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अलवर नगर परिषद की सभापति के बर्खास्तगी आदेश पर हाईकोर्ट ने लगाई अंतरिम रोक - Rajasthan High Court - RAJASTHAN HIGH COURT

अलवर नगर परिषद की सभापति बीना गुप्ता के बर्खास्तगी के आदेश की क्रियान्विति पर राजस्थान हाईकोर्ट ने अंतरिम रोक लगा दी है. मामले की अगली सुनवाई 17 मई को तय की है.

Rajasthan High Court
राजस्थान हाईकोर्ट
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Apr 15, 2024, 8:37 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने अलवर नगर परिषद की सभापति बीना गुप्ता को राहत देते हुए उन्हें बर्खास्त करने के आदेश की क्रियान्विति पर अंतरिम रोक लगा दी है. इसके साथ ही अदालत ने मामले की सुनवाई 17 मई को तय की है. जस्टिस महेन्द्र कुमार गोयल की एकलपीठ ने यह आदेश बीना गुप्ता की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से जवाब पेश करने के लिए चार सप्ताह का समय मांगा गया. वहीं याचिकाकर्ता की ओर से अंतरिम राहत देने की गुहार की गई. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने याचिकाकर्ता को बर्खास्त करने के आदेश की क्रियान्विति पर आगामी आदेश तक रोक लगा दी है. याचिका में कहा गया कि डीएलबी ने न्यायिक जांच के आधार पर उसे गत 28 फरवरी को सभापति और परिषद के सदस्य पद से बर्खास्त करते हुए 6 साल के लिए चुनाव लड़ने के लिए अपात्र घोषित कर दिया था. जबकि न तो उसे नोटिस दिया गया और ना ही उसे न्यायिक जांच की कॉपी दी गई.

पढ़ें: हाईकोर्ट ने अकलेरा नगर पालिका अध्यक्ष को अयोग्य घोषित करने के आदेश पर लगाई रोक - Rajasthan High Court

वहीं उसने सूचना के अधिकार के तहत न्यायिक जांच की कॉपी लेने के बाद 4 सितंबर, 2023 को अपना जवाब पेश किया, लेकिन उसे स्वीकार नहीं किया गया. ऐसे में उसे सुनवाई का मौका दिए बिना नैसर्गिक न्याय के सिद्धांतों की अवहेलना करते हुए पद से बर्खास्त किया गया है. इसलिए डीएलबी के इस आदेश को रद्द किया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने डीएलबी के आदेश की क्रियान्विति पर अंतरिम रोक लगा दी है. गौरतलब है कि भ्रष्टाचार के आरोपों के आधार पर डीएलबी ने न्यायिक जांच के बाद बीना गुप्ता को परिषद के सदस्य और सभापति के पद से बर्खास्त कर दिया था.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने अलवर नगर परिषद की सभापति बीना गुप्ता को राहत देते हुए उन्हें बर्खास्त करने के आदेश की क्रियान्विति पर अंतरिम रोक लगा दी है. इसके साथ ही अदालत ने मामले की सुनवाई 17 मई को तय की है. जस्टिस महेन्द्र कुमार गोयल की एकलपीठ ने यह आदेश बीना गुप्ता की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से जवाब पेश करने के लिए चार सप्ताह का समय मांगा गया. वहीं याचिकाकर्ता की ओर से अंतरिम राहत देने की गुहार की गई. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने याचिकाकर्ता को बर्खास्त करने के आदेश की क्रियान्विति पर आगामी आदेश तक रोक लगा दी है. याचिका में कहा गया कि डीएलबी ने न्यायिक जांच के आधार पर उसे गत 28 फरवरी को सभापति और परिषद के सदस्य पद से बर्खास्त करते हुए 6 साल के लिए चुनाव लड़ने के लिए अपात्र घोषित कर दिया था. जबकि न तो उसे नोटिस दिया गया और ना ही उसे न्यायिक जांच की कॉपी दी गई.

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वहीं उसने सूचना के अधिकार के तहत न्यायिक जांच की कॉपी लेने के बाद 4 सितंबर, 2023 को अपना जवाब पेश किया, लेकिन उसे स्वीकार नहीं किया गया. ऐसे में उसे सुनवाई का मौका दिए बिना नैसर्गिक न्याय के सिद्धांतों की अवहेलना करते हुए पद से बर्खास्त किया गया है. इसलिए डीएलबी के इस आदेश को रद्द किया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने डीएलबी के आदेश की क्रियान्विति पर अंतरिम रोक लगा दी है. गौरतलब है कि भ्रष्टाचार के आरोपों के आधार पर डीएलबी ने न्यायिक जांच के बाद बीना गुप्ता को परिषद के सदस्य और सभापति के पद से बर्खास्त कर दिया था.

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