प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट ने किरायेदार से मकान खाली करने के लिए झूठे मुकदमों में फंसाने वाले मकान मालिक पर पांच लाख रुपए हर्जाना लगाया है. इसके साथ ही कोर्ट ने किरायेदार पर दर्ज सभी मुकदमें भी रद्द कर दिए हैं. हर्जाने की राशि 12 सप्ताह में किरायेदार को देने का निर्देश दिया है. कानपुर नगर के किशन चंद्र जैन की याचिका स्वीकार करते हुए यह आदेश न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार ने दिया है.
याची किरायेदार ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर उसके खिलाफ पिलखना थाने में दर्ज़ धोखाधड़ी और धमकाने के मुकदमे को चुनौती दी थी. याची का कहना था कि वह एक आवासीय भवन में किरायेदार है. इस मकान को एक अन्य व्यक्ति ने खरीद लिया है. इसके बाद उसे मकान से बेदखल करने के लिए मकान मालिक ने सिविल प्रक्रिया अपनाने के बजाए धमकाना और फर्जी मुकदमें में फंसाना शुरू कर दिया. उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया. बाद में सिविल वाद भी दर्ज़ करा दिया. सिविल कोर्ट के आदेश के खिलाफ याची ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है. मकान मालिक द्वारा कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग करके याची को परेशान किया जा रहा है.
कोर्ट ने कहा कि उपलब्ध तथ्यों से यह साफ है कि याची पर अनावश्यक दबाव डालने के लिए उसे अपराधिक मामलों में फंसाया गया. यह और कुछ नहीं बल्कि कानूनी प्रक्रिया का पूरी तरह से दुरुपयोग है. कोर्ट ने याची पर दर्ज़ मुक़दमा रद्द करते हुए मकान मालिक पर पांच लाख रुपए हर्जाना लगाया है.