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हिजाब विवाद बरकरार ! भाजपा विधायक बालमुकुंद आचार्य बोले - हमारे बच्चे भी अगर लहंगा-चुन्नी पहनकर स्कूल आएंगे तो... - भाजपा विधायक बालमुकुंद

Hijab controversy, हिजाब को लेकर चर्चा के केंद्र में आए भाजपा विधायक बालमुकुंद आचार्य ने सोमवार को प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि एक विद्यालय की प्रिंसिपल से मैंने पूछा कि दो तरह की ड्रेस कोड क्यों? अगर कल को हमारे बच्चे भी लहंगा-चुन्नी या फिर कलरफुल ड्रेस कोड में स्कूल आएंगे तो चलेगा क्या? खैर, कुछ लोगों को केवल सियासत करनी होती है और वो इससे बाज नहीं आएंगे.

Hijab controversy
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 29, 2024, 7:31 PM IST

भाजपा विधायक बालमुकुंद आचार्य

जयपुर. स्कूलों में हिजाब पहनने को लेकर जयपुर में सड़क से सदन तक बवाल मचा हुआ है. भाजपा विधायक बालमुकुंद आचार्य का इस मामले को लेकर एक वीडियो भी सामने आया था, जिसको लेकर विवाद की स्थिति उत्पन्न हो गई है. वहीं, सोमवार को विधानसभा के बाहर मीडियाकर्मियों से रूबरू हुए भाजपा विधायक ने इस पूरे मसले पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा, ''स्कूलों का एक ड्रेस कोड होता है. मैंने स्कूली बच्चियों को लेकर कुछ भी नहीं कहा है. मैंने केवल स्कूल की प्रिंसिपल से पूछा था कि क्या स्कूल में दो तरह के ड्रेस कोड मान्य है? यदि कल को हमारे बच्चे भी लहंगा-चुन्नी या फिर कलरफुल ड्रेस में स्कूल आएंगे तो चलेगा क्या? ऐसे में आप ही बताए कि इसमें क्या गलत है? खैर, कुछ लोगों को केवल सियासत करनी होती है और वो इससे कभी भी बाज नहीं आएंगे.''

भाजपा विधायक ने कही ये बात : उन्होंने आगे कहा, ''स्कूल का एक ड्रेस कोड होता है. मैं जब स्कूल में गया तो मुझे वहां पर दो तरह का माहौल दिखा. एक हिजाब के साथ तो दूसरा बिना हिजाब के. कुछ छात्रा हिजाब पहने हुए थी. इस पर मैंने स्कूल की प्रिंसिपल से सवाल किया. मैंने पूछा कि स्कूल में दो तरह का ड्रेस कोड क्यों?'' भाजपा विधायक ने कहा, ''मेरे भाषण को देखा जा सकता है. मैंने स्कूल में बच्चियों को कुछ भी नहीं कहा. मैंने सिर्फ हिजाब को लेकर सवाल किया था. अगर जब गणतंत्र दिवस का कार्यक्रम हो या फिर वार्षिकोत्सव हो तो क्या दो तरह की ड्रेस का प्रावधान है क्या? हालांकि, इस पर प्रिंसिपल की ओर से कहा गया कि ऐसा नहीं है, लेकिन यह मानते ही नहीं हैं. इसमें किसी तरह की कोई आपत्ति किसी को नहीं होनी चाहिए.''

इसे भी पढ़ें - हवामहल से भाजपा विधायक ने बच्चे पैदा करने पर दिया यह बयान, अब हो रही है चर्चा

किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए : भाजपा विधायक बालमुकुंद आचार्य ने कहा, ''ऐसे में तो हमारे भी बच्चे, बच्चियां कल से लहंगा-चुन्नी या फिर कलरफुल ड्रेस पहनकर स्कूल आएंगे. जब स्कूल का ड्रेस कोड तय है तो इस पर किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए, बल्कि सभी को गाइड का पालन करना चाहिए.''

स्कूल का ड्रेस कोड तय : उन्होंने आगे कहा, ''मैं मदरसों का ड्रेस कोड बदलने के लिए तो नहीं बोल रहा हूं. मेरा सवाल वाजिब है. स्कूल का ड्रेस कोड तय है. वहां का नियम कायदा निर्धारित है. स्कूल में ड्रेस कोड के हिसाब से ही सभी को आना चाहिए. इन्हें तो मां सरस्वती के श्लोक बोलने में भी आपत्ति है, लेकिन विद्यालय में सभी के लिए नियम एक होता है.'' उन्होंने कहा, ''मैं मदरसों में भी गया था, लेकिन मैंने वहां ड्रेस बदलने की बात नहीं की. हर जगह का अपना ड्रेस कोड तय है. स्कूल में ड्रेस कोड के हिसाब से बच्चों का आना चाहिए. इस पर किसी को कोई आपत्ति भला क्यों हो रही है?'' दरअसल, भाजपा विधायक के एक बयान पर विधानसभा में कांग्रेस विधायक रफीक खान ने आपत्ति जताई. साथ ही विपक्ष ने इस मुद्दे को केंद्र कर सत्ता पक्ष को घेरने की कोशिश की.

