लखनऊ: हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने शारदा नहर को लेकर एक याचिका दाखिल किया गया है. हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर आरोप लगाया गया है कि शारदा नहर से पानी न मिलने के कारण सहायक नहरों सोनारा और अलहदापुर के आसपास के लोग ही नहीं जानवर और मछलियों जैसे जलीय जीव भी पानी को तरस रहे हैं. वहीं, राज्य सरकार की ओर से यह बताने पर कि शारदा नहर में 8 जून तक रखरखाव संबंधी कार्य के चलते पानी रोका गया है और 8 जून के बाद इसे छोड़ दिया जाएगा.
न्यायालय ने टिप्पणी की कि यदि यही काम पहले कर लिया गया होता, तो ऐसी स्थिति न उत्पन्न होती, सरकार को दूसरे पहलुओं को ध्यान में रखते हुए, रखरखाव कार्य की टाइमिंग तय करनी चाहिए. इन टिप्पणियों के साथ न्यायालय ने याची को सुल्तानपुर के जिलाधिकारी व सीडीओ के समक्ष 24 घंटे के भीतर प्रस्तुत होने का निर्देश देते हुए, आदेश दिया है कि यदि संभव हो, तो समुचित मात्रा में तत्काल पानी छोड़ा जाए, तत्पश्चात इस सम्बंध में जो भी आवश्यक हो, वह विधिपूर्ण कार्रवाई की जाए.
यह आदेश न्यायमूर्ति राजब रॉय व न्यायमूर्ति ओम प्रकाश शुक्ला की खंडपीठ ने वेद प्रकाश सिंह की जनहित याचिका पर पारित किया. सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की अधिवक्ता ने न्यायालय को बताया कि 12 मई से शारदा नहर में रखरखाव का कार्य हो रहा है, जो 8 जून तक चलेगा. इस पर याची की ओर से सख्त आपत्ति करते हुए कहा गया कि यह कार्य पहले कर लिया जाना चाहिए था. वर्तमान में पानी न छोड़े जाने की वजह से तालाब इत्यादि सूख गए हैं, जिससे लोगों और जीव-जंतुओं के लिए भी खतरा उत्पन्न हो गया है.
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