शिमला: हिमाचल प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड कर्मचारियों का अपनी मांगों को लेकर संघर्ष जारी है. बिजली बोर्ड के कर्मचारी विभिन्न मंचों के जरिए अपनी मांगों को सरकार के समक्ष उठा रहे हैं. इसी कड़ी में 6 नवंबर को बिजली बोर्ड कर्मचारियों की मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के साथ बैठक हुई थी. जिसमें मुख्यमंत्री से HPSEBL प्रबंधन को कर्मचारियों के साथ मीटिंग कर उनकी मांगों को सुनने के निर्देश जारी किए थे.
18 नवंबर को कर्मचारियों की अगली बैठक
जिसके बाद बिजली बोर्ड कर्मचारियों ने हिमाचल प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड प्रबंधन के साथ हुई बैठक में अपनी मांगों को दोहराया है. हिमाचल प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड कर्मचारी एवं अभियंता संयुक्त मोर्चा की अगली त्रिपक्षीय बैठक 18 नवंबर को सेक्रेटरी पावर के साथ होगी. जिसमें कर्मचारियों ने उनकी मांगों के समाधान होने की संभावना जताई है.
प्रबंधन के सामने रखी ये मांगे
हिमाचल प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड कर्मचारियों ने प्रबंधन के साथ बैठक में अपनी मांगों को प्रमुखता के साथ रखा और इन पर जल्द उचित निर्णय लेने का आग्रह किया.
- बिजली बोर्ड में 51 पदों को समाप्त करने के फैसले की समीक्षा करते हुए इन्हें तुरंत प्रभाव से बहाल करने की मांग
- 81 आउटसोर्स ड्राइवरों की सेवाएं समाप्त करने के फैसले को वापस लेने की मांग
- बिजली बोर्ड कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन प्रणाली (OPS) को तत्काल लागू करने की मांग
- ट्रांसमिशन विंग को बोर्ड से ट्रांसमिशन कारपोरेशन में स्थानांतरित करने के प्रस्ताव को रोकने की मांग
- कार्यबल को मजबूत करने और राज्य में उपभोक्ताओं को उच्च गुणवत्ता वाली वितरण सेवा सुनिश्चित करने के लिए भर्ती प्रक्रिया शुरू करने की मांग
हिमाचल प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड कर्मचारी एवं अभियंता संयुक्त मोर्चा सहसंयोजक हीरालाल वर्मा ने बताया, "अब 18 नवंबर को सचिव ऊर्जा और बोर्ड प्रबंधन के साथ त्रिपक्षीय बैठक आयोजित की जाएगी. जिसमें कर्मचारियों द्वारा अपनी मांगों को फिर से रखा जाएगा."