शिमला: हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल चमियाणा में यातायात की आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए जरूरी निर्देश जारी किए हैं. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान व न्यायाधीश सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने अपने आदेशों में कहा कि चमियाणा अस्पताल की उपयोगिता और कार्यप्रणाली का मामला किसी एक व्यक्ति या व्यक्तियों के समूह की बुद्धि और विवेक पर नहीं छोड़ा जा सकता है. सभी हितधारकों को ये फैसला लेने में शामिल होना आवश्यक है कि चमियाणा में अस्पताल का सर्वोत्तम उपयोग कैसा किया जा सकता है.
सभी हितधारकों की बैठक बुलाने के निर्देश
हिमाचल हाई कोर्ट ने परिस्थितियों के दृष्टिगत सरकार के मुख्य सचिव को सभी हितधारकों की एक बैठक बुलाने का निर्देश जारी किया है. जिनमें प्रिंसिपल व चिकित्सा अधीक्षक आईजीएमसी शिमला, सभी विभागों के प्रमुख, सुपर स्पेशलिटी, डॉक्टर्स एसोसिएशन के प्रतिनिधि, पैरा मेडिकल स्टाफ और सुरक्षा के प्रतिनिधि, पुलिस महानिदेशक, प्रबंध निदेशक एचआरटीसी, सचिव एवं प्रमुख अभियंता (पीडब्ल्यूडी); सचिव (स्वास्थ्य); सचिव (राजस्व), बिमल गुप्ता, वरिष्ठ अधिवक्ता, देवेन खन्ना, अधिवक्ता, महाधिवक्ता या उनके नामांकित व्यक्ति, इसमें हस्तक्षेप कर्ता और उनके अधिवक्ता हमिन्दर सिंह चंदेल, शिमला स्थित एनजीओ और सिविल सोसायटी के सदस्य शामिल होंगे.
13 अक्टूबर को हाई कोर्ट की अगली सुनवाई तय
ये बैठक मुख्य सचिव के कार्यालय में 11 नवंबर 2024 को दोपहर 2.00 बजे आयोजित की जाएगी. वहीं, 13 अक्टूबर 2024 को बैठक का कार्यवृत्त हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट के समक्ष रखे जाने के आदेश जारी किए गए हैं.