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झाड़ियों सी दिखने वाली ये जड़ी है अमृत, जानिए किन बीमारियों को काटती है कटसरैया - Herbal Medicine Katsariya - HERBAL MEDICINE KATSARIYA

आयुर्वेद में ऐसी ढेर सारी औषधियां हैं जो हमारे आसपास ही हैं लेकिन हमें इनकी पहचान नहीं है. ऐसा ही एक पौधा है कटसरैया जो कंटीला होता है और हमारे आसपास ही मिल जाता है. ऐसा कहा जाता है कि कटसरैया 84 तरह के रोगों को जड़ से खत्म कर देता है.

HERBAL MEDICINE KATSARIYA
कई रोगों में रामबाण है कटसरैया (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : May 8, 2024, 7:57 PM IST

भोपाल। कहीं घूरे में तो कहीं झाड़ियों में ऊगने वाली जड़ी. ऐसी जड़ी जो हड्डियों से जुड़े असाध्य रोगों समेत कई बीमारियों में अमृततुल्य है. कटसरैया कहते हैं इसे. आर्युवेद में कटसरैया का पौधा वो औषधि है जो लकवे से लेकर साइटिका, गठिया, पक्षाघात समेत 84 तरह के रोगों को जड़ से खत्म कर देता है. मध्यप्रदेश के आयुर्वेदिक केन्द्र संजीवनी के वैधराज केएल बासरे कहते हैं कटसरैया नाम से ही बता देता है कि हर रोग को जड़ से काट देने वाला है ये. इसलिए इसे अमृत औषधि भी कहते हैं.

कई रोगों में रामबाण है कटसरैया

कांटेदार पौधा जो झाड़ियों में भी ऊग आता है. देखकर शायद आप भी इसे जंगली पौधा समझकर उखाड़ फेंके लेकिन आयुर्वेद की जानकारी होगी तो आप जान सकेंगे कि ये कही भी ऊग आने वाला कंटीला पौधा और कुछ नहीं अमृततुल्य औषधि है. राजधानी भोपाल के संजीवनी आयुर्वेद केन्द्र के वैद्यराज केएल बासरे कटसरैया के गुण बताते हैं. वे कहते हैं इसे आप अमृततुल्य औषधि कह सकते हैं. सबसे बड़ी खूबी कि ये हड्डियों से जुड़े रोगों में तो एकदम कारगर है. वे कहते हैं 80 से ज्यादा रोगों को जड़ से खत्म होता है. उनमें साइटिका का दर्द गठियावाथ रोग, पक्षाघात, सूजन कटसरैया इन सब रोगों में रामबाण की तरह है. वैद्यराज कहते हैं दांत के दर्द से लेकर डायबीटिज तक, पेट की गड़बड़ से लेकर खांसी जुकाम में भी फायदेमंद है.

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कैसे रोग काटता है कटसरैया

आर्युवेद के जानकार वैद्यराज केएल बासरे बताते हैं कटसरैया की पत्तियों में होता है ये अमृत. यूं तो इसे सुखाकर इसका चूरण बना लिया जाता है. इसके पावडर का भी इस्तेमाल करते हैं, लेकिन अगर आप इसे अपने घर की क्यारी में लगा लें तो हरी पत्तियों का सीधा अर्क भी आपको मिल सकता है. करना बस इतना है कि 7 से 9 पत्तियां कटसरिया की लेकर इन्हें उबालना है पानी में. साथ में अर्जुन की छाल भी ले सकते हैं. आधा चम्मच इसमें अर्जुन की छाल का पावडर मिला लें. सुबह शाम इसे छानकर पीएं. आप देखेंगे कि असाध्य से असाध्य रोग को काट देता है कटसरैया. ये एक ऐसी जड़ी है जो एक साथ कई रोगों के उपचार में कारगर है.

भोपाल। कहीं घूरे में तो कहीं झाड़ियों में ऊगने वाली जड़ी. ऐसी जड़ी जो हड्डियों से जुड़े असाध्य रोगों समेत कई बीमारियों में अमृततुल्य है. कटसरैया कहते हैं इसे. आर्युवेद में कटसरैया का पौधा वो औषधि है जो लकवे से लेकर साइटिका, गठिया, पक्षाघात समेत 84 तरह के रोगों को जड़ से खत्म कर देता है. मध्यप्रदेश के आयुर्वेदिक केन्द्र संजीवनी के वैधराज केएल बासरे कहते हैं कटसरैया नाम से ही बता देता है कि हर रोग को जड़ से काट देने वाला है ये. इसलिए इसे अमृत औषधि भी कहते हैं.

कई रोगों में रामबाण है कटसरैया

कांटेदार पौधा जो झाड़ियों में भी ऊग आता है. देखकर शायद आप भी इसे जंगली पौधा समझकर उखाड़ फेंके लेकिन आयुर्वेद की जानकारी होगी तो आप जान सकेंगे कि ये कही भी ऊग आने वाला कंटीला पौधा और कुछ नहीं अमृततुल्य औषधि है. राजधानी भोपाल के संजीवनी आयुर्वेद केन्द्र के वैद्यराज केएल बासरे कटसरैया के गुण बताते हैं. वे कहते हैं इसे आप अमृततुल्य औषधि कह सकते हैं. सबसे बड़ी खूबी कि ये हड्डियों से जुड़े रोगों में तो एकदम कारगर है. वे कहते हैं 80 से ज्यादा रोगों को जड़ से खत्म होता है. उनमें साइटिका का दर्द गठियावाथ रोग, पक्षाघात, सूजन कटसरैया इन सब रोगों में रामबाण की तरह है. वैद्यराज कहते हैं दांत के दर्द से लेकर डायबीटिज तक, पेट की गड़बड़ से लेकर खांसी जुकाम में भी फायदेमंद है.

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कैसे रोग काटता है कटसरैया

आर्युवेद के जानकार वैद्यराज केएल बासरे बताते हैं कटसरैया की पत्तियों में होता है ये अमृत. यूं तो इसे सुखाकर इसका चूरण बना लिया जाता है. इसके पावडर का भी इस्तेमाल करते हैं, लेकिन अगर आप इसे अपने घर की क्यारी में लगा लें तो हरी पत्तियों का सीधा अर्क भी आपको मिल सकता है. करना बस इतना है कि 7 से 9 पत्तियां कटसरिया की लेकर इन्हें उबालना है पानी में. साथ में अर्जुन की छाल भी ले सकते हैं. आधा चम्मच इसमें अर्जुन की छाल का पावडर मिला लें. सुबह शाम इसे छानकर पीएं. आप देखेंगे कि असाध्य से असाध्य रोग को काट देता है कटसरैया. ये एक ऐसी जड़ी है जो एक साथ कई रोगों के उपचार में कारगर है.

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