शिमला: हिमाचल में बेरोजगार युवाओं को सरकारी क्षेत्र में नौकरी के अवसर मिलने वाले हैं. प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग में होगी बंपर भर्ती होने जा रही है. स्वास्थ्य विभाग में सबसे अधिक विभिन्न श्रेणियों के करीब 900 पद भरे जाने हैं. शिमला में गुरुवार को सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में आयोजित हुई. कैबिनेट ने इन पदों को भरने की मंजूरी दे दी है.
मंत्रिमंडल ने कांगड़ा जिला के डॉ. राजेंद्र प्रसाद राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय, टांडा में विभिन्न श्रेणियों के 462 पद सृजित कर भरने का निर्णय लिया हैं. इसमें चिकित्सा अधिकारियों के 14 पद, मनोचिकित्सक व क्लीनिकल मनोवैज्ञानिक के चार-चार पद, स्टाफ नर्स के 300 पद, रेडियोग्राफर के 2 पद, वार्ड ब्वॉय के 47 पद, ऑपरेशन थियेटर सहायक के 4 पद, ट्रांसप्लांट कोऑर्डिनेटर के 2 पद, डाटा एंट्री ऑपरेटर के 10 पद, चतुर्थ श्रेणी के 5 पद, सफाई कर्मचारी के 40 पद, सुरक्षा गार्ड के 30 पद शामिल हैं.
इसके अतिरिक्त आईजीएमसी शिमला और अटल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल सुपर स्पेशलिटी चमियाना में विभिन्न श्रेणियों के 489 पदों को सृजित कर भरने का भी निर्णय लिया गया. इसमें आईजीएमसी शिमला में विशेषज्ञ चिकित्सा अधिकारी के 21 पद व अटल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल सुपर स्पेशलिटी चमियाना में सुपर-स्पेशियलिटी चिकित्सा अधिकारी के 7 पद शामिल हैं. मंत्रिमंडल ने स्टाफ नर्स के 400 पद, ऑपरेशन थियेटर सहायक के 43 पद, नर्सिंग ऑर्डरली-सह-ड्रेसर के 11 पद, आहार विशेषज्ञ के 2 पद, फिजियोथेरेपिस्ट का 1 पद एवं डाटा एंट्री ऑपरेटर के 4 पद भरने को स्वीकृति दी गई है.
वहीं, कैबिनेट ने आबकारी एवं काराधान विभाग दो विंग में विभाजित करने को मंजूरी दी है. जिसमें एक विंग जीएसटी और दूसरा काराधन विभाग होगा. वहीं, आपदा प्रभावित 89 परिवारों को तीन महीने रहने खाने की सरकार मदद करेगी. कैबिनेट ने 12 पद असिस्टेंट डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी के स्वीकृत किए है. सूचना आयोग में तीन पद स्टेनोग्राफर, असिस्टेंट कंजरवेटर ऑफ फॉरेस्ट डिपार्टमेंट के पांच पद स्वीकृत किए गए है.
इन विभागों में भी मिलेगा नौकरी का मौका: कैबिनेट ने शहरी विकास निदेशालय में पर्यावरण प्रभाग को सृजित करने और कचरा प्रबंधन गतिविधियों पर निगरानी के लिए विभिन्न श्रेणियों के 5 पदों को सृजित करने को स्वीकृति दी. बैठक में अभियोजन विभाग में सहायक जिला अटॉर्नी के 12 पदों को सृजित कर भरने को भी स्वीकृति दी गई. जिला हमीरपुर के समीरपुर और भरेड़ी खंडों में जल शक्ति विभाग के नए उपमंडल कंजयाण के लिए विभिन्न श्रेणियों के 12 पदों को सृजित कर भरने को स्वीकृति प्रदान की गई.
मंत्रिमण्डल ने जिला कांगड़ा में नई बनाई गई उप-तहसील भड़ोली के लिए विभिन्न श्रेणियों के 8 पद सृजित कर भरने को स्वीकृति दी. बैठक में वन विभाग में सहायक वन संरक्षक के 5 पदों को भरने को स्वीकृति दी. मंत्रिमंडल ने जिला हमीरपुर के गलोड़ में नव सृजित पुलिस पोस्ट के लिए विभिन्न श्रेणियों के 6 पद सृजित भरने को स्वीकृति प्रदान की है.
आपदा प्रभावितों की मदद का निर्णय: मंत्रिमंडल के सदस्यों ने 1 अगस्त को कुल्लू, मंडी और शिमला जिलों में बादल फटने की घटना में जान गंवाने वाले लोगों को श्रद्धांजलि दी. मंत्रिमंडल ने शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त कीं. बैठक में आपदा प्रभावित परिवार जिनके मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं, को 1 अगस्त, 2024 से 31 अक्टूबर, 2024 तक तीन महीने की अवधि के लिए शहरी क्षेत्रों में 10 हजार रुपये और ग्रामीण क्षेत्रों में 5 हजार रुपये प्रतिमाह किराये पर आवासीय सुविधा के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करने के साथ-साथ मुफ्त राशन, एलपीजी सिलेंडर, बर्तन और बिस्तर भी उपलब्ध करवाने का निर्णय लिया गया है. इसके अतिरिक्त, प्रभावित परिवारों को 50 हजार रुपये की तत्काल वित्तीय सहायता वितरित की जाएगी.
