शिमला: नई दिल्ली में मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर एसजेवीएन और एनएचपीसी की बिजली परियोजनाओं को दी जा रही निशुल्क पावर रॉयल्टी सहित प्रदेश हित से जुड़े कई मुद्दों को उठाया.
सीएम सुक्खू ने कहा बार-बार आग्रह करने के बावजूद भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड ने काफी समय से लंबित एरियर का हिमाचल प्रदेश को भुगतान नहीं किया है. इसके अलावा शानन पावर प्रोजेक्ट की पट्टा अवधि पूरी होने के बावजूद प्रदेश को अभी तक इसका मालिकाना हक नहीं मिल पाया है.
सीएम ने हिमाचल को हरित ऊर्जा संपन्न राज्य बनाने के लिए पीएम का समर्थन मांगा उन्होंने कहा प्रदेश जल्द ही हरित ऊर्जा निर्भर राज्य बनने जा रहा है इसलिए ताप विद्युत खरीद की शर्तों व नियमों में राहत देते हुए राज्य को उचित मुआवजा प्रदान किया जाए. उन्होंने कहा हरित ऊर्जा की दिशा में कदम बढ़ाते हुए राज्य में इलेक्ट्रिक बसों को बढ़ावा दिया जा रहा है. मुख्यमंत्री ने ई-बसों की फंडिंग के लिए नाबार्ड के तहत ग्रामीण आधारभूत संरचना विकास निधि (आरआईडीएफ) ऋण प्रदान करने की अनुमति देने का आग्रह किया.
लंबित बिजली परियोजनाओं के मुद्दों को उठाया
सीएम ने कहा कि स्पीति में 1000 मेगावॉट हाइब्रिड सौर और पवन ऊर्जा उत्पादन की क्षमता है जिसका ग्रीन कॉरिडोर ट्रांसमिशन के जरिए दोहन किया जा सकता है. उन्होंने कहा सतलुज घाटी में सौर, पवन और जलविद्युत ऊर्जा की अपार संभावनाएं हैं.
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने प्रधानमंत्री को राज्य सरकार की ओर से प्रदेश में पर्यटन को प्रोत्साहित करने के लिए किए जा रहे विशेष प्रयासों की भी जानकारी दी. उन्होंने कहा कि कांगड़ा को पर्यटन राजधानी के तौर पर विकसित किया जा रहा है.
वहीं, कांगड़ा हवाई अड्डे के विस्तार की प्रक्रिया भी जारी है. उन्होंने केंद्र सरकार से भूमि अधिग्रहण का पचास फीसदी खर्च उठाने और हवाई अड्डे के विस्तारीकरण के लिए विशेष अनुदान देने का भी आग्रह किया. उन्होंने पर्यटन, रोजगार और आर्थिक विकास के लिए पर्यटन विशेष आर्थिक क्षेत्र के लिए नीति बनाने का सुझाव दिया. मुख्यमंत्री ने कहा हिमाचल जैसे पहाड़ी राज्य से इस तरह की नीति को शुरू करना बहुत लाभदायक होगा.
वित्तीय सहायता का किया आग्रह
सीएम सुक्खू ने पीएम को विभिन्न विकासात्मक गतिविधियों के बारे में भी अवगत करवाया और उदार वित्तीय सहायता प्रदान करने का आग्रह किया जिससे राज्य सरकार बीते वर्ष मानसून सीजन में हुए नुकसान से जल्द उबर सके. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री की सभी मांगों को विनम्रता से सुना और हर संभव मदद का आश्वासन दिया.
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