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दिल्ली में झुग्गियों को हटाने की कार्रवाई पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक, लोगों से मिलने पहुंचे सौरभ भारद्वाज - High Court bans action slums Delhi - HIGH COURT BANS ACTION SLUMS DELHI

High Court bans action slums Delhi: दिल्ली में रेलवे द्वारा झुग्गियों को हटाने की कार्रवाई पर रोक लगा दी है. इस पर मंत्री सौरभ भारद्वाज ने झुग्गी में रहने वाले लोगों से मुलाकात की. पढ़ें पूरी खबर...

झुग्गी में रहने वालों से मिले सौरभ भारद्वाज
झुग्गी में रहने वालों से मिले सौरभ भारद्वाज (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jul 19, 2024, 8:41 PM IST

नई दिल्ली: रेलवे द्वारा दिल्ली में कई जगहों पर वर्षों से बसी झुग्गियों को हटाने की कार्रवाई पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है. रेलवे ने दो दिन पहले भी दिल्ली की अलग-अलग इलाकों में बसी झुग्गियों को तोड़ने का नोटिस लगा दिया था. जैसे ही मामले की जानकारी दिल्ली सरकार को मिली, दिल्ली सरकार का डूसिब (दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड) विभाग इस मामले को लेकर हाईकोर्ट पहुंचा, जहां न्यायाधीश ने पूरे मामले का संज्ञान लेते हुए इस बात को माना कि झुग्गियों को गैर कानूनी तरीके से तोड़ा जा रहा है और रेलवे विभाग द्वारा झुग्गियों को तोड़ने के लिए जारी किए गए नोटिस पर स्टे लगा दिया.

कोर्ट के आदेश के बाद शहरी विकास मंत्री सौरभ भारद्वाज सरोजिनी नगर के पास स्थित फ्लाइंग क्लब जेजे कैंप पहुंचे और झुग्गी बस्ती में रहने वाले लोगों से मुलाकात कर उन्हें कोर्ट के स्टे की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि यह सभी झुग्गी बस्तियां दिल्ली सरकार के डूसिब विभाग के रिकॉर्ड के मुताबिक लिस्टेड झुग्गी बस्तियां हैं और कानूनन बस्तियों में रहने वाले लोगों को उनकी झुग्गी के बदले पक्का मकान देने से पहले नहीं तोड़ा जा सकता.

मंत्री भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली सरकार का यह कानून है कि दिल्ली में जहां कहीं भी झुग्गी बस्तियां हैं, उन झुग्गी बस्तियों को तोड़ने से पहले उन लोगों को रहने का पक्का मकान दिया जाएगा. कानून के अनुसार जो भी एजेंसी झुग्गियों को तोड़ेगी, उस एजेंसी की यह जिम्मेदारी होगी कि पहले उन झुग्गियों में रहने वाले लोगों को वहीं आसपास के क्षेत्र में पक्के मकान बना कर दे. उसके बाद ही उन झुग्गियों को तोड़ा जाएगा. उन्होंने कहा कि हमने कोर्ट के समक्ष भी इसी बात को रखा और हाईकोर्ट ने हमारी इस बात को स्वीकार करते हुए केंद्र शासित रेलवे विभाग की कार्रवाई पर स्टे लगा दिया.

यह भी पढ़ें- चिल्ला यमुना खादर में झुग्गी झोपड़ियों पर चला डीडीए का बुलडोजर, रैन बसेरा को भी तोड़ा

उन्होंने कहा कि यदि रेलवे विभाग इन झुग्गियों को तोड़ना चाहता है तो पहले इन झुग्गियों के बदले झुग्गियों में रहने वाले लोगों को पक्के मकान बनाकर दे. जब तक झुग्गी में रहने वाले सभी लोगों को पक्का मकान बनकर नहीं मिल जाता, तब तक कानून के मुताबिक इन झुग्गियों को नहीं तोड़ने दिया जाएगा. रेलवे विभाग ने दिल्ली में कई जगहों जैसे फ्लाइंग क्लब जेजे कैम्प, दिल्ली कैंट झुग्गी बस्ती, लोहा मंडी झुग्गी बस्ती, राजीव गांधी कैंप, बुद्ध नगर एवं इन्द्रपुरी झुग्गी बस्ती आदि में इस प्रकार के नोटिस चिपकाए थे, जबकि यह झुग्गी बस्तियां डूसिब विभाग में लिस्टेड झुग्गी बस्तियों में आती हैं.

