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गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई पर ACS गृह, तत्कालीन कौशांबी डीएम एसपी को हाईकोर्ट ने किया तलब - High Court Judgment

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : 3 hours ago

कौशाम्बी में अवैध खनन में गैंग पर कार्रवाई के मामले में हाईकोर्ट ने किया एसीएस गृह, तत्कालीन कौशांबी डीएम और एसपी को तलब

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इलाहाबाद हाईकोर्ट (Photo Credit; ETV Bharat)

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कौशाम्बी के अजय कुमार सरोज गैंग पर की गई कार्रवाई के मामले में अपर मुख्य सचिव गृह, तत्कालीन डीएम और एसपी को 30 सितंबर को सुनवाई के समय वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हाजिर होने का निर्देश दिया है. यह आदेश न्यायमूर्ति विनोद दिवाकर ने गैंगस्टर एक्ट के आरोपी विनय कुमार गुप्ता की याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया.

हाईकोर्ट ने बीते तीन जुलाई के आदेश से एसडीएम मंझनपुर को याचिकाकर्ता की चल-अचल संपत्ति का ब्योरा पेश करने का निर्देश दिया था. याची के खिलाफ कौशाम्बी के करारी थाने में साल 2022 में गैंगस्टर एक्ट के तहत दर्ज मुकदमे को याचिका में चुनौती दी गई है. एसडीएम ने हलफनामा दाखिल कर बताया कि, अजय कुमार सरोज गैंग लीडर है और अन्य सह अभियुक्त राहुल, विनय कुमार गुप्ता, राजाराम केसरवानी गैंग सदस्य हैं. डीएम की अनुमति से जांच की गई. अजय कुमार सरोज बाकरगंज माजरा गोराज का निवासी है. उसके नाम कोई चल-अचल संपत्ति नहीं है. वह श्रमिक है. राहुल भी भूमिहीन है और पुणे में श्रमिक है. जबकी विनय कुमार गुप्ता अपने भाई के घर में उसके साथ रहता है. उसके पास एक बाइक है. राजाराम केसरवानी के पास दो ट्रैक्टर और एक बाइक है

इसके विरोध में कहा गया कि, याचिकाकर्ता और पूरा गैंग अवैध खनन और ट्रांसपोर्टेशन में लगा है. अवैध खनन रोकने वाले एक अधिकारी की दुर्घटना में मौत हो गई थी. इन पर शक किया गया है क्योंकि इनका क्षेत्र में आतंक है.

पूरे मामले पर कोर्ट ने शासकीय अधिवक्ता से कहा कि, इस आदेश के साथ एसडीएम का हलफनामा, चार्जशीट और गैंग चार्ट एसीएस गृह, डीएम और एसपी कौशाम्बी को उपलब्ध कराया जाए, ताकि वह आदेश का अनुपालन कर सकें. यदि उस दिन को एसीएस की प्रशासनिक व्यस्तता हो तो कोर्ट को तुरंत सूचित किया जाए ताकि जब सभी की उपलब्धता हो, तभी तारीख नियत की जाए.

यह भी पढ़ें:ज्ञानवापी वजूखाना के वैज्ञानिक सर्वे में पहले वाली याचिका की जानकारी हाईकोर्ट ने की तलब

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कौशाम्बी के अजय कुमार सरोज गैंग पर की गई कार्रवाई के मामले में अपर मुख्य सचिव गृह, तत्कालीन डीएम और एसपी को 30 सितंबर को सुनवाई के समय वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हाजिर होने का निर्देश दिया है. यह आदेश न्यायमूर्ति विनोद दिवाकर ने गैंगस्टर एक्ट के आरोपी विनय कुमार गुप्ता की याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया.

हाईकोर्ट ने बीते तीन जुलाई के आदेश से एसडीएम मंझनपुर को याचिकाकर्ता की चल-अचल संपत्ति का ब्योरा पेश करने का निर्देश दिया था. याची के खिलाफ कौशाम्बी के करारी थाने में साल 2022 में गैंगस्टर एक्ट के तहत दर्ज मुकदमे को याचिका में चुनौती दी गई है. एसडीएम ने हलफनामा दाखिल कर बताया कि, अजय कुमार सरोज गैंग लीडर है और अन्य सह अभियुक्त राहुल, विनय कुमार गुप्ता, राजाराम केसरवानी गैंग सदस्य हैं. डीएम की अनुमति से जांच की गई. अजय कुमार सरोज बाकरगंज माजरा गोराज का निवासी है. उसके नाम कोई चल-अचल संपत्ति नहीं है. वह श्रमिक है. राहुल भी भूमिहीन है और पुणे में श्रमिक है. जबकी विनय कुमार गुप्ता अपने भाई के घर में उसके साथ रहता है. उसके पास एक बाइक है. राजाराम केसरवानी के पास दो ट्रैक्टर और एक बाइक है

इसके विरोध में कहा गया कि, याचिकाकर्ता और पूरा गैंग अवैध खनन और ट्रांसपोर्टेशन में लगा है. अवैध खनन रोकने वाले एक अधिकारी की दुर्घटना में मौत हो गई थी. इन पर शक किया गया है क्योंकि इनका क्षेत्र में आतंक है.

पूरे मामले पर कोर्ट ने शासकीय अधिवक्ता से कहा कि, इस आदेश के साथ एसडीएम का हलफनामा, चार्जशीट और गैंग चार्ट एसीएस गृह, डीएम और एसपी कौशाम्बी को उपलब्ध कराया जाए, ताकि वह आदेश का अनुपालन कर सकें. यदि उस दिन को एसीएस की प्रशासनिक व्यस्तता हो तो कोर्ट को तुरंत सूचित किया जाए ताकि जब सभी की उपलब्धता हो, तभी तारीख नियत की जाए.

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