शिमला: प्रदेश के कई स्कूलों में अध्यापकों के पद खाली पड़े हैं. खाली पड़े अध्यापकों के पदों को भरने की मांग लंबे समय से हो रही है. हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में खाली पड़े शिक्षकों और गैर शिक्षक कर्मचारियों के पदों का ब्यौरा कोर्ट के समक्ष रखने के आदेश जारी किए हैं.
कोर्ट ने शिक्षा सचिव को स्टेट्स रिपोर्ट के माध्यम से यह जानकारी कोर्ट के समक्ष रखने के आदेश दिए. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने चंबा जिले की तहसील चुराह के एक राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला में कोई भी शिक्षक न होने के कारण बच्चों को हो रही असुविधा से जुड़ी जनहित याचिका की सुनवाई के पश्चात ये आदेश दिए.
जनहित याचिका के जरिए शिक्षकों के पदों को भरने की लगाई थी गुहार
कोर्ट को बताया गया था कि स्कूल में मौजूदा समय में 21 छात्रों का दाखिला हुआ है. इनमें 8 छात्र 11वीं और 13 छात्रों ने 12वीं में दाखिला लिया हुआ है. इस स्कूल में न तो प्रधानाचार्य की नियुक्ति की गई है और न ही लेक्चरर की. ऐसे में छात्रों की असुविधा का सामना करना पड़ रहा है और उनका भविष्य भी अधर में लटका हुआ है. बच्चों की पढ़ाई का नुकसान अलग से हो रहा है. याचिका में बताया गया कि इस स्कूल में 5 पद लेक्चरर के स्वीकृत हैं, लेकिन एक भी पद नहीं भरा गया है. प्रार्थी विपिन कुमार की ओर से दायर जनहित याचिका के जरिए सरकार को आदेश जारी कर शिक्षकों के खाली पड़े पदों को भरने की गुहार लगाई है. हाईकोर्ट ने इस जनहित याचिका को विस्तार देते हुए प्रदेश के सभी सरकारी स्कूलों में शिक्षकों और गैर शिक्षकों के खाली पदों का विवरण मांगा है.