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बाजरा MSP खरीद मामले में हाईकोर्ट ने कृषि सचिव को किया तलब, सरकार ने कही ये बात - Rajasthan High Court

Rajasthan High Court, राजस्थान हाईकोर्ट में बाजरा की एमएसपी निर्धारित होने के बावजूद राज्य सरकार द्वारा खरीद नहीं करने के मामले में राज्य सरकार की ओर से जवाब पेश कर दिया गया. अतिरिक्त महाधिवक्ता प्रवीण खंडेलवाल ने दस्तावेज पेश किया. जिसके अनुसार वर्ष 2024-25 में बाजरा एमएसपी पर नहीं खरीदने का हवाला दिया है.

Rajasthan High Court
हाईकोर्ट ने कृषि सचिव को किया तलब (ETV BHARAT JODHPUR)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jul 18, 2024, 8:27 PM IST

जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट में बाजरा की एमएसपी निर्धारित होने के बावजूद राज्य सरकार द्वारा खरीद नहीं करने के मामले में राज्य सरकार की ओर से जवाब पेश कर दिया गया. सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता प्रवीण खंडेलवाल ने दस्तावेज पेश किया. जिसके अनुसार वर्ष 2024-25 में बाजरा एमएसपी पर नहीं खरीदने का हवाला दिया है. वरिष्ठ न्यायाधीश एस चन्द्रशेखर व न्यायाधीश कुलदीप माथुर ने सरकार के हलफनामे के बाद आगामी सुनवाई पर कृषि सचिव को व्यक्तिगत रूप से तलब किया है.

किसान कल्याण समिति की ओर से दायर जनहित याचिका पैरवी करते हुए अधिवक्ता मोतीसिंह राजपुरोहित ने कहा कि पहले तो सरकार कह रही थी कि कैबिनेट की बैठक में बाजरे की खरीद को लेकर निर्णय किया गया. वहीं, अब सरकार अचानक से इनकार कर रही है. यह किसानों के साथ धोखा होने के समान है. बाजरा को न्यूनतम समर्थन मूल्य एमएसपी पर खरीदने के लिए भारत सरकार ने घोषणा कर दी, लेकिन राज्य सरकार द्वारा अभी तक नहीं खरीदा है.

इसे भी पढ़ें - संजीवनी क्रेडिट को ऑपरेटिव सोसायटी मामला : हाईकोर्ट ने मांगी नवीनतम तथ्यात्मक रिपोर्ट - Sanjivani Credit embezzlement

राज्य सरकार ने भारत सरकार के निर्णय को सत्यापित करने के लिए समय लिया. तीन बार समय दिया जा चुका है. बाजरा एमएसपी पर खरीदने को लेकर केन्द्र सरकार से ही पैसा आना है, बाजरा केन्द्र सरकार को ही भेजा जाएगा. उसके बावजूद राज्य सरकार इस तरह से यू टर्न कर रही है. पूर्व में सरकार लगातार इसको लेकर आश्वासन देते आई है और कैबिनेट बैठक और चुनावी घोषणापत्र में भी कहा गया, लेकिन अब उसे खरीदने से इनकार कर ही है. इस पर कोर्ट ने गंभीरता दिखाते हुए आगामी सुनवाई पर 6 अगस्त को कृषि सचिव को व्यक्तिगत रूप से हलफनामे के साथ तलब किया है.

जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट में बाजरा की एमएसपी निर्धारित होने के बावजूद राज्य सरकार द्वारा खरीद नहीं करने के मामले में राज्य सरकार की ओर से जवाब पेश कर दिया गया. सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता प्रवीण खंडेलवाल ने दस्तावेज पेश किया. जिसके अनुसार वर्ष 2024-25 में बाजरा एमएसपी पर नहीं खरीदने का हवाला दिया है. वरिष्ठ न्यायाधीश एस चन्द्रशेखर व न्यायाधीश कुलदीप माथुर ने सरकार के हलफनामे के बाद आगामी सुनवाई पर कृषि सचिव को व्यक्तिगत रूप से तलब किया है.

किसान कल्याण समिति की ओर से दायर जनहित याचिका पैरवी करते हुए अधिवक्ता मोतीसिंह राजपुरोहित ने कहा कि पहले तो सरकार कह रही थी कि कैबिनेट की बैठक में बाजरे की खरीद को लेकर निर्णय किया गया. वहीं, अब सरकार अचानक से इनकार कर रही है. यह किसानों के साथ धोखा होने के समान है. बाजरा को न्यूनतम समर्थन मूल्य एमएसपी पर खरीदने के लिए भारत सरकार ने घोषणा कर दी, लेकिन राज्य सरकार द्वारा अभी तक नहीं खरीदा है.

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राज्य सरकार ने भारत सरकार के निर्णय को सत्यापित करने के लिए समय लिया. तीन बार समय दिया जा चुका है. बाजरा एमएसपी पर खरीदने को लेकर केन्द्र सरकार से ही पैसा आना है, बाजरा केन्द्र सरकार को ही भेजा जाएगा. उसके बावजूद राज्य सरकार इस तरह से यू टर्न कर रही है. पूर्व में सरकार लगातार इसको लेकर आश्वासन देते आई है और कैबिनेट बैठक और चुनावी घोषणापत्र में भी कहा गया, लेकिन अब उसे खरीदने से इनकार कर ही है. इस पर कोर्ट ने गंभीरता दिखाते हुए आगामी सुनवाई पर 6 अगस्त को कृषि सचिव को व्यक्तिगत रूप से हलफनामे के साथ तलब किया है.

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