शिमला: हिमाचल के देहरा में 15 अगस्त को आयोजित स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर डीए और संशोधित वेतनमान के एरियर के भुगतान की घोषणा न होने से प्रदेश में कर्मचारी नाराज चल रहे हैं. ऐसे में कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है. जिसके लिए हिमाचल प्रदेश सचिवालय सेवा परिसंघ ने 21 और 23 अगस्त को सचिवालय परिसर में आम सभा कर सरकार के खिलाफ जमकर अपनी भड़ास निकाली थी. इस दौरान कर्मचारियों ने विधानसभा के मानसून सेशन को देखते हुए अपने आंदोलन को कुछ समय के लिए स्थगित किया, लेकिन इस दौरान भी कर्मचारी काले बिल्ले लगाकर सरकार के खिलाफ अपनी नाराजगी जताते रहे.
ऐसे में हिमाचल प्रदेश सचिवालय सेवा परिसंघ ने आज सरकार के खिलाफ सचिवालय परिसर में आम सभा का ऐलान किया था, लेकिन कर्मचारियों को मुख्यमंत्री के सचिव से संदेश प्राप्त हुआ है. जिसमें उन्होंने कहा है कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने 3 से 4 दिनों में परिसंघ को वार्ता के लिए बुलाने की इच्छा व्यक्त की है. इसको देखते हुए हिमाचल प्रदेश सचिवालय सेवा परिसंघ ने आज होने वाली अपनी आम सभा को स्थगित करने का फैसला लिया है.
तीन किस्त पेंडिंग, चौथी अब देय
वित्तीय संकट से जूझ रही हिमाचल सरकार पर कर्मचारियों की देनदारी लगातार बढ़ रही है. इसमें पहले हिमाचल दिवस, स्वतंत्रता दिवस या दिवाली के मौके पर कर्मचारियों की देनदारियों को निपटाया जाता रहा है, लेकिन अब कर्ज के बोझ से दबी सरकार का खजाना कर्मचारियों के लिए खाली है. हालत ये है कि प्रदेश सरकार को डीए की तीन किस्त देनी है. जिसमें पहली किस्त 1 जनवरी 2023, दूसरी 1 जुलाई 2023 और तीसरी किस्त 1 जनवरी 2024 से दी जानी अभी बाकी है. इस पर अब 1 जुलाई 2024 से चौथी किस्त भी देय हो गई है. यही नहीं कर्मचारियों को अभी छठे वेतनमान का संशोधित एरियर भी नहीं मिला है. जिससे प्रदेश भर में विभिन्न विभागों के कर्मचारी संगठनों ने अपनी मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला है.
हिमाचल प्रदेश सचिवालय सेवा परिसंघ के अध्यक्ष संजीव शर्मा ने कहा, "मुख्यमंत्री के सचिव से संदेश प्राप्त हुआ है. जिसमें उन्होंने कहा है कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने 3 से 4 दिनों में परिसंघ को वार्ता के लिए बुलाने की इच्छा जताई है. इसको देखते हुए आज सचिवालय में होने वाली आम सभा को स्थगित किया गया है."