शिमला: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने पुलिस थाना और चौकियों में सीसीटीवी कैमरे लगाने से जुड़े मामले में डीजीपी को यह सुनिश्चित करने के आदेश दिए हैं कि क्या सीसीटीवी कैमरे उचित स्थान पर लगाए गए हैं. कोर्ट ने पूछा है कि क्या पुलिस थानों में स्थापित सीसीटीवी कैमरे ऐसे स्थानों पर लगाए गए हैं, जिससे मानवाधिकार उल्लंघन के मामले रिकॉर्ड हो सके. कोर्ट ने डीजीपी को कैमरों के स्थापना के लिए उचित स्थान संबंधी सुझावों पर गौर कर उचित कार्रवाई करने के आदेश भी दिए.
कोर्ट ने डिस्ट्रिक्ट लेवल ओवरसाइट कमेटियों को आदेश दिए हैं कि वे समय-समय पर सीसीटीवी फुटेज की समीक्षा कर पता लगाए कि क्या पुलिस स्टेशनों में मानवाधिकारों का उल्लंघन तो नहीं हो रहा है? कोर्ट ने स्टेट लेवल ओवरसाइट कमेटी की लंबे अंतराल के बाद बैठकों के आयोजन को गंभीरता से लेते हुए इन बैठकों का समय-समय पर आयोजन करने के आदेश भी दिए. मुख्य न्यायाधीश एम एस रामचंद्र राव और न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने उपरोक्त आदेशों की अनुपालना रिपोर्ट सौंपने के आदेश भी दिए.
उल्लेखनीय है कि हाईकोर्ट ने पुलिस स्टेशनों में सीसीटीवी कैमरों की स्थापना के मुद्दे पर राज्य स्तरीय निरीक्षण समिति को 5 बिंदुओं पर हलफनामा दाखिल करने के आदेश दिए थे. समिति को आदेश दिए गए थे कि वह शपथ पत्र के माध्यम से बताएं कि सीसीटीवी कैमरे और अन्य उपकरण खरीदने, उनका वितरण करने और उनको स्थापित करने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं. इसके लिए बजट प्राप्त करने और सीसीटीवी एवं उपकरणों की देखरेख तथा निरंतर निगरानी के लिए उठाए गए कदमों से भी हलफनामे के जरिए कोर्ट को अवगत करवाने के आदेश जारी किए गए थे.
कोर्ट ने जिला स्तरीय निरीक्षण समिति को भी उपरोक्त कदमों सहित पुलिस स्टेशन अथवा चौकियों में मानवाधिकार के उल्लंघन जांचने के लिए सीसीटीवी फुटेज का पुनरावलोकन करने बारे उठाए जा रहे कदमों की जानकारी भी शपथ पत्र के माध्यम से तलब की गयी थी. यह आदेश पीपल फॉर रिस्पॉन्सिबल गवर्नेंस द्वारा दायर याचिका पारित किए गए हैं. याचिका में आरोप लगाया गया है कि राज्य सरकार हर पुलिस स्टेशन में सीसीटीवी की स्थापना सुनिश्चित करने के अपने कर्तव्य को निभाने में विफल रही है.
याचिकाकर्ता ने दलील दी है कि परमवीर सिंह सैनी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों को हर थाने में सीसीटीवी कैमरे लगाने का निर्देश दिया है, लेकिन इसके बावजूद राज्य सरकार निर्देशों को लागू करने में विफल रही है. प्रमुख सचिव गृह की अध्यक्षता वाली राज्य स्तरीय निगरानी समिति और मंडलायुक्त की अध्यक्षता वाली जिला स्तरीय निगरानी समिति का कर्तव्य हर पुलिस स्टेशन में सीसीटीवी स्थापित करना है और उनका रखरखाव करना भी है.
सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश के अनुसार प्रत्येक पुलिस स्टेशन में सभी प्रवेश और निकास बिंदुओं, पुलिस स्टेशन के मुख्य द्वार, सभी लॉकअप, सभी गलियारों, लॉबी/रिसेप्शन एरिया में कैमरे लगाए जाने जरूरी हैं. सभी बरामदे/आउटहाउस, इंस्पेक्टर का कमरा, सब इंस्पेक्टर का कमरा, लॉकअप रूम के बाहर का क्षेत्र, स्टेशन हॉल, पुलिस स्टेशन परिसर के सामने, बाथरूम के बाहर, ड्यूटी ऑफिसर का कमरा और पुलिस स्टेशन के पीछे का हिस्सा भी सीसीटीवी की निगरानी में आने है.
ये भी पढ़ें: सुप्रीम कोर्ट से एसपी शालिनी अग्निहोत्री को राहत, तबादला के आदेश पर लगी रोक