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हाईकोर्ट ने प्रमुख सचिव कृषि से मांगा हलफनामा, क्यों न कुर्क किया जाए निगम का खाता

राज्य कृषि औद्योगिक निगम के कर्मचारियों के बकाया भुगतान नहीं करने पर कोर्ट ने दिया आदेश.

इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : 3 hours ago

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट राज्य कृषि औद्योगिक निगम के कर्मचारियों के बकाया भुगतान नहीं करने पर प्रमुख सचिव कृषि से व्यक्तिगत हलफनामा मांगा है कि क्यों न निगम का बैंक खाता कुर्क किया जाए.

यह आदेश न्यायमूर्ति जेजे मुनीर ने आगरा के पंचम सिंह की याचिका पर अधिवक्ता दिनेश कुमार मिश्र को सुनकर दिया है. कोर्ट के निर्देश पर अपर मुख्य सचिव वित्त विभाग ने हलफनामा दाखिल कर बताया कि उप्र राज्य कृषि औद्योगिक निगम लिमिटेड के कर्मचारियों के बकाया भुगतान के लिए वर्ष 2024-25 में 445 लाख रुपये स्वीकृत किए गए हैं. इसके लिए 26 अक्टूबर को बैठक की गई है. इस पर कोर्ट ने प्रमुख सचिव कृषि विभाग से व्यक्तिगत हलफनामा मांगा है क्योंकि निगम याचियों के बकाया का भुगतान नहीं कर रहा है. याची को कृषि विभाग में समायोजित किया गया है लेकिन निगम में कार्यरत रहने के दौरान वेतन भुगतान नहीं किया गया था. उस बकाया का भुगतान किया जाना है. कई सेवानिवृत्त कर्मचारियों का भी भुगतान नहीं किया जा रहा है. इस पर कोर्ट ने अपर मुख्य सचिव वित्त से हलफनामा मांगा था.

इससे पहले कोर्ट ने एक अन्य मामले में फंड की कमी से जूझ रहे उप्र राज्य कृषि औद्योगिक निगम लिमिटेड को याची कर्मचारी की सेवानिवृत्ति परिलाभों का भुगतान करने के लिए 15 दिन की मोहलत दी थी. निगम के मुख्य महाप्रबंधक ने कोर्ट से कहा था कि निगम के खिलाफ 170 याचिकाएं एवं 42 अवमानना याचिकाएं विचाराधीन हैं. कोर्ट उनके भुगतान का आदेश दे रही है लेकिन निगम के पास फंड‌‌ ही नहीं है. वह चाहते हुए भी कोर्ट के आदेश का पालन नहीं कर सकते. कोर्ट ने वित्त विभाग को बजट भेजने का आदेश दिया था. ताकि निगम अपने सेवानिवृत्त व पूर्व कर्मचारियों का बकाया भुगतान कर सके.

यह भी पढ़ें : बच्चे न होने पर पत्नी ने कर ली खुदकुशी, हाईकोर्ट का आदेश-पति के पौरुष की जांच हो

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट राज्य कृषि औद्योगिक निगम के कर्मचारियों के बकाया भुगतान नहीं करने पर प्रमुख सचिव कृषि से व्यक्तिगत हलफनामा मांगा है कि क्यों न निगम का बैंक खाता कुर्क किया जाए.

यह आदेश न्यायमूर्ति जेजे मुनीर ने आगरा के पंचम सिंह की याचिका पर अधिवक्ता दिनेश कुमार मिश्र को सुनकर दिया है. कोर्ट के निर्देश पर अपर मुख्य सचिव वित्त विभाग ने हलफनामा दाखिल कर बताया कि उप्र राज्य कृषि औद्योगिक निगम लिमिटेड के कर्मचारियों के बकाया भुगतान के लिए वर्ष 2024-25 में 445 लाख रुपये स्वीकृत किए गए हैं. इसके लिए 26 अक्टूबर को बैठक की गई है. इस पर कोर्ट ने प्रमुख सचिव कृषि विभाग से व्यक्तिगत हलफनामा मांगा है क्योंकि निगम याचियों के बकाया का भुगतान नहीं कर रहा है. याची को कृषि विभाग में समायोजित किया गया है लेकिन निगम में कार्यरत रहने के दौरान वेतन भुगतान नहीं किया गया था. उस बकाया का भुगतान किया जाना है. कई सेवानिवृत्त कर्मचारियों का भी भुगतान नहीं किया जा रहा है. इस पर कोर्ट ने अपर मुख्य सचिव वित्त से हलफनामा मांगा था.

इससे पहले कोर्ट ने एक अन्य मामले में फंड की कमी से जूझ रहे उप्र राज्य कृषि औद्योगिक निगम लिमिटेड को याची कर्मचारी की सेवानिवृत्ति परिलाभों का भुगतान करने के लिए 15 दिन की मोहलत दी थी. निगम के मुख्य महाप्रबंधक ने कोर्ट से कहा था कि निगम के खिलाफ 170 याचिकाएं एवं 42 अवमानना याचिकाएं विचाराधीन हैं. कोर्ट उनके भुगतान का आदेश दे रही है लेकिन निगम के पास फंड‌‌ ही नहीं है. वह चाहते हुए भी कोर्ट के आदेश का पालन नहीं कर सकते. कोर्ट ने वित्त विभाग को बजट भेजने का आदेश दिया था. ताकि निगम अपने सेवानिवृत्त व पूर्व कर्मचारियों का बकाया भुगतान कर सके.

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