लखनऊ: क्या आपने बड़ा और खूबसूरत दिखने वाला लहसुन खरीदकर इस्तेमाल किया है. यदि हां तो ये आपकी सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है. क्योंकि यह चाइनीज लहसुन है. जो लखनऊ समेत राज्य के अधिकांश जिलों के सभी सब्जी बाजारों तक पहुंच चुका है. अब चाइनीज लहसुन को तलाशने में न सिर्फ खाद्य विभाग बल्कि यूपी एसटीएफ भी सब्जी मंडियों के चक्कर लगा रही है. यहां तक कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इसका संज्ञान लिया हैं. आइए आपको सिलसिलेवार बताते हैं कि चाइनीज लहसुन कैसे यूपी के मंडियों तक पहुंचा, कितना नुकसान दायक है और इसे खोजने के लिए यूपी एसटीएफ तक को क्यों मंडियों के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं.
कोर्ट में पेश हुआ चाइनीज लहसुनः बता दें कि हर वर्ष बारिश के मौसम में लहसुन के दाम में होने वाली बढोतरी को देखते वर्ष 2014 में पहली बार भारत में चीनी लहसुन की दस्तक हुई थी. जिसके बाद सरकार ने इस पर बैन लगा दिया था. लेकिन इस बार लहसुन के दाम आसमान छूने लगे तो अचानक एक बार फिर से इसी चीनी लहसुन की एंट्री यूपी समेत कई राज्यों की मंडियों में हो गई. खासकर उन राज्यों में जो नेपाल व बांग्लादेश के सीमावर्ती हैं. इसी चाइनीज लहसुन को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल हुई है. कोर्ट में भारत में उत्पादित होने वाला और चाइनीज लहसुन पेश किया गया. जिस पर कोर्ट ने सरकार से पूछ लिया कि जब यह चाइनीज लहसुन बैन है तो मार्केट में कैसे बिक रहा और खाद्य विभाग इस पर क्या कर रहा है?
फूड सेफ्टी विभाग व STF मंडियों में ढूंढ रही चाइनीज लहसुनः हाईकोर्ट की टिप्पणी के बाद खाद्य विभाग ने सतर्कता बढ़ा दी है. लखनऊ के सहायक खाद्य आयुक्त विजय प्रताप ने बताया कि फूड सेफ्टी विभाग बीते एक हफ्ते से राजधानी की सभी सब्जी मंडियों में तलाशी अभियान चला रहे है. चाइनीज लहसुन यदि कहीं मिलता है तो उसके खिलाफ विधिक कार्रवाई की जाएगी. हालांकि अभी किसी भी मंडी में चाइनीज लहसुन नहीं दिखा है. साफ है कि एजेंसियों के एक्टिव होते ही चाइनीज लहसुन डंप कर दिए गए हैं. वहीं, चाइनीज लहसुन की तलाश यूपी एसटीएफ को भी है. एसटीएफ न सिर्फ सब्जी मंडियों में डेरा डाले हुई है बल्कि तस्करी रूट जैसे महराजगंज, बहराइच और लखीमपुर खीरी पर नजर गड़ाए हुए हैं. एजेंसी के मुताबिक, चाइनीज लहसुन नेपाल के रास्ते भारत में लाया जाता है. गौरतलब है कि सेहत पर विपरीत प्रभावों के चलते केंद्र सरकार ने चीन से आने वाले लहसुन को प्रतिबंधित कर रखा है.
कहां पैदा होता है चाइनीज लहसुन?
सब्जियों के विशेषज्ञ डॉक्टर हीरा लाल बताते है कि चाइनीज लहसुन नाम से ही पता चलता है कि यह चीन में उगाया जाता है. इसकी खेती चीन के शेडोंग प्रांत में होती है. चीनी लहसुन का आकार आम तौर पर बड़ा होता है और इसका रंग चमकीला सफ़ेद या गुलाबी होता है. चाइनीज लहसुन को पहचानना काफी आसान है, क्योंकि इसका रंग, आकार, और गंध देसी लहसुन से अलग होती है. यह काफी सस्ता होता है, जिस वजह तस्कर इसे बाजार में बेच कर बड़ा फायदा उठाते हैं.
