इंदौर. देश भर में लहसुन की कीमतें आसमान छू रही हैं, लहसुन की रिकॉर्ड कीमतों (Record prices of garlic) की वजह से उसकी तुलना सोने से की जाने लगी है. आसमान छूती कीमतों के बावजूद किसानों को उनकी फसल का उचित दाम नहीं मिलने पर हाईकोर्ट ने नीलामी (auction) की प्रक्रिया मंडी बोर्ड के अधीन कर दिया है. इस व्यवस्था के चलते मंगलवार को इंदौर की चोइथराम कृषि उपज मंडी में गले और सूखे लहसुन की नीलामी मंडी कर्मचारियों द्वारा कराई गई.
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, अब तक इंदौर के देवी अहिल्याबाई होलकर फल व सब्जी मंडी प्रांगण में लहसुन की नीलामी और विक्रय ब्रोकर्स और मंडी कर्मचारियों के द्वारा घोष विक्रय के माध्यम से किया जाता था, लेकिन लहसुन की कीमतें बाजार में 200रु किलो होने पर भी व्यापारी और ब्रोकर्स पुराने रेट के हिसाब से लहसुन को खरीदकर महंगे दामों में बेच रहे थे. इससे किसानों को काफी नुकसान हो रहा था जिसे लेकर हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई.
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पुलिस की सुरक्षा में नीलामी
इस मामले में दायर रिट अपील में पारित आदेश के अनुसार अब कृषि उपज 'लहसुन (गीला तथा सूखा) की नीलामी ब्रोकर्स के स्थान पर मंडी कर्मचारियों के द्वारा ही घोष विक्रय के माध्यम से होगा. लिहाजा सोमवार से ही इंदौर मंडी में मंडी कर्मचारियों के बीच लहसुन की नीलामी पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था में की गई. मंडी सचिव नरेश परमार ने बताया, 'समस्त कृषकों एवं व्यापारियों को सूचित किया गया है कि अधिसूचित कृषि उपज "लहसुन (गीला तथा सूखा)" का घोष विक्रय (नीलामी) मंडी कर्मचारियों के माध्यम से सुबह 9:30 बजे से दोपहर एक बजे तक और दोपहर 1:30 बजे से शाम 5:30 बजे तक किया गया. हालांकि, इस दौरान व्यापारियों द्वारा नीलामी प्रक्रिया का विरोध भी किया गया लेकिन मौके पर मौजूद पुलिस बल के कारण कोई भी अप्रिय स्थिति नहीं बनी. किसानों के मुताबिक वह नई व्यवस्था से बहुत खुश हैं क्योंकि उन्हें अपनी उपज का वास्तविक मूल्य मिल पा रहा है.