शिमला: हिमाचल प्रदेश में वनों से हरे-भरे पेड़ों का अवैध कटान चिंताजनक आंकड़े पेश कर रहा है. राज्य में पिछले साल एक जनवरी से लेकर 31 जुलाई 2024 तक 4476 पेड़ काट डाले. वन माफिया ने कुल 10.98 करोड़ रुपए की वन संपदा पर कुल्हाड़ी चलाई. हिमाचल विधानसभा के मानसून सेशन में प्रश्नकाल के दौरान ये जानकारी एक सवाल के लिखित जवाब में सामने आई है. सरकार की तरफ से बताया गया कि पिछले साल की शुरुआत से लेकर 31 जुलाई 2024 प्रदेश में अवैध पेड़ कटान के 2123 मामले सामने आए हैं.
2.72 करोड़ रुपए वसूला जुर्माना
श्री नैना देवी से भाजपा विधायक रणधीर शर्मा के सवाल के लिखित जवाब में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की तरफ से ये जानकारी दी गई. लिखित जवाब के अनुसार अवैध रूप से काटे गए 4476 पेड़ों का बाजारी मूल्य 10 करोड़, 98 लाख, 10 हजार, 120 रुपए आंका गया. इस दौरान कुल 1607 मामले कंपाउंड किए गए हैं. इसके अलावा 2.72 करोड़ रुपए जुर्माना भी वसूला गया है. राज्य पुलिस के पास 229 मामले दर्ज हैं और 32 मामलों में अदालतों में चालान पेश किए गए हैं.
किस जिले में कितने मामले
अवैध रूप से पेड़ कटान के मामलों में बिलासपुर में 185, चंबा में 139, कांगड़ा में 307, हमीरपुर में 134, कुल्लू में 288, मंडी में 510, सिरमौर में 115, किन्नौर में 40, सोलन में 178, शिमला में 209 व ऊना में 18 मामले पेश आए हैं.
वहीं, बिलासपुर जिले में काटे गए पेड़ों की संख्या 363, चंबा में 242, कांगड़ा में 755, हमीरपुर में 276, कुल्लू में 415, मंडी में 840, सिरमौर में 258, किन्नौर में 82 पेड़ काटे गए. सोलन जिले में में काटे गए पेड़ों की संख्या 559, शिमला में 601, ऊना में 85 पेड़ काटे गए. लाहौल-स्पीति में अवैध कटान का कोई मामला सामने नहीं आया है.