क्यों होता है यह नुकसान दायक?
चाइनीज लहसुन में सामान्य कई लाभकारी गुणों का अभाव होता है. इसमें चमकदार सफेद रंग देने के लिए उसे क्लोरीनयुक्त किया जाता है, ताकि यह बिल्कुल सफेद हो और दूर से ही लोगों को पसंद आ जाए. इसके अलावा चीनी लहसुन में जिंक और आर्सेनिक जैसी हानिकारक धातुएं भी होती हैं, यह कैंसर का कारण है. बच्चों में क्लोरीन और आर्सेनिक युक्त चीनी लहसुन खाने से स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है. इसके अलावा इसमें सिंथेटिक की भी मात्रा पाई जाती है, जो लीवर के लिए काफी नुकसान दायक है.
कैसे करें चाइनीज व देशी लहसुन में फर्क
सहायक खाद्य आयुक्त विजय प्रताप सिंह ने बताया कि उपभोक्ता सस्ते दाम को सुन अनजाने में चाइनीज लहसुन खरीद रहा है. ऐसे में ग्राहक को यह समझना होगा कि कैसे इससे बचा जा सकता है. देसी लहसुन की कलियां छोटी या नॉर्मल साइज की होती हैं. इसकी गांठों पर काफी दाग-धब्बे होते हैं. छिलका बिलकुल सफेद नहीं होता है और यह कहीं ज्यादा खुशबूदार होता है. इतना ही नहीं इसकी कलियों को रगड़ने पर हाथ पर हल्की चिपचिपाहट सी होती है. जबकि चाइनीज लहसुन काफी चमकीला सफेद सा होता है. इसकी कालियां मोटी और बड़ी होती है, इसमें खुशबू न के बराबर होती है.
आप भी तो नहीं खा रहे चीन का जहरीला लहसुन? बैन के बावजूद यूपी में धड़ल्ले से बिक रहा, ऐसे पहचानें - Chinese Garlic
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ सहित प्रदेश के बाजारों में चाइनीज लहसुन पहुंच गया है, जो स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है. हाईकोर्ट के निर्देश के बाद खाद्य विभाग और एसटीएफ मंडियों में लहसुन को ढूंढ रही हैं. ऐसे में आइए जानते हैं कितना खतरनाक है यह लहसुन...
By ETV Bharat Uttar Pradesh Team
Published : Sep 27, 2024, 5:10 PM IST
|Updated : Sep 28, 2024, 6:28 PM IST
लखनऊ: क्या आपने बड़ा और खूबसूरत दिखने वाला लहसुन खरीदकर इस्तेमाल किया है. यदि हां तो ये आपकी सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है. क्योंकि यह चाइनीज लहसुन है. जो लखनऊ समेत राज्य के अधिकांश जिलों के सभी सब्जी बाजारों तक पहुंच चुका है. अब चाइनीज लहसुन को तलाशने में न सिर्फ खाद्य विभाग बल्कि यूपी एसटीएफ भी सब्जी मंडियों के चक्कर लगा रही है. यहां तक कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इसका संज्ञान लिया हैं. आइए आपको सिलसिलेवार बताते हैं कि चाइनीज लहसुन कैसे यूपी के मंडियों तक पहुंचा, कितना नुकसान दायक है और इसे खोजने के लिए यूपी एसटीएफ तक को क्यों मंडियों के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं.
कोर्ट में पेश हुआ चाइनीज लहसुनः बता दें कि हर वर्ष बारिश के मौसम में लहसुन के दाम में होने वाली बढोतरी को देखते वर्ष 2014 में पहली बार भारत में चीनी लहसुन की दस्तक हुई थी. जिसके बाद सरकार ने इस पर बैन लगा दिया था. लेकिन इस बार लहसुन के दाम आसमान छूने लगे तो अचानक एक बार फिर से इसी चीनी लहसुन की एंट्री यूपी समेत कई राज्यों की मंडियों में हो गई. खासकर उन राज्यों में जो नेपाल व बांग्लादेश के सीमावर्ती हैं. इसी चाइनीज लहसुन को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल हुई है. कोर्ट में भारत में उत्पादित होने वाला और चाइनीज लहसुन पेश किया गया. जिस पर कोर्ट ने सरकार से पूछ लिया कि जब यह चाइनीज लहसुन बैन है तो मार्केट में कैसे बिक रहा और खाद्य विभाग इस पर क्या कर रहा है?
