शिमला: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने गगरेट से विधायक चैतन्य शर्मा के पिता और हमीरपुर से निर्दलीय विधायक आशीष शर्मा को दी अंतरिम अग्रिम जमानत की अवधि 1 अप्रैल तक बढ़ा दी है. न्यायाधीश रंजन शर्मा ने दोनों प्रार्थियों को आदेश दिए कि वे बालूगंज पुलिस द्वारा बुलाए जाने पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराए और जांच कार्य में सहयोग दें. हालांकि कोर्ट ने दोनों प्रार्थियो को स्वास्थ्य संबंधी समस्या के अनुसार ही उपस्थिति सुनिश्चित करने की छूट भी दी है. कोर्ट को प्रार्थियों की ओर से अवगत करवाया गया कि स्वास्थ्य कारणों के चलते वे बालूगंज पुलिस के समक्ष पेश नहीं हो पाए थे.
याचिकाओं में दिए तथ्यों के अनुसार शिमला के बालूगंज पुलिस स्टेशन में कांग्रेस के बागी एवं गगरेट से विधायक चैतन्य शर्मा के पिता और हमीरपुर से निर्दलीय विधायक आशीष शर्मा के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. दोनों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 171 ए और 171 सी, 120 बी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 एवं 8 के तहत मुकदमा दर्ज कराया गया है.
एफआईआर में बागी विधायक के पिता और निर्दलीय विधायक पर राज्यसभा चुनाव को गलत तरीके से प्रभावित करने का आरोप है. शिकायतकर्ताओं ने दोनों पर वोटों की खरीद-फरोख्त करने, रिश्वत एवं पैसों के लेनदेन के आरोप लगाए हैं. शिकायत में कहा गया है कि आरोपियों ने सरकार गिराने के लिए साजिश रची. शिकायतकर्ताओं ने हमीरपुर के निर्दलीय विधायक आशीष शर्मा और अयोग्य विधायक चेतन्य शर्मा के पिता के बैंक खातों की जांच कराए जाने की भी मांग की है. दोनों याचिकाओं पर आगामी सुनवाई 1 अप्रैल को होगी.
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