जैसलमेर: राजस्थान उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश मनिंद्र मोहन श्रीवास्तव ने शनिवार को जिला एवं सेशन न्यायालय के नवीन भवन का लोकार्पण किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि किसी भी न्याय व्यवस्था के सुचारू संचालन में उसके आधारभूत ढांचे की आवश्यकता बहुत ही महत्वपूर्ण होती है. उन्होंने जैसलमेर न्यायालय भवन के बारे में कहा कि मैंने पिछले 15 वर्षों में करीब 100 न्यायालय देखें होंगे, लेकिन मैं ये विश्वास के साथ कह सकता हूं कि जैसलमेर का न्यायालय भवन सबसे सुंदर दिखने वाले भवनों में से एक है.
उन्होंने कहा कि इस न्यायालय में कई सुविधाओं विकसित की गई हैं. कई सुविधाओं का विस्तार किए जाने की जरूरत है. जिसे अतिशीघ्र ही पूरा किए जाने के प्रयास किए जाएंगे. उन्होंने कहा कि जैसलमेर न्यायालय भवन से आमजन को त्वरित, निष्पक्ष और गुणवत्तापूर्ण न्याय देने का प्रयास करें. उन्होंने कहा कि मैंने यहां के आंकड़े देखे कि जैसलमेर में अभी करीब 11 हजार प्रकरण लम्बित है. बड़े शहरों के मुकाबले फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है. लेकिन आवश्यकता है कि अधिवक्ता और न्यायाधीश आपसी सामंजस्य के साथ इन प्रकरणों का शीघ्रता से निस्तारण करें.
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इससे पहले चीफ जस्टिस को पुलिस जवानों ने गार्ड ऑफ ऑनर देकर स्वागत किया. इसके बाद उन्होंने न्यायालय भवन की लोकार्पण पट्टिका का अनावरण किया. राजस्थान हाईकोर्ट के जज योगेंद्र कुमार पुरोहित विशिष्ठ अतिथि के रूप में मौजूद रहे. जिला एवं सेशन न्यायाधीश पूरण कुमार शर्मा ने नए कोर्ट भवन की जानकारी मुख्य न्यायाधीश को दी. कार्यक्रम में मंच पर मुख्य न्यायाधीश का बार एसोसिएशन जैसलमेर के अध्यक्ष इंद्रसिंह भाटी ने भी स्वागत किया. इस कार्यक्रम में जिला कलेक्टर प्रतापसिंह, एसपी सुधीर चौधरी, न्याय क्षेत्र के तमाम अधिकारी, आर्मी, एयरफोर्स, बीएसएफ के अधिकारी, जिला व पुलिस प्रशासन के अधिकारियों सहित बड़ी संख्या में अधिवक्ता व न्यायिक कर्मचारी मौजूद रहे.