प्रयागराज: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने पूर्व छात्र नेता अच्युतानंद शुक्ला हत्याकांड के आरोपी आशुतोष त्रिपाठी की द्वितीय जमानत याचिका खारिज कर दी है. कोर्ट ने विचारण न्यायालय को निर्देश दिया है कि इस मुकदमे का ट्रायल शीघ्र पूरा किया जाए. यह आदेश न्यायमूर्ति डॉक्टर गौतम चौधरी ने दिया है.
2018 से जेल में बंद है आरोपीः याची का कहना था कि उसे इस मामले में झूठा फंसाया गया है, उसके खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं है. वह 2018 से जेल में बंद है. इस मुकदमे में अभियोजन के गवाह अदालत में गवाही देने के लिए हाजिर नहीं हो रहे हैं. इस वजह से मुकदमे का ट्रायल जल्दी पूरा होने की उम्मीद नहीं है. याची साढे 5 साल से जेल में बंद है, इसलिए उसे जमानत पर रिहा किया जाए.
मुकदमे का ट्रायल जल्द पूरा करने के निर्देशः वहीं, जमानत का विरोध करते हुए वादी मुकदमा के अधिवक्ता दीपक दुबे और अपर शासकीय अधिवक्ता ने कहा कि अभियुक्त स्वयं ही कई तारीखों पर अदालत में हाजिर नहीं हुआ. उसकी ओर से मुकदमे के गवाहों को लगातार धमकी दी जा रही है. जिसके डर के कारण गवाह अदालत में गवाही देने नहीं आ रहे हैं. गवाह संख्या एक ने भी अपनी हत्या की आशंका जताई है. कोर्ट ने दोनों पक्षों की जिरह सुनने के बाद जमानत प्रार्थना पत्र नामंजूर कर दिया. साथ ही कहा कि मुकदमे का ट्रायल जल्द से जल्द पूरा किया जाए. यदि गवाह को जान पर खतरा है तो उसे सुरक्षा प्राप्त कर सकते हैं.
यह था मामलाः पूर्व छात्र नेता अच्युतानंद शुक्ला की 1 नवंबर 2018 को रात करीब 1:00 बजे इलाहाबाद विश्वविद्यालय के पीसीबी छात्रावास में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस घटना का मुख्य आरोपी आशुतोष त्रिपाठी उस समय सीएमपी डिग्री कॉलेज छात्र संघ का अध्यक्ष था. आशुतोष त्रिपाठी के अलावा इस मुकदमे में हरिकेश मिश्रा और सौरभ सिंह को भी नामजद किया गया था. बाद में मुकदमे के मुख्य गवाह रोहित शुक्ला की भी हत्या कर दी गई थी.
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