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अरावली के पहाड़ पर खनन को लेकर राजस्थान हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव समेत अन्य अधिकारियों से मांगा जवाब - Rajasthan High Court - RAJASTHAN HIGH COURT

जोबनेर के मेहस्वास गांव में अरावली पर्वतमाला में आने वाले गैर मुमकिन पहाड़ पर खनन को लेकर राजस्थान हाईकोर्ट ने संबंधित अधिकारियों से जवाब मांगा है.

Rajasthan High Court
राजस्थान हाईकोर्ट (ETV Bharat Jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Sep 18, 2024, 8:48 PM IST

जयपुर: राजस्थान हाईकोर्ट ने जोबनेर के मेहस्वास गांव में अरावली पर्वतमाला में आने वाले गैर मुमकिन पहाड़ पर खनन को लेकर मुख्य सचिव, प्रमुख खान सचिव और खान निदेशक सहित अन्य से जवाब मांगा है. सीजे एमएम श्रीवास्तव और जस्टिस आशुतोष कुमार की खंडपीठ ने यह आदेश उम्मीद सेवा संस्थान की जनहित याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए.

याचिका में अधिवक्ता हरेन्द्र नील ने अदालत को बताया कि जोबनेर के मेहस्वास गांव में अरावली पर्वतमाला के अंतर्गत गैर मुमकिन पहाड़ आता है. राज्य सरकार ने यहां खनन की अनुमति दी है. जबकि अरावली के अन्तर्गत आने के चलते यहां खनन की अनुमति नहीं दी जा सकती. इस गैर मुमकिन पहाड़ में गैर मुमकिन नदी का हिस्सा भी आता है.

पढ़ें: अवैध खनन नहीं रोकने पर हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव समेत अन्य अधिकारियों से मांगा जवाब - Rajasthan High Court

याचिका में आरोप लगाया गया है कि खनन माफिया ने सरकारी अधिकारियों से मिलीभगत कर पूरे 125 हेक्टेयर के पहाड़ का दोहन कर लिया है. अब यह समाप्त होने की कगार पर है. खनन माफिया तय क्षेत्र से अतिरिक्त स्थान पर भी खनन कार्य कर रहा है. वहीं खनन के दौरान विस्फोटकों का भी उपयोग किया जाता है. याचिका में गुहार की गई है कि यहां खनन कार्य रोका जाए और खननकर्ताओं से भारी पेनल्टी वसूली जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है.

जयपुर: राजस्थान हाईकोर्ट ने जोबनेर के मेहस्वास गांव में अरावली पर्वतमाला में आने वाले गैर मुमकिन पहाड़ पर खनन को लेकर मुख्य सचिव, प्रमुख खान सचिव और खान निदेशक सहित अन्य से जवाब मांगा है. सीजे एमएम श्रीवास्तव और जस्टिस आशुतोष कुमार की खंडपीठ ने यह आदेश उम्मीद सेवा संस्थान की जनहित याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए.

याचिका में अधिवक्ता हरेन्द्र नील ने अदालत को बताया कि जोबनेर के मेहस्वास गांव में अरावली पर्वतमाला के अंतर्गत गैर मुमकिन पहाड़ आता है. राज्य सरकार ने यहां खनन की अनुमति दी है. जबकि अरावली के अन्तर्गत आने के चलते यहां खनन की अनुमति नहीं दी जा सकती. इस गैर मुमकिन पहाड़ में गैर मुमकिन नदी का हिस्सा भी आता है.

पढ़ें: अवैध खनन नहीं रोकने पर हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव समेत अन्य अधिकारियों से मांगा जवाब - Rajasthan High Court

याचिका में आरोप लगाया गया है कि खनन माफिया ने सरकारी अधिकारियों से मिलीभगत कर पूरे 125 हेक्टेयर के पहाड़ का दोहन कर लिया है. अब यह समाप्त होने की कगार पर है. खनन माफिया तय क्षेत्र से अतिरिक्त स्थान पर भी खनन कार्य कर रहा है. वहीं खनन के दौरान विस्फोटकों का भी उपयोग किया जाता है. याचिका में गुहार की गई है कि यहां खनन कार्य रोका जाए और खननकर्ताओं से भारी पेनल्टी वसूली जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है.

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