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हाईकोर्ट ने बेसिक शिक्षा परिषद को दिया निर्देश, मध्य सत्र में नहीं होगा शिक्षकों का स्थानांतरण - हाईकोर्ट बेसिक शिक्षा परिषद

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस संबंध में बेसिक शिक्षा परिषद को निर्देश दिया है कि यदि शिक्षकों द्वारा किया गया आवेदन सभी औपचारिकताओं से पूर्ण है तो 1 अप्रैल से शुरू होने वाले सत्र में उनका स्थानांतरण किया जाए.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 12, 2024, 8:56 PM IST

प्रयागराज : परिषदीय विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों के अंतर्जनपदीय स्थानांतरण (परस्पर सहमति के आधार पर) वर्तमान सत्र के समाप्त होने के पश्चात ही किए जाएंगे. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस संबंध में बेसिक शिक्षा परिषद को निर्देश दिया है कि यदि शिक्षकों द्वारा किया गया आवेदन सभी औपचारिकताओं से पूर्ण है तो 1 अप्रैल से शुरू होने वाले सत्र में उनका स्थानांतरण किया जाए. कोर्ट ने परस्पर सहमति वाले अंतर्जनपदी स्थानांतरण के मामले में शिक्षकों को उनके जिलों से कार्य मुक्त कर नई पोस्टिंग पर नियुक्त करने की मांग में दाखिल याचिका निस्तारित करते हुए यह आदेश दिया. निर्भय सिंह व अन्य की ओर से दाखिल याचिका पर न्याय मूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी ने सुनवाई की.

याचिका कर्ताओं का कहना था कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने तेजस्वी सिंह केस में 8 जनवरी 2014 को आदेश दिया था कि याचिका कर्ताओं से दोबारा आवेदन लेकर उनके अंतर्जनपदीय स्थानांतरण पर विचार किया जाए. इसके साथ ही कोर्ट ने अर्चना श्रीवास्तव केस में आदेश दिया था कि जिन परस्पर सहमति वाले मामले में सभी औपचारिकताएं पूरी हो चुकी हैं, उनका स्थानांतरण कर दिया जाए. बेसिक शिक्षा परिषद ने अर्चना श्रीवास्तव केस में दिए गए कोर्ट के आदेश पर ध्यान नहीं दिया. दूसरी ओर बेसिक शिक्षा परिषद के अधिवक्ता का कहना था कि परिषद ने यह निर्णय लिया है कि शैक्षणिक सत्र के मध्य में कोई भी अंतर्जनपदीय स्थानांतरण नहीं किया जाएगा. इस पर कोर्ट का कहना था कि अभी हम फरवरी के मध्य में हैं. नया शैक्षिक सत्र 1 अप्रैल से शुरू होगा, इसलिए छात्र हित में इस स्तर पर स्थानांतरण करना उचित नहीं होगा, क्योंकि इससे छात्रों की पढ़ाई पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा. कोर्ट ने कहा कि वर्तमान शैक्षणिक सत्र समाप्त होने पर याचिका कर्ताओं के आवेदन पर कानून के अनुसार निर्णय लिया जाए.

प्रयागराज : परिषदीय विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों के अंतर्जनपदीय स्थानांतरण (परस्पर सहमति के आधार पर) वर्तमान सत्र के समाप्त होने के पश्चात ही किए जाएंगे. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस संबंध में बेसिक शिक्षा परिषद को निर्देश दिया है कि यदि शिक्षकों द्वारा किया गया आवेदन सभी औपचारिकताओं से पूर्ण है तो 1 अप्रैल से शुरू होने वाले सत्र में उनका स्थानांतरण किया जाए. कोर्ट ने परस्पर सहमति वाले अंतर्जनपदी स्थानांतरण के मामले में शिक्षकों को उनके जिलों से कार्य मुक्त कर नई पोस्टिंग पर नियुक्त करने की मांग में दाखिल याचिका निस्तारित करते हुए यह आदेश दिया. निर्भय सिंह व अन्य की ओर से दाखिल याचिका पर न्याय मूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी ने सुनवाई की.

याचिका कर्ताओं का कहना था कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने तेजस्वी सिंह केस में 8 जनवरी 2014 को आदेश दिया था कि याचिका कर्ताओं से दोबारा आवेदन लेकर उनके अंतर्जनपदीय स्थानांतरण पर विचार किया जाए. इसके साथ ही कोर्ट ने अर्चना श्रीवास्तव केस में आदेश दिया था कि जिन परस्पर सहमति वाले मामले में सभी औपचारिकताएं पूरी हो चुकी हैं, उनका स्थानांतरण कर दिया जाए. बेसिक शिक्षा परिषद ने अर्चना श्रीवास्तव केस में दिए गए कोर्ट के आदेश पर ध्यान नहीं दिया. दूसरी ओर बेसिक शिक्षा परिषद के अधिवक्ता का कहना था कि परिषद ने यह निर्णय लिया है कि शैक्षणिक सत्र के मध्य में कोई भी अंतर्जनपदीय स्थानांतरण नहीं किया जाएगा. इस पर कोर्ट का कहना था कि अभी हम फरवरी के मध्य में हैं. नया शैक्षिक सत्र 1 अप्रैल से शुरू होगा, इसलिए छात्र हित में इस स्तर पर स्थानांतरण करना उचित नहीं होगा, क्योंकि इससे छात्रों की पढ़ाई पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा. कोर्ट ने कहा कि वर्तमान शैक्षणिक सत्र समाप्त होने पर याचिका कर्ताओं के आवेदन पर कानून के अनुसार निर्णय लिया जाए.

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