पांवटा साहिब: हिमाचल प्रदेश में अपनी मांगों को लेकर डॉक्टर प्रदर्शन कर रहे हैं. आज से प्रदेशभर के अस्पतालों में डॉक्टर ने ढाई घंटे की पेन डाउन स्ट्राइक शुरू कर दी है. सुबह 9:30 से 12:00 बजे तक डॉक्टरों की पेन डाउन स्ट्राइक जारी रही. इस दौरान ओपीडी सेवा बिल्कुल बंद रही. हालांकि इससे पहले डॉक्टरों द्वारा काले बिल्ले लगाकर रोष प्रदर्शन किया जा रहा था, लेकिन आज से डॉक्टरों की पेन डाउन स्ट्राइक भी शुरू कर दी है. डॉक्टरों का कहना है कि जब तक सरकार उनकी मांगों को नहीं मानती है, प्रदेशभर में डॉक्टरों की ये स्ट्राइक जारी रहेगी. ऐसे में आने वाले दिनों में मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा.
पांवटा साहिब में डॉक्टरों की स्ट्राइक
सिविल अस्पताल पांवटा साहिब में भी डॉक्टर ढाई घंटे की पेन डाउन स्ट्राइक पर रहे. इस दौरान सिर्फ आपातकालीन सेवाएं ही प्रदान की गई. इसके अलावा ओपीडी पूरी तरह से बंद रही. एनपीए बहाल करने समेत अन्य प्रमुख 5 मांगों को लेकर लगातार डॉक्टर 33 दिनों से काले बिल्ले लगाकर प्रदर्शन कर रहे थे, लेकिन आज से अस्पतालों में ढाई घंटे की पेन डाउन स्ट्राइक डॉक्टरों द्वारा शुरू कर दी गई है.
"13 फरवरी को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के साथ हुई वार्ता के मिनट्स ऑफ मीटिंग अभी तक संघ से साझा नहीं किए गए हैं. सीएम ने डॉक्टरों की मांगों को लेकर जो समितियां बनाने की बात कही थी, वो समितियां धरातल पर काम करती हुई नजर नहीं आ रही हैं." - डॉ. राघव, सदस्य, हिमाचल प्रदेश कार्यकारिणी
सोलन में डॉक्टरों की ढाई घंटे पेन डाउन स्ट्राइक
वहीं, सिविल अस्पताल सोलन में भी सभी डॉक्टर सुबह 9:30 से लेकर 12:00 बजे तक पेन डाउन स्ट्राइक पर रहे. सिविल अस्पताल सोलन जिले का सबसे बड़ा अस्पताल है. जहां पर शिमला, सिरमौर और सोलन के लोग अपना इलाज करवाने के लिए आते हैं, लेकिन डॉक्टरों की ढाई घंटे की स्ट्राइक होने के चलते मरीजों को खासा परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं, डॉक्टरों द्वारा पहले ही इस बारे में लोगों को अवगत करवा दिया गया है कि मरीज 12 बजे तक अस्पताल में अपना चेकअप करवाने के लिए पहुंचे.
"पिछले 1 साल से डॉक्टर अपनी मांगों को लेकर लगातार सरकार के समक्ष बात रख रहे हैं, लेकिन 33 दिन तक काले बिल्ले लगाने पर भी सरकार ने उनकी बात पर ध्यान नहीं दिया. सीएम से वार्ता के बाद भी कोई रिजल्ट नहीं निकल पाया है. सरकार हमारी मांगों को टालने का प्रयास कर रही है. 5 मार्च तक इसी तरह से डॉक्टर अस्पतालों में पेन डाउन स्ट्राइक करने वाले हैं. उसके बाद जो राज्य स्तर की कमेटी निर्णय लेगी उसको लेकर कार्य किया जाएगा." - डॉक्टर कमल अटवाल, प्रधान, हिमाचल मेडिकल ऑफिसर्स एसोसिएशन सोलन इकाई
डॉक्टरों की मुख्य मांगे
- नॉन प्रैक्टिस अलाउंस (NPA) को बहाल किया जाए.
- डॉक्टरों के 4-9-14 पे स्केल को पुनः बहाल किया जाए.
- प्रोजेक्ट डायरेक्टर एड्स कंट्रोल सोसायटी का कार्यभार स्वास्थ्य निदेशक को पुनः प्रदान किया जाए.
- स्वास्थ्य विभाग सेवानिवृत्त मुख्य चिकित्सा अधिकारियों और किसी को भी रिटायर होने के बाद एक्सटेंशन न दी जाए.
- पात्रता एवं वरिष्ठता के आधार पर हेल्थ सर्विस डायरेक्टर, जेडी, डीडी, सीएमओ, एसएमएस, बीएमओ को प्रमोशन दी जाए.
- मेडिकल कॉलेजों में भी डायनेमिक करियर प्रोग्रेशन स्कीम को धरातल पर लाया जाए.
- रेगुलर डीपीसी की जाए, ताकि मेडिकल कॉलेजों की मान्यताओं पर कोई खतरा न मंडराए.
- डायनेमिक करियर प्रोग्रेशन स्कीम को केंद्र सरकार के बराबर लागू किया जाए.
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