शिमला: हिमाचल प्रदेश में युवा क्रिप्टो करेंसी के जाल में फंस गए हैं. क्रिप्टो करेंसी के नाम पर कई लोग ठगी का शिकार हुए हैं. 28 फरवरी को विधानसभा में क्रिप्टो करेंसी का मुद्दा गूंजा. शाहपुर से कांग्रेस विधायक केवल सिंह पठानिया ने क्रिप्टो करेंसी के मुद्दे पर मुख्यमंत्री से जानकारी मांगी. केवल सिंह पठानिया ने प्रश्न पूछा की बीते 3 सालों में प्रदेश में क्रिप्टो करेंसी घोटाले के तहत कितने मामले दर्ज हुए हैं और कितने आरोपियों को इसमें गिरफ्तार किया गया है. वहीं, एक अन्य प्रश्न में विधायक ने पूछा कि प्रदेश में कितनी धनराशि का क्रिप्टो करेंसी के तहत घोटाला हुआ और उसमें से कितनी धनराशि वापस लाई गई है.
3 सालों में 18 क्रिप्टो करेंसी के मामले दर्ज
इस सवाल के जवाब में सीएम सुखविंदर सुक्खू ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में बीते तीन सालों में क्रिप्टो करेंसी के 18 मामले दर्ज किए गए हैं. इन मामलों में अभी तक 26 लोगों की गिरफ्तारी हुई है. सीएम सुक्खू ने बताया कि प्रदेश में क्रिप्टो करेंसी के तहत 2.049 करोड़ रुपए का घोटाला पाया गया है और 2 लोगों को 7 लाख 50 हजार की धनराशि वापस की गई है. इसमें 1 व्यक्ति को 2 लाख 10 हजार रुपए की राशि वापस की गई है. जबकि दूसरे व्यक्ति को 5 लाख 40 हजार रुपए की राशि वापस की गई है.
सरकारी कर्मचारियों ने भी क्रिप्टो करेंसी में किया इन्वेस्ट
गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश के डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री पहले भी बता चुके हैं कि प्रदेश में 5 हजार सरकारी कर्मचारियों ने भी ₹2500 हजार करोड़ के क्रिप्टो करेंसी में पैसा लगाया है. इनमें से बड़ी संख्या में ऐसे कर्मचारी भी हैं, जिन्होंने इस काली कमाई के लिए अपनी नौकरी तक छोड़ दी और समय से पहले ही रिटायरमेंट तक ले ली. उसके बाद खुद भी क्रिप्टो करेंसी में पैसा इन्वेस्ट किया और दूसरों से भी निवेद करवाया. अब हिमाचल पुलिस द्वारा क्रिप्टो करेंसी से जुड़े इन सभी लोगों पर शिकंजा कसा जा रहा है.
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