप्त स्टाफ न होने के कारण शुरू नहीं हुए हैं या इनका निर्माण कार्य पूरा नहीं हुआ है. चिकित्सा उपकरणों और मशीनों की कमी के कारण भी ये ट्रामा सेंटर सुचारू नहीं बनाए गए हैं. कोर्ट ने चिकित्सा बुनियादी ढांचे को मजबूती प्रदान करने के लिए मुख्य सचिव को स्वास्थ्य, वित्त, लोक निर्माण, फायर सेफ्टी विभाग और अन्य संबंधित विभागों के मुखिया की एक संयुक्त बैठक बुलाने के आदेश दिए.
कोर्ट ने मुख्य सचिव को शिमला, टांडा और चंबा में ट्रामा सेंटर को जल्द से जल्द शुरू करने के लिए कदम उठाने के आदेश भी जारी किए. कोर्ट ने मुख्य सचिव को 19 जून तक स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने के आदेश दिए. उल्लेखनीय है कि सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल लोगों की जान बचाने में ट्रामा सेंटर की अहम भूमिका रहती है. इससे पहले भी हाई कोर्ट राज्य में समुचित ट्रामा सेंटर न होने का संज्ञान ले चुका है.
ये भी पढ़ें: CPS मामले में 21 मई को भी जारी रहेगी सुनवाई, सरकार का पक्ष सुन रहा हाईकोर्ट