जयपुर. स्वच्छता सर्वेक्षण में पिछड़े जयपुर की खोई साख लौटाने के उद्देश्य से हेरिटेज नगर निगम ने नया प्रयोग किया है, जिसके तहत शहर के कुछ वार्डों में कम्युनिटी वर्कर हूपर्स के साथ डोर टू डोर जाकर नागरिकों को गीले और सूखे कचरे में अंतर बताते हुए इसे हूपर में बने पार्टीशन में अलग-अलग डालने का प्रशिक्षण दे रहे हैं. वे घरों में दो अलग-अलग कचरा पात्र में गीला कचरा और सूखा कचरा रखने की अपील कर रहे हैं. ये प्रयोग सफल रहता है तो हेरिटेज निगम क्षेत्र में चलने वाले सभी 240 हूपर के साथ इसी तरह एक कम्यूनिटी हेल्पर को भेजा जाएगा, ताकि कचरा एकत्रित करने की पहली सीढ़ी पर ही उसे अलग-अलग किया जा सके.
हेरिटेज नगर निगम ने शहर को स्वच्छ बनाने की दिशा में 'जागो जयपुर जगमग जयपुर' नाम से एक कैंपेन चला रखा है. इसके तहत अब डोर टू डोर कचरा संग्रहण करने वाले हूपर के साथ कम्युनिटी वर्कर भी हर घर तक जा रही हैं. निगम कमिश्नर अभिषेक सुराणा ने बताया कि सेनिटेशन के क्षेत्र में काम करने वाले एनजीओ की महिलाओं को इस मुहिम में शामिल किया है. हर दिन एक हूपर के साथ क्षेत्र में एक ड्राइवर, एक हेल्पर और एक कम्यूनिटी वर्कर जाते हैं. वे कचरा डालने वाले नागरिकों से अपील करते हैं कि गीला और सूखा कचरा अलग-अलग डालें।
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निगम आयुक्त ने बताया कि फिलहाल पायलट प्रोजेक्ट के तहत ये व्यवस्था आदर्श नगर विधानसभा क्षेत्र के 6 वार्डों में की गई है. प्रयास यही है कि आने वाले कुछ सप्ताह में यदि इन वार्डों में सेग्रीगेशन कर लेते हैं, तो इस मॉडल को बाकी वार्डों में भी धरातल पर उतारा जाएगा. उन्होंने बताया कि वर्तमान में हेरिटेज नगर निगम क्षेत्र में सभी 100 वार्डों में 240 हूपर डोर टू डोर कचरा संग्रहण के कार्य के लगे हैं. वहीं, सौ हूपर नाली के कचरा और मलबे को उठाने का काम करते हैं. निकट भविष्य में इन सभी हूपर के साथ एक कम्युनिटी वर्कर जाएगा, जो लोगों को सेग्रीगेशन का पाठ पढ़ाएगा.
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आयुक्त ने जनता से की अपील: उन्होंने ईटीवी भारत के माध्यम से लोगों से अपील करते हुए कहा है कि शहरवासी अपना गीला और सूखा कचरा अलग-अलग डस्टबिन में डालें. गीला कचरा हरे और सूखा कचरा नीले डस्टबिन में डालें. उन्होंने बताया कि इससे न सिर्फ घर में हाइजीन मेंटेन होगा, बल्कि घर में ही लोग होम कंपोस्टिंग कर सकते हैं. यही नहीं जब टिकाऊ विकास के लक्ष्यों की बात होती है तो उसमें आम व्यक्ति का भी सहयोग रहेगा, क्योंकि यदि कचरे को सेग्रीगेट किया जाता है तो रिसायकल होने वाले मैटेरियल को इस्तेमाल किया जा सकेगा. खास करके प्लास्टिक को रीयूज किया जा सकेगा और वेस्ट प्रोसेसिंग प्लांट भी सफलतापूर्वक काम कर सकेंगे.