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बिना काउंसलिंग सहायक शिक्षकों के प्रमोशन और पदस्थापना पर रोक, बिलासपुर हाईकोर्ट ने मांगा जवाब - HIGH COURT BANNED PROMOTION

शिक्षा विभाग में बिना काउंसलिंग सहायक शिक्षकों के प्रमोशन और पदस्थापना पर हाईकोर्ट ने रोक लगाई है.

High court banned promotion of assistant teachers
बिना काउंसलिंग सहायक शिक्षकों के प्रमोशन और पदस्थापना पर रोक (ETV BHARAT CHHATTISGARH)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jan 17, 2025, 3:47 PM IST

बिलासपुर : छत्तीसगढ़ शिक्षा विभाग में शासन के नियमों का उल्लंघन कर बिना काउंसलिंग सहायक शिक्षकों को प्रमोशन और पदस्थापना देने के मामले में हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. प्राइमरी स्कूलों के सहायक शिक्षकों को हेडमास्टर के पद पर प्रमोशन के बाद काउंसिलिंग के जरिए पोस्टिंग देने के आदेश थे. लेकिन बिलासपुर के डीईओ ने कुछ सहायक शिक्षकों को काउंसिलिंग के बगैर पदस्थापना दे दी. इसे लेकर हाईकोर्ट में याचिका लगाई गई. इसके बाद हाईकोर्ट ने 27 दिसंबर 2024 को जारी पोस्टिंग आदेश के प्रभाव और क्रियान्वयन पर रोक लगा दी है.

क्या है मामला ? : याचिकाकर्ता हलधर प्रसाद साहू ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई है.याचिकाकर्ताओं के वकील अश्विनी शुक्ला ने कोर्ट में बताया कि प्राइमरी स्कूलों के शिक्षकों को हेडमास्टर के पद पर पदोन्नति के बाद काउंसलिंग के जरिए पदस्थापना के आदेश हैं. लेकिन याचिकाकर्ताओं को काउंसलिंग के बिना ही कोटा और मस्तूरी में पोस्टिंग दे दी गई.

राज्य सरकार के 7 फरवरी 2022 को जारी सर्कुलर के अनुसार पद खाली होने पर पदोन्नत शिक्षकों को उस स्कूल में ही पदस्थापना दी जानी है, लेकिन ऐसा नहीं किया गया. याचिकाकर्ताओं के स्कूल में पद रिक्त हैं, लेकिन उसकी दूसरी जगह पोस्टिंग कर दी गई है. हाईकोर्ट ने राज्य सरकार समेत अन्य को नोटिस जारी किया है.साथ ही 27 दिसंबर 2024 को जारी आदेश के प्रभाव और क्रियान्वयन पर रोक लगाई- अश्विनी शुक्ला, वकील

हाईकोर्ट के न्यायाधीश अमरेंद्र किशोर प्रसाद सिंगल बेंच ने सुनवाई के दौरान इस मामले के तथ्यों एवं परिस्थितियों पर विचार करते हुए, विशेष रूप से निदेशक, लोक शिक्षण द्वारा जारी दिनांक 07.02.2022 के ज्ञापन का अध्ययन किया.इसके बाद वर्तमान याचिकाकर्ताओं के संबंध में 27 दिसंबर 2024 के पदस्थापना आदेश के प्रभाव एवं प्रवर्तन पर रोक लगा दी है. साथ ही उन्हें अपने संबंधित विद्यालयों में कार्य करने की अनुमति दी है जहां वे पदोन्नति से पूर्व कार्यरत थे. वहीं 24 मार्च, 2025 तक या उससे पहले जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है. इस मामले पर अब अगली सुनवाई 2 अप्रैल को होगी.

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हाईकोर्ट के न्यायाधीश अमरेंद्र किशोर प्रसाद सिंगल बेंच ने सुनवाई के दौरान इस मामले के तथ्यों एवं परिस्थितियों पर विचार करते हुए, विशेष रूप से निदेशक, लोक शिक्षण द्वारा जारी दिनांक 07.02.2022 के ज्ञापन का अध्ययन किया.इसके बाद वर्तमान याचिकाकर्ताओं के संबंध में 27 दिसंबर 2024 के पदस्थापना आदेश के प्रभाव एवं प्रवर्तन पर रोक लगा दी है. साथ ही उन्हें अपने संबंधित विद्यालयों में कार्य करने की अनुमति दी है जहां वे पदोन्नति से पूर्व कार्यरत थे. वहीं 24 मार्च, 2025 तक या उससे पहले जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है. इस मामले पर अब अगली सुनवाई 2 अप्रैल को होगी.

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