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हिमाचल में अगले महीने से डिपुओं में मिलेगा महंगा राशन, चावल और आटे के बढ़े दाम, देखें रेट लिस्ट - Rice and Wheat price Increase - RICE AND WHEAT PRICE INCREASE

Depot Rice and wheat prices will increase from September: सितंबर महीने से हिमाचल प्रदेश के डिपुओं में महंगा राशन मिलेगा. सुक्खू सरकार ने चावल और आटे की कीमतों में बढ़ोतरी की है. पढ़िए पूरी खबर...

सितंबर से डिपुओं में मिलेगा महंगा राशन
सितंबर से डिपुओं में मिलेगा महंगा राशन (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Aug 21, 2024, 8:07 AM IST

Updated : Aug 21, 2024, 8:14 AM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश के डिपुओं में मिलने वाला सस्ता राशन अब महंगा हो गया है. प्रदेश भर में उपभोक्ताओं को अगले महीने से सस्ता राशन खरीदने के लिए अधिक दाम चुकाने होंगे. सरकार ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत उचित मूल्य की दुकानों के माध्यम से दिए जाने वाले आटे और चावल के रेट बढ़ा दिए हैं. नए रेट अगले महीने सितंबर से लागू होंगे. जिसकी अधिसूचना भी जारी हो गई है. इन आदेशों के मुताबिक सुक्खू सरकार ने एपीएल और बीपीएल को दिए जाने वाले आटे और चावल के दाम बढ़ाए हैं. इसके अतिरिक्त एनएफएसए को मिलने वाले राशन के भाव में कोई बदलाव नहीं किया गया है.

चावल ₹3 और आटा ₹2.70 महंगा: हिमाचल प्रदेश में डिपुओं के माध्यम से उपभोक्ताओं को मिलने वाला आटा और और चावल महंगा हुआ है. अगले महीने से एपीएल परिवारों को चावल 13 रुपये किलो मिलेगा. अभी डिपुओं में चावल की कीमत 10 रुपए किलो है. इस तरह से चावल अब 3 रुपए प्रति किलो महंगा हुआ है. वहीं आटे के अब प्रति किलो 12 रुपए चुकाने होंगे. अभी एपीएल परिवारों को 9.30 रुपये किलो के हिसाब से आटा दिया जा रहा है. इस तरह से डिपुओं में आटा भी 2.70 रुपए महंगा हुआ है.

इसके अलावा बीपीएल परिवारों को मिलने वाला राशन भी महंगा हो गया है. इस श्रेणी के उपभोक्ताओं को सितंबर महीने से चावल 10 रुपए प्रति किलो और आटा 9.30 रुपए प्रति किलो से हिसाब से मिलेगा. अभी बीपीएल को चावल 6.85 रुपए प्रति किलो और आटा 7 रुपए किलो के हिसाब से दिया जा रहा है.

इसलिए बढ़ाए गए दाम: हिमाचल में डिपुओं के माध्यम से दिए जा रहे आटा और चावल का भाव करीब 13 साल बाद बढ़ाए गए हैं. इसके पीछे तर्क है कि राशन को डिपुओं और गोदामों तक पहुंचाने का भाड़ा पहले की तुलना में कई गुणा महंगा हो गया है. वहीं, राशन की कीमतें भी लगातार बढ़ रही है. केंद्र से हिमाचल को गेहूं का आवंटन होता है, लेकिन प्रदेश सरकार अपने स्तर पर गेहूं की पिसाई कर उपभोक्ताओं को आटा उपलब्ध करा रही है. ऐसे में चक्की में पिसाई भी अब महंगी हुई है. जिस कारण सरकार को 13 साल बाद आटा और चावल के भाव बढ़ाने पड़ रहे हैं. लेकिन बाजार की तुलना में अभी भी आटा और चावल काफी सस्ते रेट पर मिलेगा.

ये भी पढ़ें: "भाजपा ने हमेशा विकास कार्यों को रोकने का किया काम, प्रदेश सरकार करने जा रही शिक्षा एवं स्वास्थ्य क्षेत्र में बड़े परिवर्तन"

शिमला: हिमाचल प्रदेश के डिपुओं में मिलने वाला सस्ता राशन अब महंगा हो गया है. प्रदेश भर में उपभोक्ताओं को अगले महीने से सस्ता राशन खरीदने के लिए अधिक दाम चुकाने होंगे. सरकार ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत उचित मूल्य की दुकानों के माध्यम से दिए जाने वाले आटे और चावल के रेट बढ़ा दिए हैं. नए रेट अगले महीने सितंबर से लागू होंगे. जिसकी अधिसूचना भी जारी हो गई है. इन आदेशों के मुताबिक सुक्खू सरकार ने एपीएल और बीपीएल को दिए जाने वाले आटे और चावल के दाम बढ़ाए हैं. इसके अतिरिक्त एनएफएसए को मिलने वाले राशन के भाव में कोई बदलाव नहीं किया गया है.

चावल ₹3 और आटा ₹2.70 महंगा: हिमाचल प्रदेश में डिपुओं के माध्यम से उपभोक्ताओं को मिलने वाला आटा और और चावल महंगा हुआ है. अगले महीने से एपीएल परिवारों को चावल 13 रुपये किलो मिलेगा. अभी डिपुओं में चावल की कीमत 10 रुपए किलो है. इस तरह से चावल अब 3 रुपए प्रति किलो महंगा हुआ है. वहीं आटे के अब प्रति किलो 12 रुपए चुकाने होंगे. अभी एपीएल परिवारों को 9.30 रुपये किलो के हिसाब से आटा दिया जा रहा है. इस तरह से डिपुओं में आटा भी 2.70 रुपए महंगा हुआ है.

इसके अलावा बीपीएल परिवारों को मिलने वाला राशन भी महंगा हो गया है. इस श्रेणी के उपभोक्ताओं को सितंबर महीने से चावल 10 रुपए प्रति किलो और आटा 9.30 रुपए प्रति किलो से हिसाब से मिलेगा. अभी बीपीएल को चावल 6.85 रुपए प्रति किलो और आटा 7 रुपए किलो के हिसाब से दिया जा रहा है.

इसलिए बढ़ाए गए दाम: हिमाचल में डिपुओं के माध्यम से दिए जा रहे आटा और चावल का भाव करीब 13 साल बाद बढ़ाए गए हैं. इसके पीछे तर्क है कि राशन को डिपुओं और गोदामों तक पहुंचाने का भाड़ा पहले की तुलना में कई गुणा महंगा हो गया है. वहीं, राशन की कीमतें भी लगातार बढ़ रही है. केंद्र से हिमाचल को गेहूं का आवंटन होता है, लेकिन प्रदेश सरकार अपने स्तर पर गेहूं की पिसाई कर उपभोक्ताओं को आटा उपलब्ध करा रही है. ऐसे में चक्की में पिसाई भी अब महंगी हुई है. जिस कारण सरकार को 13 साल बाद आटा और चावल के भाव बढ़ाने पड़ रहे हैं. लेकिन बाजार की तुलना में अभी भी आटा और चावल काफी सस्ते रेट पर मिलेगा.

ये भी पढ़ें: "भाजपा ने हमेशा विकास कार्यों को रोकने का किया काम, प्रदेश सरकार करने जा रही शिक्षा एवं स्वास्थ्य क्षेत्र में बड़े परिवर्तन"

Last Updated : Aug 21, 2024, 8:14 AM IST
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