जयपुर. उच्च शिक्षा विभाग ने प्राइवेट यूनिवर्सिटीज पर नकेल कसने के लिए एक गाइडलाइन जारी की है. इसके तहत अब प्राइवेट यूनिवर्सिटीज को भी छात्रों को मेरिट के आधार पर ही एडमिशन देने होंगे. उच्च शिक्षा विभाग ने यूजीसी नॉर्म्स का हवाला देते हुए निर्देश दिए हैं कि प्राइवेट यूनिवर्सिटी कैंपस से बाहर अपनी ब्रांच स्थापित नहीं कर सकेगी और न ही किसी को संबद्धता जारी कर सकेगी.
नए सत्र 2024-25 किसी भी प्राइवेट यूनिवर्सिटी के लिए आसान नहीं रहने वाला है. दरअसल, राज्य में करीब 52 प्राइवेट यूनिवर्सिटी संचालित हैं, लेकिन अधिकतर यूनिवर्सिटी में यूजीसी और राज्य सरकार के दिशा-निर्देशों की पालना नहीं की जा रही है. कई यूनिवर्सिटी में जो कोर्सेस संचालित किए जा रहे हैं, वो उच्च शिक्षा विभाग से स्वीकृत ही नहीं है. फिर भी छात्रों को इन कोर्सेस में प्रवेश दिया जाता है, जो सीधे तौर पर छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ है.
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इसी को ध्यान में रखते हुए उच्च शिक्षा विभाग ने हाल ही में प्राइवेट यूनिवर्सिटीज को लेकर एक गाइडलाइन जारी की है. इस गाइडलाइन में उच्च शिक्षा विभाग में स्पष्ट किया है कि प्राइवेट यूनिवर्सिटी भी मेरिट के आधार पर ही छात्रों को प्रवेश दे. शिक्षण प्रशिक्षण पाठ्यक्रम बीपीएड, एमपीएड, डीएलएल, कृषि शिक्षा, चिकित्सा शिक्षा और प्रौद्यौगिकी शिक्षा से संबंधित पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए राज्य या केन्द्र की एजेंसियां हर साल प्रवेश परीक्षा का आयोजन करते हुए एडमिशन देती हैं.
ऐसे में इन पाठ्यक्रमों में इन एजेंसियों के माध्यम से ही प्रवेश दिए जाएं. इसके अलावा ऐसे व्यवसायिक और टेक्निकल कोर्स जिनके लिए राज्य और केन्द्र परीक्षा का आयोजन नहीं करती, उनमें प्रवेश समान पाठ्यक्रम संचालित करने वाले विश्वविद्यालयों के संघ की ओर से परीक्षा आयोजित कर दिए जाएंगे.
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इसी गाइडलाइन के तहत कोई भी निजी विश्वविद्यालय कैंपस से बाहर अपनी ब्रांच स्थापित नहीं कर सकेगा. वहीं, यूजीसी प्रावधानों के तहत यूनिवर्सिटी किसी अन्य शहर, दूसरे राज्य और देशों में न तो अपनी ब्रांच शुरू कर सकेगी और न ही किसी को संबद्धता जारी कर सकेगी. इसके अलावा यूनिवर्सिटी राज्य सरकार से अनुमति से ही पाठ्यक्रम शुरू कर सकते हैं. वहीं, डिस्टेंस एजुकेशन के लिए भी यूनिवर्सिटी को डिस्टेंस एजुकेशन ब्यूरो से अनुमति लेना जरूरी होगा.
उच्च शिक्षा विभाग ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि राज्य सरकार भी रेगुलेटरी बॉडी है. इसीलिए अनुमति लेकर ही सभी कोर्सेज के लिए इंटेक कैपेसिटी यानी सीटों की अधिकतम संख्या स्वीकृत कराकर ही उस सीमा तक एडमिशन दिए जा सकते हैं. जबकि रिसर्च कोर्स में एडमिशन के लिए रिसर्च संबंधी यूजीसी रेगुलेशन 2022 के प्रावधानों की पालना करनी होगी.