यह भी पढ़ें- मंत्री आतिशी ने विकास के लिए मांगे 10 हजार करोड़, कहा- दिल्लीवाले 2 लाख करोड़ इनकम टैक्स देते हैं, केंद्र सरकार कर रही अन्याय

नई दिल्ली: रेलवे द्वारा दिल्ली में कई जगहों पर वर्षों से बसी झुग्गियों को हटाने की कार्रवाई पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है. रेलवे ने दो दिन पहले भी दिल्ली की अलग-अलग इलाकों में बसी झुग्गियों को तोड़ने का नोटिस लगा दिया था. जैसे ही मामले की जानकारी दिल्ली सरकार को मिली, दिल्ली सरकार का डूसिब (दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड) विभाग इस मामले को लेकर हाईकोर्ट पहुंचा, जहां न्यायाधीश ने पूरे मामले का संज्ञान लेते हुए इस बात को माना कि झुग्गियों को गैर कानूनी तरीके से तोड़ा जा रहा है और रेलवे विभाग द्वारा झुग्गियों को तोड़ने के लिए जारी किए गए नोटिस पर स्टे लगा दिया.

कोर्ट के आदेश के बाद शहरी विकास मंत्री सौरभ भारद्वाज सरोजिनी नगर के पास स्थित फ्लाइंग क्लब जेजे कैंप पहुंचे और झुग्गी बस्ती में रहने वाले लोगों से मुलाकात कर उन्हें कोर्ट के स्टे की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि यह सभी झुग्गी बस्तियां दिल्ली सरकार के डूसिब विभाग के रिकॉर्ड के मुताबिक लिस्टेड झुग्गी बस्तियां हैं और कानूनन बस्तियों में रहने वाले लोगों को उनकी झुग्गी के बदले पक्का मकान देने से पहले नहीं तोड़ा जा सकता.

मंत्री भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली सरकार का यह कानून है कि दिल्ली में जहां कहीं भी झुग्गी बस्तियां हैं, उन झुग्गी बस्तियों को तोड़ने से पहले उन लोगों को रहने का पक्का मकान दिया जाएगा. कानून के अनुसार जो भी एजेंसी झुग्गियों को तोड़ेगी, उस एजेंसी की यह जिम्मेदारी होगी कि पहले उन झुग्गियों में रहने वाले लोगों को वहीं आसपास के क्षेत्र में पक्के मकान बना कर दे. उसके बाद ही उन झुग्गियों को तोड़ा जाएगा. उन्होंने कहा कि हमने कोर्ट के समक्ष भी इसी बात को रखा और हाईकोर्ट ने हमारी इस बात को स्वीकार करते हुए केंद्र शासित रेलवे विभाग की कार्रवाई पर स्टे लगा दिया.

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उन्होंने कहा कि यदि रेलवे विभाग इन झुग्गियों को तोड़ना चाहता है तो पहले इन झुग्गियों के बदले झुग्गियों में रहने वाले लोगों को पक्के मकान बनाकर दे. जब तक झुग्गी में रहने वाले सभी लोगों को पक्का मकान बनकर नहीं मिल जाता, तब तक कानून के मुताबिक इन झुग्गियों को नहीं तोड़ने दिया जाएगा. रेलवे विभाग ने दिल्ली में कई जगहों जैसे फ्लाइंग क्लब जेजे कैम्प, दिल्ली कैंट झुग्गी बस्ती, लोहा मंडी झुग्गी बस्ती, राजीव गांधी कैंप, बुद्ध नगर एवं इन्द्रपुरी झुग्गी बस्ती आदि में इस प्रकार के नोटिस चिपकाए थे, जबकि यह झुग्गी बस्तियां डूसिब विभाग में लिस्टेड झुग्गी बस्तियों में आती हैं.

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