शिमला: राजधानी शिमला के उपनगर संजौली के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज से निष्कासित छात्रा के मामले में हिमाचल हाईकोर्ट ने दो दिन के भीतर फैसला लेने के निर्देश जारी किए हैं. छात्रा के निष्कासन के मामले में विचार के लिए हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी प्रशासन ने एक कमेटी का गठन किया है. इसी अनुशासनात्मक कमेटी को हाईकोर्ट ने दो दिन के भीतर फैसला लेने के निर्देश दिए हैं. निष्कासित की गई छात्रा ने हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है.
हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति संदीप शर्मा ने छात्रा की याचिका की सुनवाई के बाद एचपीयू की अनुशासनात्मक कमेटी की रिपोर्ट को भी अदालत के समक्ष पेश करने के आदेश जारी किए हैं. मामले की सुनवाई के दौरान एचपीयू प्रशासन की तरफ से अदालत में बताया गया कि इस मामले में एक अनुशासनात्मक कमेटी का गठन किया गया है. यह कमेटी छात्रा के निष्कासन से जुड़ा का मामला और इस संबंध में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस संजौली कॉलेज की रिपोर्ट को देखेगी.
अदालत के समक्ष बताया गया कि इस बारे में कोई भी अंतिम फैसला लेने से पहले कॉलेज और प्रार्थी छात्रा को सुना जाएगा. हाईकोर्ट ने कहा कि कॉलेज प्रशासन के विवादित निर्णय से छात्रा की शिक्षा का एक साल बर्बाद हो सकता है. इसलिए कमेटी को इस मामले में शीघ्र अति शीघ्र निर्णय लेने की आवश्यकता है। हाईकोर्ट ने इस मामले की सुनवाई 7 नवंबर को निर्धारित की है.
क्या है पूरा मामला: शिमला के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज संजौली में हुड़दंग मचाने के आरोप में कॉलेज प्रशासन ने 5 छात्रों को निष्कासित कर दिया था. कॉलेज में कथित रूप से हुड़दंग मचाने के अलावा छात्रों पर शिक्षकों के साथ अभद्र व्यवहार करने का भी आरोप है. इस मामले में पांच छात्रों को भी 20 सितंबर को निष्कासित किया गया था. छात्रा के अलावा पांच अन्य जिन छात्रों को निकाला गया, उन्होंने भी हाईकोर्ट में याचिकाएं दाखिल की हैं. उन याचिकाओं में भी हाईकोर्ट ने प्रतिवादियों से चार सप्ताह के भीतर जवाब तलब किया है.
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