जयपुर: राजस्थान हाईकोर्ट ने तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती-2022 में अधिक अंक लाने और मेरिट में उच्च स्थान रखने के बावजूद गृह जिले में नियुक्ति नहीं देने पर शिक्षा सचिव, प्रारंभिक शिक्षा निदेशक और जिला शिक्षा अधिकारी भीलवाड़ा सहित अन्य से जवाब तलब किया है. जस्टिस अनूप कुमार ढंड की एकलपीठ ने यह आदेश सुनील कुमार व अन्य की ओर से दायर याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए.
याचिका में अधिवक्ता आरपी सैनी ने अदालत को बताया कि तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती में चयन होने के बाद उसे भीलवाड़ा जिले में पदस्थापित किया गया. जबकि उससे कम अंक लाने वाले दूसरे अन्य कई अभ्यर्थियों को उनके गृह जिले में नियुक्ति दी गई है. याचिका में बताया गया कि भर्ती में सभी अभ्यर्थियों का एक साथ परिणाम जारी किया गया था. जबकि अभ्यर्थियों को अलग-अलग समय में नियुक्ति दी गई.
याचिकाकर्ता का मेरिट नंबर 10051 है. उसे पूर्व में नियुक्ति दी गई थी, लेकिन गृह जिला आवंटित नहीं किया गया था. वहीं मेरिट में उससे करीब 200 स्थान नीचे आने वाले अभ्यर्थी को याचिकाकर्ता के बाद नियुक्ति दी गई है, लेकिन उसे उसका गृह जिला आवंटित किया गया है. याचिकाकर्ता की ओर से संबंधित अधिकारियों को इस संबंध में अभ्यावेदन भी किया गया, लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है.