लखनऊ : हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने अपने बेटों से पीड़ित एक मां की करीब 25 साल पहले टेलीग्राम के जरिये भेजी गई शिकायत पर स्थानीय पुलिस को आदेश दिया है कि मां के तीनों बेटों को बुलाकर सम्पत्ति के विवाद का व्यवहारिक समाधान निकाला जाए. न्यायालय ने मां, उसके तीन बेटों व स्थानीय चौकी इंचार्ज को 19 मार्च को उपस्थित होने का भी आदेश दिया है.
वृद्धा के साथ कोर्ट के समक्ष हाजिर हुए चौकी इंचार्ज : यह आदेश न्यायमूर्ति एआर मसूदी व न्यायमूर्ति बृजराज सिंह की खंडपीठ ने 25 साल पुराने लखनऊ के ठाकुरगंज क्षेत्र निवासी विद्या देवी की याचिका पर पारित किया. यह याचिका विद्या देवी की ओर से वर्ष 1999 में भेजे गए एक टेलीग्राम के आधार पर दर्ज की गई थी. याचिका काफी वर्षों बाद गत 7 फरवरी 2024 को सुनवाई के लिए आई तो न्यायालय ने सरकारी वकील से मामले के वर्तमान स्टेट्स के बारे में पता करने को कहा. साथ ही याची विद्या देवी को भी हाजिर करने का आदेश दिया. आदेश के अनुपालन में थाना ठाकुरगंज के अतंर्गत पड़ने वाली भूहर पुलिस चौकी के चौकी इंचार्ज शुभम कुमार वृद्धा विद्या देवी के साथ कोर्ट के समक्ष हाजिर हुए.
न्यायालय ने पुलिस को दिया आदेश : न्यायालय को विद्या देवी ने बताया कि उनके तीन बेटे हैं, दो बेटे अलग रहते हैं. जबकि, छोटा उनके साथ ही रहता है. उन्होंने कोर्ट को बताया कि उनके दो बेटे जो अलग रहते हैं, वे उन्हें धमकाते हैं और परेशान करते हैं. उन्होंने कई बार कहा कि अक्सर उसे अपने घर से बाहर दयनीय हालत में रहना पड़ता है. उन्होंने यह भी अनुरोध किया कि बिना पुलिस सुरक्षा के उनका छोटा बेटा भी उनकी सहायता करने और उन्हें सुरक्षा देने में असमर्थ है. न्यायालय ने विद्या देवी की बात सुनने के बाद कहा कि स्थिति बहुत ही दयनीय है. न्यायालय ने पुलिस को आदेश दिया कि वह मां व उसके तीनों बेटों को थाने बुलाकर उन्हें साथ बैठाकर विवाद का कोई व्यवहारिक हल निकाले.
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