शिमला: डीए और एरियर की मांग को लेकर 21 और 23 अगस्त को राज्य सचिवालय के बाहर हुए कर्मचारियों के प्रदर्शन को लेकर प्रदेश सरकार सख्त हो गई है. इस दौरान सरकार के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने वाले कर्मचारी यूनियन के नेताओं को सरकार ने नोटिस जारी कर 15 दिनों में जवाब मांगा है.
हिमाचल प्रदेश सरकार के डिप्टी सेक्रेटरी ने यह नोटिस जारी किया है. यह नोटिस 10 कर्मचारी नेताओं को अलग-अलग नाम से जारी किया गया है. इस नोटिस में लिखा गया है कि "21 और 23 अगस्त को हिमाचल सेक्ट्रेट के बाहर सचिवालय में कार्यरत कर्मचारी नेताओं ने सरकार के कामकाज के खिलाफ आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग किया था. अपने भाषण में कर्मचारी नेताओं ने राज्य सरकार के अन्य कर्मियों को सरकार के खिलाफ उकसाया है जो सीसीएस आचरण नियमों का उल्लंघन है.
सरकारी कर्मचारी होने के नाते सरकार की प्रतिष्ठा को बरकरार रखना कर्मचारी का कर्तव्य है. ऐसे में सरकार के खिलाफ मंच से बोलना और सरकार की नीतियों की आलोचना करना स्वीकार नहीं किया जा सकता. एक सरकारी कर्मी को अनुशासन में रहते हुए अपने कर्तव्यों का पालन करना चाहिए और खुद पर संयम रखना चाहिए."
ऐसे में 10 कर्मचारियों को नोटिस जारी करते हुए उन्हें अपनी स्थिति को स्पष्ट करने का अवसर दिया गया है. इस नोटिस का जवाब 15 दिनों में देना होगा. अगर निर्धारित समय के अंदर कर्मचारी जवाब नहीं देते हैं तो यह मान लिया जाएगा कि कर्मचारियों के पास कहने के लिए कुछ नहीं है. ऐसे में मामले में आगामी कार्रवाई नियमों के मुताबिक अमल में लाई जाएगी.
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