पटनाः पटना हाइकोर्ट ने पटना-गया-डोभी राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण मामले में सुनवाई की. चीफ जस्टिस केवी चंद्रन की खंडपीठ ने इस राजमार्ग के निर्माण और उसमें आने वाली समस्याओं के सम्बन्ध में निरीक्षण कर अगली सुनवाई में रिपोर्ट देने के लिए अधिवक्ताओं की एक कमिटी गठित की है. कोर्ट ने अधिवक्ता रूना को एडवोकेट कमिशनर नियुक्त करते हुए उन्हें इस राजमार्ग का निरीक्षण करने का निर्देश दिया है.
अगली सुनवाई कब होगीः एडवोकेट कमिशनर के साथ केंद्र सरकार के वरीय अधिवक्ता केएन सिंह और राज्य सरकार के अपर महाधिवक्ता अंजनी कुमार निरीक्षण करेंगे. सम्बन्धित विभाग के अधिकारीगण इस निरीक्षण कार्य में साथ होंगे. इसकी रिपोर्ट कमिटी को 1 अगस्त, 2024 तक कोर्ट में प्रस्तुत करना है. प्रतिज्ञा नामक संस्था द्वारा दायर इस जनहित याचिका पर अगली सुनवाई 1 अगस्त, 2024 को की जाएगी. पिछली सुनवाई में कोर्ट के समक्ष एनएचएआई ने राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की गयी थी.
पिछली सुनवाई में क्या हुआ थाः एनएचएआई ने कोर्ट को बताया था पटना के पास बीच नाथूपुरा व सरिस्ताबाद के बीच लिंक रोड बनाने की प्रक्रिया हो रही है. इस लिंक रोड को बनाने पर कार्य चल रहा है. कोर्ट को बताया गया था कि इस राष्ट्रीय राजमार्ग पर सड़क निर्माण का कार्य काफी हद पूरा हो गया है. लेकिन इसे पूरी तरह से यातायात चालू करने के लिए डायवर्जन और लिंक रोड बनाया जाना है. पूर्व की सुनवाई में कोर्ट ने गया और जहानाबाद जिले के डीएम को निर्देश दिया था कि सड़क निर्माण में आ रही बाधाओं को दूर करें.
क्या कहा था अधिवक्ता नेः याचिकाकर्ता के अधिवक्ता मनीष कुमार ने कोर्ट को बताया था कि सड़क निर्माण का काम पूरा हो चुका है, लेकिन लिंक रोड नहीं बनने के कारण यातायात चालू नहीं हो पा रहा है. वहां लोगों का आवागमन नहीं हो पा रहा है. याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता मनीष कुमार ने कोर्ट को बताया कि जिस गति से काम किया जा रहा है, ऐसे में तय समय सीमा में निर्माण कार्य पूरा होना कठिन है. उन्होंने कहा था कि तय समय सीमा में कार्य पूरा करने के लिए संसाधनों और कार्य करने वाले लोगों की संख्या बढ़ाने की जरूरत है.
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