भाजपा विधायक बालमुकुंद आचार्य

जयपुर. स्कूलों में हिजाब पहनने को लेकर जयपुर में सड़क से सदन तक बवाल मचा हुआ है. भाजपा विधायक बालमुकुंद आचार्य का इस मामले को लेकर एक वीडियो भी सामने आया था, जिसको लेकर विवाद की स्थिति उत्पन्न हो गई है. वहीं, सोमवार को विधानसभा के बाहर मीडियाकर्मियों से रूबरू हुए भाजपा विधायक ने इस पूरे मसले पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा, ''स्कूलों का एक ड्रेस कोड होता है. मैंने स्कूली बच्चियों को लेकर कुछ भी नहीं कहा है. मैंने केवल स्कूल की प्रिंसिपल से पूछा था कि क्या स्कूल में दो तरह के ड्रेस कोड मान्य है? यदि कल को हमारे बच्चे भी लहंगा-चुन्नी या फिर कलरफुल ड्रेस में स्कूल आएंगे तो चलेगा क्या? ऐसे में आप ही बताए कि इसमें क्या गलत है? खैर, कुछ लोगों को केवल सियासत करनी होती है और वो इससे कभी भी बाज नहीं आएंगे.''

भाजपा विधायक ने कही ये बात : उन्होंने आगे कहा, ''स्कूल का एक ड्रेस कोड होता है. मैं जब स्कूल में गया तो मुझे वहां पर दो तरह का माहौल दिखा. एक हिजाब के साथ तो दूसरा बिना हिजाब के. कुछ छात्रा हिजाब पहने हुए थी. इस पर मैंने स्कूल की प्रिंसिपल से सवाल किया. मैंने पूछा कि स्कूल में दो तरह का ड्रेस कोड क्यों?'' भाजपा विधायक ने कहा, ''मेरे भाषण को देखा जा सकता है. मैंने स्कूल में बच्चियों को कुछ भी नहीं कहा. मैंने सिर्फ हिजाब को लेकर सवाल किया था. अगर जब गणतंत्र दिवस का कार्यक्रम हो या फिर वार्षिकोत्सव हो तो क्या दो तरह की ड्रेस का प्रावधान है क्या? हालांकि, इस पर प्रिंसिपल की ओर से कहा गया कि ऐसा नहीं है, लेकिन यह मानते ही नहीं हैं. इसमें किसी तरह की कोई आपत्ति किसी को नहीं होनी चाहिए.''

इसे भी पढ़ें - हवामहल से भाजपा विधायक ने बच्चे पैदा करने पर दिया यह बयान, अब हो रही है चर्चा

किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए : भाजपा विधायक बालमुकुंद आचार्य ने कहा, ''ऐसे में तो हमारे भी बच्चे, बच्चियां कल से लहंगा-चुन्नी या फिर कलरफुल ड्रेस पहनकर स्कूल आएंगे. जब स्कूल का ड्रेस कोड तय है तो इस पर किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए, बल्कि सभी को गाइड का पालन करना चाहिए.''

स्कूल का ड्रेस कोड तय : उन्होंने आगे कहा, ''मैं मदरसों का ड्रेस कोड बदलने के लिए तो नहीं बोल रहा हूं. मेरा सवाल वाजिब है. स्कूल का ड्रेस कोड तय है. वहां का नियम कायदा निर्धारित है. स्कूल में ड्रेस कोड के हिसाब से ही सभी को आना चाहिए. इन्हें तो मां सरस्वती के श्लोक बोलने में भी आपत्ति है, लेकिन विद्यालय में सभी के लिए नियम एक होता है.'' उन्होंने कहा, ''मैं मदरसों में भी गया था, लेकिन मैंने वहां ड्रेस बदलने की बात नहीं की. हर जगह का अपना ड्रेस कोड तय है. स्कूल में ड्रेस कोड के हिसाब से बच्चों का आना चाहिए. इस पर किसी को कोई आपत्ति भला क्यों हो रही है?'' दरअसल, भाजपा विधायक के एक बयान पर विधानसभा में कांग्रेस विधायक रफीक खान ने आपत्ति जताई. साथ ही विपक्ष ने इस मुद्दे को केंद्र कर सत्ता पक्ष को घेरने की कोशिश की.

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