फूड सेफ्टी विभाग व STF मंडियों में ढूंढ रही चाइनीज लहसुनः हाईकोर्ट की टिप्पणी के बाद खाद्य विभाग ने सतर्कता बढ़ा दी है. लखनऊ के सहायक खाद्य आयुक्त विजय प्रताप ने बताया कि फूड सेफ्टी विभाग बीते एक हफ्ते से राजधानी की सभी सब्जी मंडियों में तलाशी अभियान चला रहे है. चाइनीज लहसुन यदि कहीं मिलता है तो उसके खिलाफ विधिक कार्रवाई की जाएगी. हालांकि अभी किसी भी मंडी में चाइनीज लहसुन नहीं दिखा है. साफ है कि एजेंसियों के एक्टिव होते ही चाइनीज लहसुन डंप कर दिए गए हैं. वहीं, चाइनीज लहसुन की तलाश यूपी एसटीएफ को भी है. एसटीएफ न सिर्फ सब्जी मंडियों में डेरा डाले हुई है बल्कि तस्करी रूट जैसे महराजगंज, बहराइच और लखीमपुर खीरी पर नजर गड़ाए हुए हैं. एजेंसी के मुताबिक, चाइनीज लहसुन नेपाल के रास्ते भारत में लाया जाता है. गौरतलब है कि सेहत पर विपरीत प्रभावों के चलते केंद्र सरकार ने चीन से आने वाले लहसुन को प्रतिबंधित कर रखा है.
कहां पैदा होता है चाइनीज लहसुन?
सब्जियों के विशेषज्ञ डॉक्टर हीरा लाल बताते है कि चाइनीज लहसुन नाम से ही पता चलता है कि यह चीन में उगाया जाता है. इसकी खेती चीन के शेडोंग प्रांत में होती है. चीनी लहसुन का आकार आम तौर पर बड़ा होता है और इसका रंग चमकीला सफ़ेद या गुलाबी होता है. चाइनीज लहसुन को पहचानना काफी आसान है, क्योंकि इसका रंग, आकार, और गंध देसी लहसुन से अलग होती है. यह काफी सस्ता होता है, जिस वजह तस्कर इसे बाजार में बेच कर बड़ा फायदा उठाते हैं.
क्यों होता है यह नुकसान दायक?
चाइनीज लहसुन में सामान्य कई लाभकारी गुणों का अभाव होता है. इसमें चमकदार सफेद रंग देने के लिए उसे क्लोरीनयुक्त किया जाता है, ताकि यह बिल्कुल सफेद हो और दूर से ही लोगों को पसंद आ जाए. इसके अलावा चीनी लहसुन में जिंक और आर्सेनिक जैसी हानिकारक धातुएं भी होती हैं, यह कैंसर का कारण है. बच्चों में क्लोरीन और आर्सेनिक युक्त चीनी लहसुन खाने से स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है. इसके अलावा इसमें सिंथेटिक की भी मात्रा पाई जाती है, जो लीवर के लिए काफी नुकसान दायक है.
कैसे करें चाइनीज व देशी लहसुन में फर्क
सहायक खाद्य आयुक्त विजय प्रताप सिंह ने बताया कि उपभोक्ता सस्ते दाम को सुन अनजाने में चाइनीज लहसुन खरीद रहा है. ऐसे में ग्राहक को यह समझना होगा कि कैसे इससे बचा जा सकता है. देसी लहसुन की कलियां छोटी या नॉर्मल साइज की होती हैं. इसकी गांठों पर काफी दाग-धब्बे होते हैं. छिलका बिलकुल सफेद नहीं होता है और यह कहीं ज्यादा खुशबूदार होता है. इतना ही नहीं इसकी कलियों को रगड़ने पर हाथ पर हल्की चिपचिपाहट सी होती है. जबकि चाइनीज लहसुन काफी चमकीला सफेद सा होता है. इसकी कालियां मोटी और बड़ी होती है, इसमें खुशबू न के बराबर होती है.