खनन के लिए निजी भूमि की भी होगी नीलामी: मंत्रिमंडल ने हिमाचल प्रदेश माइनर मिनरल्ज (कन्सैशन) एंड मिनरल्ज (प्रिवेन्शन ऑफ इल्लिगल माइनिंग, ट्रांसपोटेशन एंड स्टोरेज) नियम, 2015 में संशोधन करने का निर्णय लिया. नए प्रावधानों के तहत, राज्य में खनन के लिए उपलब्ध उपयुक्त निजी भूमि को भूमि मालिकों की सहमति से खनिजों को निकालने के लिए नीलाम किया जा सकता है, जिसके लिए भूमि मालिकों को वार्षिक बोली राशि का 80 फीसदी दिया जाएगा. इसके अतिरिक्त, व्यवस्थित, वैज्ञानिक, सतत खनन को बढ़ावा देने व खनिजों की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए नदी तल में खनिज उत्खनन के लिए मशीनरी के उपयोग की अनुमति प्रदान की गई.
नदी तल में खनन की गहराई को मौजूदा एक मीटर से बढ़ाकर दो मीटर किया गया है. हर मानसून के मौसम के बाद कृषि क्षेत्रों से दो मीटर की गहराई तक रेत और बजरी निकालने की अनुमति का प्रावधान किया गया है, जिसे गैर-खनन गतिविधि माना जाएगा. इसके अलावा, नए संशोधनों में इलेक्ट्रिक वाहन शुल्क के रूप में पांच रुपये प्रति टन, ऑनलाइन शुल्क के रूप में पांच रुपये प्रति टन और दूध उपकर के रूप में दो रुपये प्रति टन शुल्क लिया जाएगा. गैर खनन गतिविधियों से प्राप्त सामग्री के उपयोग के लिए, रॉयल्टी का 75 फीसदी (140 रुपये प्रति टन) प्रसंस्करण शुल्क सरकार को देय होगा.
हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग को ये जिम्मा: मंत्रिमंडल ने पुलिस आरक्षियों के पदों की भर्ती प्रक्रिया को हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग के अधिकार क्षेत्र में लाने को स्वीकृति प्रदान की है. इसके अतिरिक्त राज्य में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए मंत्रिमंडल ने रसायनमुक्त उत्पादन और उत्पाद के प्रमाणीकरण के लिए क्लस्टर आधारित दृष्टिकोण को अपनाते हुए हिम उन्नति योजना को लागू करने का निर्णय लिया है. इस योजना के अंतर्गत लगभग 50 हजार किसानों को शामिल करने के लिए 2600 कृषि समूहों को स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है.
यह योजना कृषि समुदायों की आर्थिकी को मजबूत करने के लिए आवश्यक क्षमता निर्माण प्रशिक्षण और वित्तीय सहयोग प्रदान करेगी. इसके अलावा प्राकृतिक खेती से उगाए गए गेहूं को 40 रुपये प्रति किलो और मक्का को 30 रुपये प्रति किलो खरीदने की योजना है. मंत्रिमंडल ने पशुपालन विभाग में ग्राम पंचायत पशु चिकित्सा सहायकों के मुद्दों के समाधान और सिफारिशें प्रस्तुत करने के लिए कृषि मंत्री प्रो. चंद्र कुमार की अध्यक्षता में एक उप समिति का गठन करने का निर्णय लिया. राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी और उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान इस उप-समिति के सदस्य होंगे.
एचआरटीसी की बसों में पुलिस कर्मियों की मुफ्त यात्रा बंद: कैबिनेट ने एचआरटीसी बसों में रियायती सुविधा का लाभ उठाने वाले सभी पुलिस कर्मियों, जेल अधिकारी, हिमाचल प्रदेश सचिवालय सुरक्षा सेवाएं स्टाफ को एचआरटीसी बस में यात्रा के लिए यात्रा की प्रतिपूर्ति प्रदान की जाएगी. वहीं राज्य में निजी ऑपरेटरों को 168 रूटों के पुनः आवंटन के लिए राज्य परिवहन नीति-2014 के तहत 60 अनुपात 40 की शर्तों में ढील देने को सहमति दी गई.
मंत्रिमंडल ने वार्षिक प्रदर्शन मूल्यांकन रिपोर्ट (एपीएआर) नियम-2024 की अधिसूचना को मंजूरी दी. इसका उद्देश्य कार्य का गुणवत्तापूर्ण मूल्यांकन करना है. नए नियमों के अनुसार डिस्क्रिप्टिव ग्रेडिंग के स्थान पर न्यूमेरिकल ग्रेडिंग के आधार पर हर वर्ष 31 दिसंबर से पूर्व मूल्यांकन किया जाएगा. इसके अतिरिक्त बैठक में राज्य कर एवं आबकारी विभाग को दो अलग-अलग विंग में पुनर्गठित करने के लिए व्यापक मार्गदर्शक सिद्धांतों को मंजूरी दी. इस पहल का उद्देश्य विभाग की कार्यप्रणाली को सुव्यस्थित करना, कार्य में दक्षता लाना तथा राजस्व को बढ़ावा देना है.
गांव में इनका मुफ्त पानी हुआ बंद: हिमाचल के ग्रामीण क्षेत्रों में अब पानी के बिल चुकाने होंगे. प्रदेश में सरकारी कर्मचारी, करदाता एवं गरीबी रेखा से ऊपर लोगों को फ्री में नहीं मिलेगा. ऐसे लोगों से अब हर महीने पानी का 100 रुपए बिल प्रति कनेक्शन वसूला जाएगा. इसके अतिरिक्त अब सिर्फ 50 हजार की इनकम वालों, दिव्यांगों, विधवाओं, एकल नारियों और गरीब लोगों को ही निशुल्क पानी दिया जाएगा. कैबिनेट ने नलकों मेंं पानी के मीटर लगाए जाने का भी निर्णय लिया है. ताकि पता लगाया जा सके कि कौन कितना पानी इस्तेमाल कर रहा है.
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