प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने महिला बैंक मैनेजर पर एसिड अटैक के मुख्य आरोपी मानसिंह, दिलीप सिंह संतलाल और धर्मेंद्र की जमानत अर्जी नामंजूर करते हुए खारिज कर दी है. इन सभी पर सैयद सरावा कौशांबी की महिला बैंक मैनेजर पर एसिड से हमला कर उसे जला देने का आरोप है. आरोपियों ने जमानत के लिए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी. इस पर न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमसेरी ने सुनवाई की. अपर शासकीय अधिवक्ता और शिकायतकर्ता की ओर से अधिवक्ता सुनील चौधरी ने जमानत का विरोध किया.
कौशांबी के सैयद सरावा के पूर्व प्रधान आजम सहित अन्य आठ लोगों के खिलाफ हिम्मतगंज प्रयागराज के राजू राय सोनकर ने अपनी बैंक मैनेजर बेटी पर एसिड अटैक कर जानलेवा हमले किए जाने के मामले में कौशांबी के चरवा थाने में मुकदमा दर्ज कराया था. वादी ने मुकदमे को प्रयागराज में ट्रांसफर किए जाने के लिए याचिका दाखिल कर कहा कि मुख्य आरोपी सैयद सरावा कौशाम्बी का पूर्व प्रधान आजम है जिसे याची की बेटी ने बैंक ऑफ बड़ौदा सैयद सरावा कौशांबी में मैनेजर रहते हुए लोन बकाया होने पर रिकवरी नोटिस जारी किया था. इसके बाद आजम और अन्य 8 लोगों ने साजिश रची तथा एसिड डालकर जानलेवा हमला कर दिया.
शिकायतकर्ता के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि आरोपी अतीक अहमद गैंग का सदस्य व शातिर अपराधी है. उसका 12 मुकदमों का आपराधिक इतिहास है और वर्तमान समय में जेल में बंद है. घटना में शामिल सभी आरोपियों की कुर्की सरकार ने गैंगस्टर एक्ट में की है. मुख्य अभियुक्त आजम की जमानत याचिका हाइकोर्ट ने पूर्व में खारिज कर दी है. चार अभियुक्त जमानत पर हैं. आरोपियों द्वारा लगातार मुकदमा वापस लेने के लिए दबाव बनाया जा रहा है. पीड़िता, वादी एवं गवाह सभी प्रयागराज में रह रहे हैं. मामले की गवाह महिला सहायक बैंक मैनेजर ने भी घटना से डर कर अपना ट्रांसफर प्रयागराज करवा लिया है.
पीड़िता भी प्रयागराज में बैंक ऑफ बड़ौदा में कार्यरत है. मुख्य आरोपी मानसिंह व दिलीप हैं, जिन्होंने गाड़ी पर बैठकर रेकी कर एसिड अटैक किया था. कोर्ट ने जमानत खारिज करते हुए ट्रायल कोर्ट को 6 महीने के अंदर पीड़िता का बयान न्यायालय में दर्ज कराने और पीड़िता को विटनेस प्रोटेक्शन स्कीम 2018 के अंतर्गत सुरक्षा प्राप्त करने का आदेश दिया है.
दयालबाग हत्या और रेप के आरोपी की जमानत मंजूर
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने साढ़े आठ साल से जेल में बंद हत्या और रेप के आरोपी बीएससी छात्र आगरा के उदय स्वरूप की सशर्त जमानत मंजूर कर ली है. कोर्ट ने व्यक्तिगत मुचलके व दो प्रतिभूति लेकर उसे रिहा करने का आदेश दिया है. यह आदेश न्यायमूर्ति संजय कुमार सिंह ने दिया है. कोर्ट ने कहा कि मुकदमे के ट्रायल में अभियोजन के 55 गवाहों का परीक्षण किया जा चुका है. अब गवाहों व साक्ष्यों से छेड़छाड़ करने की संभावना नहीं है. याची शुरुआत में कुछ समय तक जमानत पर था, जिसका उसने दुरुपयोग नहीं किया. फिलहाल ट्रायल पूरा होने में देरी है और याची काफी समय से जेल में बंद है.
मामले के तथ्यों के अनुसार दयालबाग एजुकेशन इंस्टीट्यूट आगरा में 15 मार्च 2013 को पीएचडी छात्रा की लाश पाई गई थी. उसी रात अज्ञात के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में रेप के चिह्न नहीं पाए गए थे. 37 दिन बाद पुलिस ने रोहित यादव को चश्मदीद गवाह के तौर पर पेश करते हुए बीएससी छात्र याची व यशवीर संधू लैब टेक्नीशियन के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की. कोर्ट ने उस पर संज्ञान लिया. 10 जुलाई 2014 को सीबीआई जांच का आदेश हुआ. सीबीआई ने एफआईआर दर्ज कर सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल कर हत्या व रेप का आरोप लगाया. हालांकि बाद में चश्मदीद गवाह ने इनकार कर दिया कि घटना उसके सामने हुई थी. मामला सुप्रीम कोर्ट तक गया.
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